03 अप्रैल 2010

तपती गर्मी और सुरक्षा

उबला पानी : अक्सर पानी का बदलाव शरीर पर दुष्प्रभाव छोड़ता है। इससे बचने के लिए अपने साथ उबला हुआ पानी ले जाएँ या सादे पानी में एक हल्दी की गाँठ डाल लें।

नींबू, नमक, शकर और खाने का सोडा : अपने साथ नींबू, शकर, नमक व खाने का सोडा भी रखें। जब अधिक गर्मी सताए या जी मिचलाए तो एक कप पानी में एक चम्मच शकर, नींबू का रस व एक चुटकी सोडा मिलाकर पी लें। नींबू चूसना भी फायदेमंद रहेगा। सादा नमक का पानी बार-बार पीने से भी गर्मी अधिक परेशान नहीं करेगी।

सेंधा नमक और अजवाइन : यदि आपको पित्त गिरने की शिकायत रहती है तो अपने साथ सेंधा नमक और अजवाइन मिलाकर रखें। दो-तीन बार खा लें।

प्याज : लू से बचने के लिए एक प्याज अपने पॉकेट या पर्स में लपेटकर रखें। इसे बार-बार सूँघने से लू नहीं लगेगी।

कच्चे आम का पना : कच्चे आम को उबालकर उसको ठंडा कर लें। ठंडे पानी में गूदे को मैश करके छान लें। थोड़ी-सी हींग, सौंफ और जीरा भूनकर पीस लें। सूखा पुदीना, शकर, काला और सेंधा नमक इस शरबत में मिलाएँ। इस शरबत को बाहर जाने से पहले पी लेने से लू नहीं लगेगी या गंतव्य स्थान पर पहुँच कर पी लें।

गीला तौलिया व आँवला : गर्मी में खासतौर पर सफर के दौरान एक गीला तौलिया हमेशा सिर पर रखें या हो सके तो एक गीला कपड़ा खिड़की पर बाँध लें। यदि अचानक नकसीर फूट जाए तो गीला कपड़ा नाक पर रख लें और ठंडा पानी सिर पर डालें। यदि आपको नकसीर की बीमारी है तो शुद्ध घी में आँवला पीसकर बराबर मात्रा में मिला लें और इसे भी साथ रख लें। इसे लगाने से खून रुक जाएगा।

त्रिकुटी चूर्ण : कम से कम खाइए। फिर भी अपचन न हो, इसके लिए त्रिकुटी का चूर्ण शहद के साथ सुबह ही खा लीजिए। काली पीपल, काली मिर्च व सौंठ को बराबर मात्रा में लेकर पावडर बना लीजिए। सफर में शहद के साथ यह चूर्ण खाने से आपको पेट संबंधी समस्या परेशान नहीं करेगी।

आई ड्रॉप व कॉटन : यदि आपकी आँखें जल्दी लाल हो जाती हैं तो आँखों को साफ करने का लोशन व रुई भी साथ में रखिए। लोशन में रुई का फाहा भिगोकर थकी और लाल आँखों पर रखिए। आपको बहुत आराम मिलेगा।