वास्तविक जीवन में हम देखते रहते हैं कि व्यक्ति एक स्थान से जैसे ही दूसरे स्थान पर जाता है, तो उसका भाग्य चमक उठता है। वह पूर्व में उतना ही परिश्रम कर रहा था, परन्तु उसे परिश्रम के अनुरूप परिणाम प्राप्त नहीं हो रहे थे। ऐसा क्यों होता है? यह विचार प्राय: सभी के मन-मस्तिष्क में आता है। कोई ख़ास दिशा किसी व्यक्ति के लिये लाभदायक है, तो दूसरों के लिये हानिकारक है। जैसे ही व्यक्ति सफलतादायक दिशा की ओर जाकर कार्य करता है, उसकी सफलता एवं लाभ में वृद्धि होती जाती है।
दिशा का तो इतना महत्व है कि सोने की दिशा भी यदि उपयुक्त नहीं हो, तो नींद भी नहीं आती है, फिर भाग्योदय एवं सफलता बिना उपयुक्त दिशा के कैसे प्राप्त होगी, आप स्वयं ही समझ सकते हैं।
सफलतादायक दिशा का निर्धारण मूलांक से किया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति के जन्मदिन की तारीख उसका मूलांक होता है जैसे; किसी व्यक्ति का जन्म 6 फरवरी को हुआ है, तो उसका मूलांक 6 होगा। हम सभी 1 से 9 तक के भीतर ही जन्म लेते हैं और इन अंकों का संबंध नवग्रहों से है।
मूलांक 1 : आपका जन्म दिनाक 1, 10, 19 अथवा 28 है, तो आपकी सफलता की दिशा दक्षिण-पूर्व होगी। स्वास्थ्य की दिशा पूर्व होगी तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा उत्तर होगी।
मूलांक 2 : 2, 11, 20 तथा 29 जन्म तारीख वाले लोगों की सफलता की दिशा उत्तर-पूर्व, स्वास्थ्य दिशा पश्चिम, पारिवारिक सुख-शांति की दिशा उत्तर-पश्चिम तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा दक्षिण-पश्चिम होगी।
मूलांक 3 : 3, 12, 21 और 30 जन्म तारीख वाले जातकों की सफलता की दिशा दक्षिण, स्वास्थ्य दिशा उत्तर। पारिवारिक सुख-शांति की दिशा दक्षिण-पूर्व होगी।
मूलांक 4 : 4, 13, 22 तथा 31 जन्म तारीख वाले जातकों की सफलता की दिशा उत्तर, स्वास्थ्य दिशा दक्षिण, पारिवारिक सुख-शांति की दिशा पूर्व तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा दक्षिण-पूर्व होगी।
मूलांक 5 : 5, 14 और 23 जन्म तारीख वाले जातकों की सफलता की दिशा उत्तर-पूर्व अथवा दक्षिण-पश्चिम, स्वास्थ्य दिशा पश्चिम या उत्तर पश्चिम, पारिवारिक सुख-शांति की दिशा उत्तर-पश्चिम या पश्चिम तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्व होगी।
मूलांक 6 : 6, 15, 24 जन्म तारीख वाले जातकों की सफलता की दिशा पश्चिम, स्वास्थ्य दिशा उत्तर-पूर्व, पारिवारिक सुख-शांति की दिशा दखिन-पश्चिम तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा दक्षिण-पश्चिम अथवा उत्तर-पूर्व होगी।
मूलांक 7 : 7, 16, 25 जन्म तारीख वाले जातकों की सफलता की दिशा उत्तर-पश्चिम, स्वास्थ्य, दिशा दक्षिण-पश्चिम, पारिवारिक सुख-शांति की दिशा उत्तर-पूर्व तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा पश्चिम होगी।
मूलांक 8 : 8, 17, 26 जन्म तारीख वाले जातकों की सफलता की दिशा दक्षिण-पश्चिम, स्वास्थ्य दिशा उत्तर-पश्चिम, पारिवारिक सुख-शांति की दिशा पश्चिम तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा उत्तर-पूर्व होगी।
मूलांक 9 : 9, 18, 27 जन्म तारीख वाले जातकों की सफलता की दिशा पूर्व, स्वास्थ्य दिशा दक्धीन-पूर्व, पारिवारिक सुख-शांति की दिशा उत्तर तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा काशीं होगी।
08 जुलाई 2011
टोने टोटके - कुछ उपाय -12 (Tonae Totke - Some Tips - 12)
कारोबार में उन्नति के लिए
यदि परिश्रम के बावजूद कारोबार में उन्नति न हो रही हो तो शभ चंद्र के दिन गरु पष्य योग में प्रातः काल हरे रंग के कपड़े की एक छोटी थैली तैयार करें। श्री गणेश जी के चित्र के समक्ष संकट नाशक गणेश स्तोत्र का पाठ कर इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनियां, एक पंचमखी रुद्राक्ष, चांदी का 1 रुपये का एक सिक्का, 2 सुपारियां और हल्दी की 2 गांठें रखकर गणेश जी को शद्घ घी के मोदक का भोग लगाएं। फिर यह थैली तिजोरी या कैश बॉक्स में रख दें। यह उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ होगा।
शीघ्र विवाह हेतु
* यदि कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो, तो उसे गरुवार को पीले और शक्रवार को सफेद वस्त्र पहनाएं। वस्त्र नए होने चाहिए। यह प्रयोग चार सप्ताह तक करें, अच्छे प्रस्ताव आने लगेंगे और विवाह शीघ्र होगा।* जिस समय कन्या के परिजन वर-पक्ष से विवाह वार्तालाप के लिए जा रहे हों, उस समय कन्या अपने बालों को खोले रखे तथा उनके लौट कर आने तक न जूडा बनाए न चोटी। कन्या को चाहिए कि अपने परिजनों को विवाह वार्ता के लिए प्रस्थान करते समय प्रसन्नतापूर्वक मिष्ठान विदा करे।
* शीघ्र विवाह के लिए कन्याओं को १६ सोमवार का व्रत तथा प्रत्येक सोमवार को शिव मंदिर में जाकर जलाभिषेक करना चाहिए और शिवजी से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करनी चाहिए।
* विवाह के इच्छक लड़के या लडकियां शक्रवार को भगवान शंकर का जलाभिषेक करें तथा शिवलिंग पर ॐ नमः शिवाय बोलते हुए 108 पष्प चढ़ाएं। ऐसा 7 शक्रवार करें, विवाह शीघ्र होगा।
* गरुवार को लक्ष्मीनारायण मंदिर में कलगी और वेसन के 5 लड्डू चढ़ाएं और भगवान से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें।
* वर या कन्याएं पीपल को 43 दिन तक लगातार जल चढ़ाएं, शादी में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। यह क्रिया रविवार को न करें। कन्याएं मासिकधर्म के समय जल न चढ़ाएं।
* यदि कोई लडका अथवा लडकी अपने प्रेमी के लिए दीवानी हो और उसे उस दीवानापन से मक्त कराना हो तो लोहे के एक टुकडे को तीन बार आग में गर्म करके तीन बार पानी से बुझाएं और बुझाते समय हर बार यह कहते जाएं कि जिस प्रकार यह गर्म लोहा पानी में शीतल होता है इसके मन को भी शीतल कर दें। हर बार पानी लडके या लडकी के वक्षस्थल पर भी छिड कें। यह क्रिया 3 दिन तक करें, जातक और जातका अपने-अपने प्रेमी को भूल जाएंगे।
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Posted by Udit bhargava at 7/08/2011 03:21:00 pm 0 comments
07 जुलाई 2011
टोने टोटके - कुछ उपाय - 11 (Tonae Totke - Some Tips - 11)
ग्रहजन्य दोषों से मुक्ति के चमत्कारी टोटके
राहु : यदि राहु पूर्णतः अशुभ फलकारी हो, उसके फलस्वरूप लोगों से शत्रुता चल रही हो, घर में हर समय लड़ाई झगड़े होते रहते हों, मन इधर-उधर भटकता रहता हो और मानसिक संतुलन बिगड़ गया हो तो निम्नलिखित उपाय करें। प्रातः काल जल्दी उठकर लाल रंग की मसूर की दाल या कुछ सिक्के सफाई कर्मचारी (मेहतर) को दान करें। अपने पैतृक मकान में प्रवेश करते समय चौखट पर चांदी का टुकड़ा रखें। यदि राहु द्वादश में हो तो जातक अपने साथ होने वाले लड़ाई-झगड़े, मुकदमे आदि से परेशान रहता है। इन सबसे बचाव के लिए जातक को खाना अपनी रसोई में बैठकर खाना चाहिए। पत्नी से कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए और किसी को भयभीत नहीं करना ाहिए। साथ ही अपने शयन कक्ष में हनुमान जी का चित्र लगाकर रखना चाहिए। यदि कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ हो, तो नदी में नारियल प्रवाहित करना चाहिए। यदि जातक टी. बी. से ग्रस्त हो और औषधियों से कोई लाभ नहीं हो रहा हो, तो उसे जौ को गाय के मूत्र से धोकर लाल कपड़े में बांधकर अपने साथ रखना चाहिए। |
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ग्रहों की धूप : सूर्य : लोहबान, चंदन, जाफरान (केसर)। मंगल : लाल मिर्च, अफीम, लौंग, गुग्गुल। बुध : लोहबान, गुग्गुल, बादाम, चमेली की जड़। गुरु : केसर, नागरमोथा, श्वेत चंदन, लाल चंदन। शुक्र : लोहबान। शनि : काली मिर्च, लाख, गुग्गुल। चंद्र : कपूर, लोहबान। |
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किराएदार से मकान खाली कराने हेतु : पुष्य नक्षत्र में सांप की रीढ़ की हड्डी लाकर उसे विद्वेषण मंत्र से अभिमंत्रित कर लें और फिर उसका पाउडर बनाकर जो कमरा किराए पर दे रखा हो उसमें बिखेर दें। किराएदार को रात में घर में सांप ही सांप दिखाई देंगे और उनकी आवाजें सुनाई देंगी और वह डरकर मकान खाली करके भाग जाएगा। नजर उतारने के टोटके नमक, राई, लहसुन, प्याज के छिलके, बाल और सूखी हुई मिर्च को आग के एक अंगारे पर डाल दें और उसे नजर दोष से प्रभावित जातक के सिर पर से सात बार उतार लें। जलने पर यदि बदबू आए तो समझें कि जातक नजर दोष से मुक्त है। यदि बदूब नहीं आए तो समझें कि वह नजरदोष से प्रभावित है। हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी के कंधों से सिंदूर लेकर अपने माथे पर टीका करें। गेहूं के आटे का दीपक बनाएं और उसमें काले धागे की बत्ती डालकर उसे जलाएं और उसके पास दो सूखी लाल मिर्च रखें। फिर उसे बुरी नजर से प्रभावित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उतारें। नजर से प्रभावित व्यक्ति के सिर पर से फिटकरी उतार कर उसे बाएं हाथ से कूटकर उसका चूर्ण बना लें और उसे किसी कुएं या तालाब में फेंक दें। छोटे बच्चे को किसी स्त्री की नजर लगी हो तो उसे घर बुलाकर हाथ फिरा लें तथा बच्चे को प्यार करते हुए आशीर्वाद दे दें। |
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Posted by Udit bhargava at 7/07/2011 08:36:00 am 1 comments
टोने टोटके - कुछ उपाय - 10 (Tonae Totke - Some Tips - 10)
कुछ विशेष मंत्रों के जप तथा कुछ चौपाइयों के पाठ से रोगों, क्लेशों तथा अन्य विन-बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यहां ऐसे ही कुछ मंत्रों और रामायण की कुछ चौपाइयों का विवरण प्रस्तुत है, जिनके नियमित जप तथा पाठ से वांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।
नजर कामण शांतिकरण |
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मंत्र - क्क नमो सत्नाम आदेश गुरु को क्क नमो नजर जहां पर पीर न जानी बोले छल सों अमृत बानी कहो नजर कहां ते आई यहां की ढेरि तोहि कौंन बताई। कौन जात तेरी को ढाम, किसी बेटी कहो तेरो नाम। कहां से उड़ी कहां को जादा। अब ही बस करले तेरी माया। मेरी बात सुनो चित्त लगाय जैसे होय सुनाऊं आय। तेलन तमोलन चुहड़ी चमारी कायथनी खतरानी कुम्हारी महतरानी राजा रानी। जाको दोष ताहि सिर पर पड़े। हनुमंतवीर नजर से रक्षा करे। मेरी भक्ति गुरु की शक्तिफुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
विन बाधाओं से मुक्ति हेतु रामायण की कुछ विशेष चौपाइयों का पाठ करना चाहिए, जो इस प्रकार हैं।
नजर दोष से मुक्ति के लिए: |
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भूत भगाने के लिए: |
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कठिन क्लेश से मुक्ति के लिए: |
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दरिद्रता दूर करने के लिए: |
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शीघ्र विवाह के लिए: |
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साधना में रक्षा मंत्र चारों ओर खींचना जिसे लक्ष्मण रेखा कहा जाता है।
माममिरक्षय रघुकुल नायक। घृत वर चाप रुचिर कर सायक॥
मानसिक पीड़ा दूर करने करे लिए: |
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अकाल मृत्यु बचाव के लिए: |
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कन्या के विवाह हेतु: |
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विचार शुद्धि के लिए: |
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विविध रोगों से रक्षा के लिए: |
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Posted by Udit bhargava at 7/07/2011 07:56:00 am 0 comments
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