गर्भवती महिला को अपने गर्भ की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए। यदि आपका गर्भ सुरक्षित है, तब भी आप यहाँ दिए गए प्रयोग कर लाभ उठा सकती हैं।
प्रथम मास में गर्भिणी स्त्री को मिश्री मिला दूध दोनों समय अवश्य पीना चाहिए।
दूसरे मास में शतावरी का चूर्ण 10 ग्राम मात्रा में फांककर ऊपर से कुनकुना गर्म मीठा दूध पीना चाहिए।
तीसरे मास में ठंडे दूध में 1 चम्मच घी तथा तीन चम्मच शहद डालकर पीना चाहिए। यह उपाय आठवें माह तक करें। घी व शहद समान मात्रा में नहीं लेना चाहिए,क्योंकि यह जहरीला हो सकता है।
पूरे चौथे मास में दूध में मक्खन मिलाकर सेवन करें।
पाँचवें मास में फिर दूध में घी लें।
छठे तथा सातवें मास में फिर शतावरी चूर्ण डालकर दूध का सेवन करें।
आठवें मास में दलिया बनाकर, दूध डालकर सेवन करना चाहिए।
नौवें मास में शतावरी साधित तेल 50 ग्राम लेकर रात को एनिमा हर तीसरे दिन लेना चाहिए।
तीसरे मास से लेकर आठवें मास तक दोनों समय एक बड़ा चम्मच सोमघृत दूध में मिलाकर सेवन करना चाहिए।
03 अप्रैल 2010
गर्भवती महिला के लिए घरेलू नुस्खे
Posted by Udit bhargava at 4/03/2010 09:37:00 pm
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