16 मार्च 2010

करियर




कैसे चुनें करियर?
आजकल स्टूडेंट्स के मन में एक ही सवाल घूमता रहता है-कौन सा करियर चुनें? करियर का चयन करना एक महत्वपूर्ण फैसला है। किसी भी छात्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उसने सही समय पर सही निर्णय लिया है या नहीं।
करियर की प्लानिंग के दौरान स्टूडेंट खुद की क्षमता और रुचि को सामने रखे, फिर संबंधित क्षेत्रों में संभावनाओं के बारे में पता करे। इसके बाद निर्णय लेने की बारी आती है और अंत में जब लक्ष्य तय हो जाए, तब उस पर डटे रहना जरूरी है।


इन्फॉर्मेशन इज पॉवर
आजकल दुनिया बडी तेजी से बदल रही है और इसमें अवसरों की कोई कमी नहीं है, लेकिन चूंकि प्रतिस्पर्धा जबरदस्त है, इसलिए करियर की सही तरीके से प्लानिंग करने वाला स्टूडेंट ही आगे निकल पाता है। ट्रैडिशनल करियर के अलावा नए करियर ऑप्शन्स की भी कोई कमी नहीं है। इसलिए नए-नए अवसरों की तलाश के प्रति सतर्क रहना चाहिए। नई पीढी का स्लोगन है- इन्फॉर्मेशन इज पॉवर। न्यूजपेपर, मैगजीन, रेडियो, टीवी और इंटरनेट - इन सभी माध्यमों से प्राप्त इन्फॉर्मेशन को आधार बनाते हुए करियर प्लानिंग करने में बहुत मदद मिलती है। हां, स्टूडेंट जिस भी क्षेत्र में जाने का निर्णय ले, उससे संबंधित प्रोफेशनल्स से बात करने से बहुत लाभ मिलता है।

कैसे तय करें लक्ष्य?
अपने अंदर की आवाज को सुनने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए सेल्फ एनालिसिस जरूरी है। हर स्टूडेंट के अंदर कुछ खूबियां और कुछ खामियां होती हैं। इसलिए अपनी ताकत और कमजोरी दोनों को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य तय करना चाहिए। मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए खुद को टेक्निकली और प्रोफेशनली मजबूत बनाना चाहिए।

कौन तय करे करियर - फ्रेंड्स या पेरेंट्स?
किसी भी स्टूडेंट को करियर अपनी पसंद का ही चुनना चाहिए। जिस क्षेत्र में रुचि हो, उसी में आगे बढने की संभावना अधिक होती है। किसी के दबाव में आकर कभी निर्णय नहीं लेना चाहिए। हां, जहां तक इन्फॉर्मेशन की बात है, तो फ्रेंड्स और पेरेंट्स से निश्चित रूप से मदद मिल सकती है। कुछ स्टूडेंट्स अपनी क्षमता को ध्यान में नहीं रखते हुए बहुत बडा एंबिशन पाल लेते हैं, जिसका अंत अच्छा नहीं होता। जैसे सिविल सर्विस के क्रेज में पडकर कई स्टूडेंट्स दूसरे किसी क्षेत्र के लिए प्रयास नहीं करते और अंत में वे किसी लायक नहीं रह जाते। वैसे बडा लक्ष्य जरूर रखना चाहिए, लेकिन अपनी क्षमताओं और सीमाओं का सही मूल्यांकन भी जरूरी है।

करियर में सफलता का फॉर्मूला
एटिट्यूड, एप्टिट्यूड और कमिटमेंट के कॉम्बिनेशन के साथ-साथ हार्डवर्क और पेशॅन्श, यानी कडी मेहनत और धैर्य जरूरी।

किसी ने क्या खूब कहा है :

मंजिल पे जिन्हें जाना है, शिकवे नहीं करते,
शिकवों में जो उलझे हैं, पहुंचा नहीं करते।


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