शुगर
· मधुमेह में प्यास अधिक होने पर पानी में नींबू निचोड़ कर पिलाने से लाभ होता है।
· मधुमेह में रोगी को नारंगी कम मात्रा में खानी चाहिये।
· ताजे ऑंवले के रस में शहद मिलाकर पीने से मधुमेह ठीक हो जाता है।
· मधुमेह के रोगी को जब बहुत तीव्र इच्छा मीठा खाने की हो तो खजूर का सेवन कर सकते हैं।
· मधुमेह में करेला महाऔषधि है रोज प्रात: करेले का रस पीने या दिन में तीन बार 15 ग्राम करेले के रस में 100 ग्राम पानी मिलाकर पीने से लाभ होता है। छाया में सुखाये हुए करेलों का चूर्ण 6 ग्राम दिन में एक बार दें। खाने में करेले की सब्जी लें।
याददाश्त
· सर्दी के मौसम में सवेरे अखरोट की निशास्ता या पेय बनाकर पीना चाहिए। इससे दिमाग बहुत अच्छा हो जाता है, नींद बहुत सुखद आती है। कब्ज भी दूर होती है तथा चेहरे की कान्ति में चार चाँद लग जाते हैं, इसके साथ यह वीर्य-पुष्टिकर एवं वृद्धि करने वाला योग भी है।
· तिल के लड्डू रोजाना खाने से मानसिक दुर्बलता व तनाव कम होता है।
· सौंफ और मिश्री का समभाग चूर्ण मिलाकर दो चम्मच दोनों समय भोजन के बाद, लेते रहने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है। एक मास या दो मास लें।
· 4 दिमागी कमजोरी, गुर्दे की खराबी, स्मरण शक्ति की कमी में भोजन से पहले एक मीठा सेब बिना छीले खाना चाहिए।
हिचकी
· यदि किसी को हिचकी आ रही हो तो दो चम्मच प्याज के रस में दो चम्मच ही शहद मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बन्द हो जाती है।
· पुदीने की पत्ती को शक्कर के साथ चबाकर उसका रस चूसने तथा नींबू का रस चूसने से हिचकी नहीं आती है।
· सोंठ और पुराना देसी गुड़ बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर दिन में कई बार सूंघने से फायदा होता है।
· यदि हिचकी आ रही हो तो थोड़ी मात्रा में शहद चाटें, सोंठ और छोटी हरड़ को पानी में घिसकर इसका एक चम्मच गाढ़ा लेप एक कप गुनगुने पानी में घोलकर पिलाने से हिचकी में आराम मिलता है।
जी मिचलाना
· तुलसी रस का एक छोटा चम्मच पी जाएँ, या शहद मिलाकर चाटने से जी मिचलना बंद हो जाएगा।
· जीरे को नींबू के रस में भिंगोकर नमक मिलाकर खटाई का जीरा बनाएं। जी मिचलाने पर या गर्भवती स्त्री के जी मिचलाने या उबकाई आदि में यह चूर्ण खाना विशेष लाभदायक है।
· अखरोट खाने से जी मिचलाना दूर हो जाता है।
· जी मिचलाने पर टमाटर का सेवन करने से विशेष लाभ होता है।
अधिक प्यास
· पानी में नींबू निचोड़कर पीयें, तरबूज का सेवन भी हितकारी है। मुलहठी को मुंह में रखकर चूसने से भी धीरे-धीरे प्यास कम होने लगती है।
· आलूबुखारा 10 ग्राम, नमक 1 ग्राम, जीरा 1 ग्राम, इमली 10 ग्राम को पीसकर 100 ग्राम पानी में मिलाकर पीने से प्यास से राहत मिलती है।
· मुलहठी को मुँह में रखकर चूसें तो प्यास मिटती है।
· ताजा कच्चा सिंघाड़ा प्यास को कम करता है।
· शंखा होली 10 ग्राम, मिश्री 30 ग्राम को पीसकर शर्बत बनाकर पीने से प्यास में कमी आ जाती है।
पेट दर्द
· यदि पेट दर्द हो रहा हो तो काली मिर्च, हींग, सोठ तीनों को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस कर आधा चम्मच फांक कर ऊपर से गुनगुने पानी से लेने से पेट दर्द से तुरंत राहत मिलती है।
· अदरक के रस में नींबू का रस, काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट दर्द गायब हो जाता है।
· तीन इलायची को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से पेट दर्द में जल्द फायदा होता है।
· यदि किसी वस्तु के खाने से पेट दर्द होता है तो कुछ दिन लगातार शहद का सेवन करने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
भूख न लगना
· यदि भूख नहीं लग रही हो, खाया हुआ भोजन देर से पच रहा हो, खट्टी डकार तथा पेट फुलने जैसे पेट संबंधी अनेक बीमारी में बथुआ का साग मात्र एक महीने तक सेवन करने से विशेष फायदा होता है।
· भूख बढ़ाने के लिए सौंठ, हरड़ और काला जीरा के चूर्ण एवं बेल का गूदा छाछ में मिलाकर पीने से भूख बढ़ जाती है।
· खाने की इच्छा नहीं हो रही हो तो सोंठ और गुड़ के साथ हरड़ के चूर्ण का सेवन करने से आशातीत लाभ होता है।
· गर्मी की वजह से भी कई बार भूख नहीं लगती। ऐसी स्थिति में भोजन के एक घण्टे पहले बर्फ का पानी पेट-भर पीने से भी भूख लग आती है।
अनिद्रा
· कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें गहरी नींद नहीं आती है जिसके कारण वे विशेष परेशान हैं, ऐसे में उन्हें क्षीर पाक बनाकर सेवन करना चाहिए। क्षीर पाक बनाने के लिए अश्वगंधा का बारीक चूर्ण 10 ग्राम, गाय का दूध 250 मिलीलीटर, 250 मिलीलीटर पानी मिलाकर किसी मिट्टी के पात्र में धीमी आंच पर उबालें, जब जल उड़ जाए तो छानकर इस दूध का सेवन करें।
· भेड़ का दूध हाथ-पैरों पर मलने से अच्छी नींद आती है।
· सेब का मुरब्बा सोने से पहले खाएं तो अच्छी नींद आएगी। सेब खाकर सोने से भी अच्छी नींद आती है।
· सोने से पहले शहद गर्म पानी में घोलकर पीयें, भरपूर नींद आयेगी।
उल्टी
. नींबू का रस व एक चम्मच शक्कर दो चम्मच जल में मिलाकर एक-एक घंटे पर रोगी को देने पर उल्टी रुक जाती है।
. 5 ग्राम पुदीना, 2 ग्राम सेंधा नमक एक साथ पीसकर और उसे शीतल जल में घोलकर पीने से उल्टी का शमन होता है।
गर्मी में इन्हें भी आजमाइये
. गर्मी के मौसम में सत्तू घोलकर पीने से शरीर को ठंडक मिलती है।
. सौंफ का चूर्ण दूध में मिलाकर पीने से गर्मी से बचाव होता है।
19 मार्च 2010
घरेलु उपचार 8
Posted by Udit bhargava at 3/19/2010 09:27:00 am
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