19 मार्च 2010

घरेलु उपचार 2

मुहांसे
· करेले के छिलकों को मसलकर चेहरे पर लगाएं और कुछ देर तक लगा रहने दें, कुछ देर बाद चेहरा धो डालें। ऐसा सप्ताह में कई बार करें, चेहरे के काले दाग-धब्बे धीरे-धीरे हल्के पड़ जाएंगे।
· संतरे के छिलके छाया में सुखाकर इसका बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की थोड़ी मात्रा लें और उसमें उतना ही बेसन मिला दें। इस मिश्रण को थोड़े पानी में डालकर छोड़ दें। पन्द्रह मिनट बाद इसका गाढ़ा घोल तैयार हो जाएगा। इस लेप को मुँहासों पर लगाएं। दस मिनट बाद गुनगुन पानी से मुँह धो लें। यही क्रिया एक-डेढ़ महीने तक करें, मुहांसे ठीक हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त संतरे के छिलके के चूर्ण को ही अगर गुलाबजल में घोलकर भी लेप लगाते रहें, तो इससे भी समान लाभ प्राप्त होगा।
हल्दी तथा बेसन मिश्रण में गाजर और टमाटर का रस मिलाकर लेप बनाकर मुंह पर लगाने से मुंहासे ठीक हो जाते हैं।
· नींबू के पेड़ की छाल के गुदे को चन्दन की तरह घिसकर मुंहासे पर लगाने से मुंहासे ठीक होने के साथ ही दाग-धब्बे मिट जाते हैं।
· नीम की निबोली को छाछ में घिसकर या पीसकर मुंहासों पर सुबह-शाम मलने से फायदा होता है।
· दूध में हल्दी व चन्दन को पीसकर रात को शरीर व चेहरे पर मलने से मुंहासे व दाग मिट जाते है।

चोट लगना, खून बहना
· शरीर के चोट-ग्रस्त भाग पर प्याज को पीसकर उसमें हल्दी मिलाकर तिल के तेल में गरम कर पोटली बनाकर बांधने से दर्द एवं सूजन में फायदा होता है।
· पेड़ या वाहन आदि से गिर जाने पर गुम चोट हो तो एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच पिसी फिटकरी मिलाकर तुरन्त पिला देने से अन्दर का खून थक्का नहीं बनने पाता तथा दर्द से राहत मिलती है।

आंखों में जलन
· हल्दी, फिटकरी और इमली के पत्ताें को समभाग लेकर इन्हें पीसकर पुल्टिस बनाकर सेंक करने से नेत्रों की जलन और लाली दूर होती है।
· साफ रुई को दूध में भिगोकर आंखों पर रखें। ऐसा दिन में 3-4 बार करें। इसमें आंखों को ठंडक मिलती है और उनकी जलन व लालिमा दूर होती है।

एनीमिया (रक्त अल्पता)
· 50 ग्राम काला तिल और 50 ग्राम दालचीनी को मिलाकर पीस लें। इस चूर्ण को आधा कप दूध या पानी के साथ लेने से कमजोरी शीघ्र दूर हो जाती है।
· एक महीने तक छह-सात प्रतिदिन खाने से बेजान शरीर में जान आयेगी और कमजोरी दूर हो जायेगी।

कब्ज
· एरंड का तेल 14 चम्मच (छोटा चम्मच) लेकर समान मात्रा में शहद मिलाकर चटाएं। नवजात शिशुओं में इसकी मात्रा दस बूंद ही होनी चाहिए।
· एक खजूर (गुठली रहित) को रात भर पानी में भिगोकर रखें, सुबह उसे मसल-पीसकर कल्क बना लें। इसे 1-1 चम्मच दिन में 3-4 बार सेवन कराएं। इसके नियमित सेवन से शिशुओं में बार-बार होने वाली कब्ज ठीक हो जाती है

हिचकी
· सोंठ और पुराना देसी गुड़ बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर दिन में कई बार सूंघने से फायदा होता है।
· यदि हिचकी आ रही हो तो थोड़ी मात्रा में शहद चाटें, सोंठ और छोटी हरड़ को पानी में घिसकर इसका एक चम्मच गाढ़ा लेप एक कप गुनगुने पानी में घोलकर पिलाने से हिचकी में आराम मिलता है।

चेहरे की चमक
· खीरे को कद्दूकस में कसकर उसमें नींबू का रस, हल्दी व बेसन मिलायें। इसे चेहरे पर लगायें।
· बादाम एक-दो लेकर रात को पानी में गला दें। सुबह-दूध के साथ पीसकर चेहरे पर लगायें। 5-10 मिनट के बाद मसलकर चेहरा धो लें। चेहरा चमक उठेगा।

हड्डी टूटना
· लहसुन के लेप से टूटी हुई हड्डियों की चोट में भी आराम मिलता है।
· हड्डी टूटने पर 12 ग्राम शहद में 12 ग्राम गेहूँ की राख मिलाकर चाटने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जायेगी। कमर और जोड़ों के दर्द में भी इससे फायदा होगा।

घुटने का दर्द
· घुटने पर जहां दर्द, सूजन और पथराया-सा लगे उस जगह सौंठ भुने गर्म तेल की मालिश करके उस जगह पर कपड़ा बांधें तथा शीत व हवा से बचाएं। खटाई व शीतल पदार्थ से परहेज आवश्यक है।
· सौंठ का चूर्ण या अदरक का रस, काली मिर्च, बायबिडंग तथा सेंधा नमक का चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण की 3-3 ग्राम मात्रा शहद में मिलाकर चाटने से घुटने के दर्द में आराम मिलता है।

सुन्न
· लहसुन की एक गांठ और सोंठ की एक गांठ को लेकर सिल पर पानी का छींटा देकर पीसकर लेप बना लें। इस लेप को उस अंग पर लगायें जो सुन्न पड़ जाता हो। 10 दिनों तक यह प्रयोग नित्य एक बार करते रहें तो लाभ होगा। इस लेप को सूखने पर उतार दें।
· दो चम्मच नारियल तेल में दो बूंद जायफल का तेल डालकर मिला लें। त्वचा की शून्यता वाले जगह पर यह तेल लगाकर मालिश करने से त्वचा-शून्यता दूर हो जाएगी।