सौंदर्य और शारीरिक पोषण उद्योग के 11 हजार करोड़ सालाना कारोबार वाले क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं।
खास बात यह कि सौंदर्य प्रसाधन और सेवा क्षेत्र में आर्थिक मंदी के बावजूद रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। तेजी से बढ़ते इस सेवा क्षेत्र में प्रशिक्षित कर्मियों का लगातार अभाव रहता है। अन्य क्षेत्रों के मुकाबले यह कारोबार ज्यादा तेजी से अपनी पहचान बनाते हुए आगे बढ़ रहा है।
देश के सभी बड़े शहरों में इस क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग केंद्र चल रहे हैं। इन्हीं में से एक वीएलसीसी इंस्टिट्यूट की देश के 36 शहरों में इस प्रकार की प्रशिक्षण सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
वीएलसीसी के व्यापार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने बताया कि मेले के दौरान सौंदर्य और वेलनेस उद्योग क्षेत्र की हर्बल ग्लो, ओजोन ग्रुप, मिनारो एंपेक्स, नेचर्स एसेंस जैसी कंपनियों ने अपने यहाँ काम करने के लिए उम्मीदवारों का चयन किया।
उन्होंने बताया कि अब सौंदर्य प्रसाधनों और प्रबंधन का क्षेत्र केवल ब्यूटी सैलून आदि जैसी गतिविधियों तक सीमित नहीं रह गया। इसमें स्पा ट्रीटमेंट, अरोमोथेरेपी, नेल आर्ट, थेरेप्यूटिक ब्यूटी ट्रीटमेंट आदि जैसे क्षेत्र भी शामिल हो चुके हैं। यही कारण है कि मंदी के दौर में सौंदर्य पेशेवरों को नौकरियाँ मिल रही हैं।
17 मार्च 2010
करियर विकल्प - सौंदर्य से निखरता करियर
Posted by Udit bhargava at 3/17/2010 04:23:00 pm
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