टेक्निकल राइटर ऐसी रिपोर्टें लिखता है, जो कोई भी तकनीकी रूप से अभिमुखी प्रोफेशनल/ विशेषज्ञ/ एक्सपर्ट अपने नियमित कार्य के रूप में करता है। वह उपयोग कैसे करें मैन्युअल्स, प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स, ऑनलाइन हेल्प फाइल्स, अनुदेश तथा संस्थापन गाइड्स लिखते हैं :
आईटी, कंज्युमर प्रॉडक्ट्स, मेडिकल, जर्नल्स जैसे विभिन्न उद्योगों के लिए ब्रोशर तथा ग्रॉफिकल प्रेजेंटेशन तैयार करते हैं। इंजीनियरों के साथ काम करने वाला टेक्निकल राइटर आम लोगों के लिए इंजीनिरिंग तथा डिजाइनिंग संबंधी जानकारी का लेखन करता है।
सामान्यतः वह उपभोक्ताओं को उत्पाद को समझने तथा उसे उपयोग करने में मदद करता है। इसके लिए टेक्निकल राइटर को उत्पाद के ज्ञान के साथ-साथ उसकी प्रौद्योगिकी का अच्छा ज्ञान होना चाहिए, भले ही इस क्षेत्र के एक्सपर्ट न हो। टेक्निकल राइटर उस खास तकनीकी क्षेत्र में सुविज्ञता विकसित करता है, जिसमें वह कार्य करता है और कुछ वह लिखता है अथवा क्षेत्र के बारे में कहता है, उसे टेक्निकल कम्युनिकेशन अथवा तकनीकी सम्प्रेषण कहा जाता है।
पात्रता : टेक्निकल कम्युनिकेशन के क्षेत्र में किसी तरह की औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती है। पत्रकारिता तथा जनसंचार में डिग्रीधारी या डिप्लोमाधारकों के अलावा अँगरेजी साहित्य, विज्ञान या आईटी के स्नातक, जिनकी अँगरेजी भाषा पर अच्छी पकड़ हो वे टेक्निकल राइटर बन सकते हैं। इस प्रोफेशन में कम्प्यूटर साक्षरता तथा सॉफ्टवेयर एप्लिकेशंस का ज्ञान मदद करता है। हमारे यहाँ गिने-चुने विश्वविद्यालयों के जनसंचार विभाग में टेक्निकल राइटिंग के सर्टिफिकेट कोर्स चलाए जाते हैं।
केरल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन, कालीकट के मास्टर ऑफ कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म कोर्स में टेक्निकल राइटिंग का एक वैकल्पिक प्रश्न-पत्र होता है तथा चेन्नई स्थित स्टेला मॉरिस कॉलेज द्वारा टेक्निकल राइटिंग में अल्पावधि कार्यक्रम संचालित किया जाता है, लेकिन विदेशों के कई संस्थानों में टेक्निकल राइटिंग के डिग्री डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इसके अलावा कई ऑन लाइन कोर्स भी उपलब्ध हैं, जो टेक्निकल राइटर बनने में मददगार साबित हो सकते हैं। टेक्निकल राइटिंग कोर्स गहन लेखन पर आधारित है।
टेक्निकल राइटिंग के कोर्स प्रत्याशियों को किसी खास ग्राहक वर्ग के लिए यथोचित तकनीकी विषय के लेखन, संपादन तथा प्रूफरीडिंग के स्पष्ट, संक्षिप्त तथा समझने लायक तरीके सिखाता है। यह तकनीकी रिपोर्ट को तैयार करने के लिए आवश्यक कौशल जैसे कि हेडिंग, लिस्ट्स का विशेष फार्मेट का उपयोग करने तथा रिपोर्ट एवं स्पेशल नोटिसों में, जहाँ आवश्यक हो ग्रॉफिक्स रखने की आसान तकनीकें बताता है।
इस तरह के पाठ्यक्रम माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पेज मेकर, फ्रेम मेकर, रॉब हेल्प तथा फ्रंट पेज जैसे सॉफ्टवेयर टूल्स को लिखने में मदद करते हैं, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि इस क्षेत्र का अधिकांश ज्ञान तथा तकनीकी सुविज्ञता कार्य करते हुए प्राप्त अनुभव से ही प्राप्त की जा सकती है।
अवसर तथा संभावनाएँ : यद्यपि हमारे यहाँ पाठ्यक्रम के मुख्य विषय के रूप में टेक्निकल राइटिंग के कोई औपचारिक संस्थान उपलब्ध नहीं हैं, इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर निरंतर बढ़ रहे हैं। इस समय भारत में बढ़ते आउटसोर्सिंग ने टेक्निकल राइटिंग में संभावनाओं का एक अनंत आकाश दिखाया है। न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी टेक्निकल राइटर्स के लिए अवसरों का दायरा निरंतर बढ़ रहा है।
एडवरटाइजिंग एजेंसियों, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनियों तथा यहाँ तक कि समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं को भी अब टेक्निकल राइटरों का सहारा लेना पड़ रहा है। टेक्निकल राइटर्स की सबसे ज्यादा माँग आईटी क्षेत्र से आ रही है। यदि कोई व्यक्ति किसी संस्थान में काम नहीं करना चाहता है तो वह फ्रीलांसर राइटर के रूप में काम कर सकता है।
फ्रीलांसर कंपनियों के साथ निश्चित अवधि के लिए अनुबंध पर काम कर सकता है, जिसके लिए उसे काम के अनुरूप पैसा मिलता है। जहाँ तक फ्रीलांस लेखन का प्रश्न है, फ्रीलांसर को कंपनियों की डेड लाइन के अनुरूप काम करना चाहिए यानी कि दिया गया काम समय पर पूरा होना चाहिए, जिसके लिए उसके पास इंटरनेट कनेक्टीविटी सहित पर्सनल कम्प्यूटर होना आवश्यक है।
इस क्षेत्र के कार्य क्षेत्र में न केवल उत्पाद की तकनीकी विशेषताओं की तकनीकी रिपोर्ट के लेखन तक ही सीमित नहीं होता है, बल्कि इसमें संगठनात्मक नीतियों तथा प्रक्रिया प्रस्तुत करने वाले अधिनियम तथा विनियम, जिनकी कंपनी के सदस्यों से निष्पादित करने की अपेक्षा होती है, भी शामिल है।
इसमें इवेल्यूशन तथा फीसिबिलिटी रिपोर्ट, प्राइमरी रिसर्च रिपोर्ट, टेक्निकल बैक ग्राउंड रिपोर्ट, प्रोग्रेस रिपोर्ट, बिजनेस प्लान, यूजर्स गाइड भी आती है। टीसीएस, इंफोसिस टेक्नॉलॉजीस लिमिटेड, सन माइक्रोसिस्टम्स, इंफोटेक जैसी भारतीय कंपनियों में टेक्निकल राइटर्स को अच्छे अवसर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही विज्ञापन और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी टेक्निकल राइटर्स के लिए अच्छी संभावनाएँ हैं।
17 मार्च 2010
करियर विकल्प - टेक्निकल राइटिंग में बने किंग
Posted by Udit bhargava at 3/17/2010 03:24:00 pm
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