ऐसे युवाओं, जो विज्ञान (भौतिकी व गणित) से बारहवीं उत्तीर्ण हैं और सेना की तकनीकी कोर में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं, के लिए भारतीय सेना ने जुलाई 2009 में शुरू होने वाले ''दस+दो तकनीकी प्रवेश योजना पाठ्यक्रम संख्या -21'' के लिए आवेदन बुलाए हैं। इसमें 4 वर्षीय बुनियादी तकनीकी मिलिट्री प्रशिक्षण तथा उसके बाद तकनीकी प्रशिक्षण के पश्चात सेना में स्थायी कमीशन प्रदान किया जाता है।
क्या होना चाहिए पात्रता
राष्ट्रीयता- अभ्यर्थी भारत का नागरिक हो आयु सीमा, लिंग तथा वैवाहिक स्थिति- केवल वे ही अविवाहित पुरुष उम्मीदवार प्रवेश के पात्र हैं, जिनकी आयु पाठ्यक्रम शुरू होने वाले महीने की पहली तारीख को 16 वर्ष 6 माह से कम तथा 19 वर्ष 6 माह से अधिक नहीं हो अर्थात अभ्यर्थी का जन्म 1 जनवरी 1990 से पूर्व तथा 1जनवरी 1993 के बाद नहीं हुआ हो (दोनों तारीखें सम्मिलित हैं)।
जन्म की तारीख केवल वही मान्य होगी, जो मैट्रिकुलेशन/हायर सेकंडरी या समकक्ष परीक्षा के प्रमाण-पत्र में लिखी गई हो।
उम्मीदवारों को इस बात का वचन देना है कि जब तक उनका सारा प्रशिक्षण पूरा नहीं होगा तब तक वे विवाह नहीं करेंगे। जो उम्मीदवार अपने आवेदन की तारीख के बाद शादी कर लेता है तो उसको प्रशिक्षण के लिए नहीं चुना जाएगा, चाहे वह उस परीक्षा में या अगली किसी परीक्षा में सफल हो। जो उम्मीदवार प्रशिक्षण काल में शादी कर लेगा, उसे वापस भेजा जाएगा और उस पर सरकार ने जो पैसा खर्च किया है, वह उससे वसूल किया जाएगा।
शैक्षणिक योग्यता- इस पाठ्यक्रम के लिए वे अभ्यर्थी पात्र होंगे, जिन्होंने भौतिकी, रसायन और गणित में कम से कम 70 प्रतिशत कुल अंक के साथ दस+दो (पीसीएम) प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लिया हो।
रिक्तियाँ : इस पाठ्यक्रम के लिए रिक्तियों की संख्या 85 है। रिक्तियाँ अनन्तिम हैं तथा भारतीय सैन्य अकादमी के कोर्स की प्रशिक्षण क्षमतानुसार इनमें परिवर्तन किया जा सकता है। विभागीय आवश्यकता के अनुसार तदसमय रिक्तियाँ घट-बढ़ सकती हैं।
कमीशन की किस्म : पाठ्यक्रम के चार वर्ष सफलतापूर्वक पूरे होने पर, कैडेटों को सेना मुख्यालय के निर्णय अनुसार सेना/सेवाओं में लेफ्टिनेंट के पद पर स्थायी कमीशन प्राप्त किया जाएगा।
कैसे मिलता है प्रशिक्षण : प्रशिक्षण की कुल अवधि 5 वर्ष होगी। विवरण इस प्रकार है-
बेसिक मिलिट्री प्रशिक्षण- 1 वर्ष (भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून)
तकनीकी प्रशिक्षण- 1. प्रथम चरण (कमीशन पूर्व प्रशिक्षण)- 3 वर्ष (सीएमई पूना, एनसीटीई महू और एमसीईएमई सिकंदराबाद)
2. द्वितीय चरण (कमीशन के बाद प्रशिक्षण)- 1 वर्ष (सीएमई पूना, एनसीटीई महू व एमसीईएमई सिकंदराबाद)
डिग्री प्रदान करना- उपरोक्तानुसार सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात अभ्यर्थियों को इंजीनियरी में डिग्री प्रदान की जाएगी। इस इंजीनियरी की डिग्री के कारण उम्मीदवार को पिछली तारीख से वरिष्ठता नहीं दी जाएगी। जो अधिकारी इस इंजीनियरी डिग्री परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाएँगे, उन्हें आने वाले वर्ष में होने वाली इंजीनियरी डिग्री परीक्षा में बैठने का अवसर देने का प्रावधान है।
अगर आगामी वर्ष में भी उत्तीर्ण नहीं हो पाए तो उनकी वरिष्ठता पर असर पड़ेगा और इंजीनियरी परीक्षा पास होने तक उनकी वरिष्ठता कम हो जाएगी। यदि वे इंजीनियरी डिग्री परीक्षा को तीन वर्ष के अंदर उत्तीर्ण नहीं कर पाए तो उनका कमीशन रद्द कर दिया जाएगा।
प्रशिक्षण की लागत- पुस्तकों तथा पाठ्य सामग्री सहित प्रशिक्षण का पूरा खर्च सेना उठाएगी। कैडेटों को निःशुल्क क्लोदिंग तथा भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है।
यदि जेंटिलमैन कैडेटों को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून से चिकित्सा कारणों के अलावा या वे कारण जो उसके नियंत्रण से बाहर हैं, को छोड़कर अन्य किन्हीं कारणों से निकाला जाता है तो वह कैडेट आईएमए में उसके ठहरने की अवधि के लिए 7075 रु. प्रति सप्ताह की दर से प्रशिक्षण का खर्च लौटाने के लिए बाध्य होगा।
चयन प्रक्रिया
चयन इस प्रकार होता है- क. छाँटे गए अभ्यर्थियों को भोपाल, बेंगलुरू अथवा इलाहाबाद में सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। साक्षात्कार फरवरी/मार्च 2009 से शुरू होंगे।
ख. एसएसबी साक्षात्कार की अवधि पाँच दिन है। इसमें पहुँचने का दिन सम्मिलित नहीं है। एसएसबी में ठहरने के दौरान अभ्यर्थियों को मनोवैज्ञानिक परीक्षा, ग्रुप परीक्षा तथा साक्षात्कार में शामिल होना पड़ता है।
ग. अभ्यर्थियों को प्रथम दिन चयन प्रक्रिया के चरण 1 को पूरा करना होगा। केवल सफल अभ्यर्थियों को ही शेष परीक्षा के लिए रखा जाएगा। जो अभ्यर्थी चरण 1 में अर्हता पाने में असफल रहते हैं उन्हें प्रथम दिन ही वापस लौटा दिया जाएगा। चरण 1 में बुद्धि परीक्षण सहित मनोवैज्ञानिक अभिमुख परीक्षण होते हैं।
घ. एसएसबी में सफल हुए अभ्यर्थियों को चिकित्सा परीक्षण कराने की आवश्यकता होगी, जो रविवार तथा राजपत्रित अवकाश को छोड़कर 3 से 5 दिन तक चलेगा।
च. एसएसबी द्वारा अनुमोदित तथा चिकित्सा परीक्षण में स्वस्थ घोषित किए गए अभ्यर्थियों को रिक्तियों की संख्या के आधार पर योग्यता-क्रम में प्रशिक्षण के लिए नामांकित किया जाएगा।
छ. पहली बार साक्षात्कार के लिए द्वितीय श्रेणी का किराया (आना-जाना) ग्राह्य होता है।
आवेदन कैसे करें : निर्धारित प्रारूप में और निर्धारित रंग के कागज में सभी दृष्टि से पूरा भरा हुआ आवेदन पत्र पंजीकृत डाक से लिफाफे के ऊपर ''दस धन दो (टीईएस) सं. 21 (जुलाई 2009) के लिए आवेदन पत्र'' लिखकर निम्नलिखित पते पर 31 अक्टूबर 2008 तक भेज दें। पता है- एकीकृत मुख्यालय (सेना), अपर महानिदेशक भर्ती, पश्चिम खंड- तृतीय, रामकृष्णपुरम्, नई दिल्ली, पिन-900108, मार्फत 56 ए.पी.ओ.।
आवेदन पत्र सिर्फ पंजीकृत डाक से ही स्वीकार किए जाएँगे। यदि आवेदन पत्र 31 अक्टूबर 2008 के बाद प्राप्त हुए तो उन्हें अस्वीकार कर दिया जाएगा। सभी दस्तावेजों को ठीक प्रकार से नत्थी किया जाए। खुले हुए दस्तावेजों पर विचार नहीं किया जाएगा। प्रारूप नीचे दिए रंगीन कागज के अनुसार आवेदन करें। आवेदन पत्र सेना की वेबसाइट पर www.indianarmy.gov.in से भी कॉपी किया जा सकता है।
वेतनमान...
छात्रवृत्ति/वेतन एवं भत्ते : अभ्यर्थियों को सैन्य अकादमी, देहरादून में 3 वर्ष के प्रशिक्षण की समाप्ति पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के कैडेटों के अनुरूप 8,000 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। 4 वर्ष के प्रशिक्षण की समाप्ति पर उन्हें लेफ्टिनैंट की रैंक में कमीशन प्रदान किया जाएगा और वे इस रैंक के लिएग्राह्य वेतनमान के हकदार होंगे।
भत्ते- मौजूदा समय में एक अधिकारी को वेतन के अलावा कई प्रकार के भत्ते मिलते हैं जिसमें क्षतिपूर्ति भत्ता, पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्र तैनाती भत्ता, यात्रा भत्ता शामिल हैं। कमीशन मिलने पर अफसर 60 दिनों के वार्षिक अवकाश और 20 दिनों के आकस्मिक अवकाश, छुट्टी यात्रा रियायत, स्वयं एवं परिवार के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएँ, कैंटीन की सुविधा तथा अन्य रियायतों के हकदार होते हैं।
17 मार्च 2010
करियर विकल्प - तकनीकी कोर से करें देश सेवा
Posted by Udit bhargava at 3/17/2010 03:30:00 pm
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