सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का रसायन विज्ञान के साथ सम्मिलन दिन-प्रतिदिन परवान चढ़ता जा रहा है। इसके अंतर्गत रासायनिक सूचनाओं, तथ्यों एवं आँकड़ों का संग्रहण, प्रबंधन, विश्लेषण एवं उनके समाधान संबंधी कार्य सम्मिलित किए जाते हैं। इस प्रचलित एवं कारगर विधा को नाम दिया गया है केमोइन्फॉर्मेटिक्स अर्थात रसायन सूचना विज्ञान। एक प्रकार से देखा जाए तो रसायन सूचना विज्ञान भी बायोलॉजिकल साइंस की एक शाखा है।
जब भी कोई रासायनिक अन्वेषण या शोध किया जाता है उस दौरान कई तरह की सूचनाएँ, आँकड़े, तथ्य एवं जानकारियाँ प्राप्त होती हैं, जिन्हें व्यवस्थित रूप से एकत्र कर रखना एवं उनका विश्लेषण करना आवश्यक हो जाता है। रासायनिक अनुसंधान के दौरान अनेक नए यौगिकों का निरंतर संश्लेषण होता रहता हैतथा ढेरों सूचनाएँ और आँकड़े प्राप्त होते हैं।
रासायनिक सूचना की इस निरंतर बढ़त को रासायनिक सूचना विस्फोट कहा जाता है। इसलिए इस वृहत रासायनिक सूचना का प्रबंधन अर्थात इसे इकट्ठा, संग्रह, संघटित तथा प्रयोग करने का विधिवता प्रबंधन जरूरी हो गया है। रासायनिक सूचनाओं के प्रबंधन में केमोइन्फॉर्मेटिक्स भूमिका निभाता है। केमोइन्फॉर्मेटिक्स में रासायनिक यौगिकों की गणना प्रविधि से आणविक सूचना का संग्रहण औरनिकासी की जाती है।
गौरतलब है कि केमोइन्फॉर्मेटिक्स का सबसे ज्यादा उपयोग दवा बनाने वाली कंपनियाँ दवाओं की खोज एवं उनके निर्माण में करती हैं। जिस दवा की खोज एवं उसकी जानकारी प्राप्त करने तथा उसके फॉर्मूलेशन एवं निर्माण में अभी कई वर्ष लग जाते हैं, केमोइन्फॉर्मेटिक्स की सहायता से उसे महज कुछ महीनों में ही खोजा एवं तैयार किया जा सकता है। दवा निर्माता कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है जिसे जीतने में केमोइन्फॉर्मेटिक्स एक महत्वपूर्ण प्रणाली साबित हुई है।
दवाइयों की खोज की शोध प्रणाली बहुत ही दुरूह होती है, इसका लक्ष्य जैविक प्रभाव पैदा करने वाली रासायनिक दवाएँ तैयार करना होता है। दवाइयों की शोध प्रक्रिया के दौरान शोधकर्ता जैविक प्रणाली पर अनेक रसायनों का परीक्षण करते हैंऔरउन दवाओं के द्वारा उत्पन्न अपेक्षित प्रभाव का पता लगाते हैं। यदि इन रसायनों से अपेक्षित जैविक प्रभाव उत्पन्न हो जाएँ तो उसे चिकित्सकीय दवा बनाने की संभावित रासायनिक खोज मान लिया जाता है। पहले किसी एक रासायनिक यौगिक से जुड़े तथ्यों को पुस्तकों और पत्रिकाओं आदि से इकट्ठा किया जाता था।
शोधकर्ताओं को पृष्ठ-दर-पृष्ठ पलटने पड़ते थे लेकिन अब ये तथ्य केमोइन्फॉर्मेटिक्स की मदद से आसानी से एकत्र किए जा सकते हैं। केमोइन्फॉर्मेटिक्स की मदद से दवा निर्माण से संबंधित सभी काम बहुत ही आसान हो गए हैं। अब दवा निर्माण प्रक्रिया के दौरान प्रतिक्रियाओं की न केवल कल्पना की जा सकती है अपितु रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उचित कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से देख भी सकते हैं।
18 मार्च 2010
करियर विकल्प - क्या है केमोइन्फॉर्मेटिक्स?
Posted by Udit bhargava at 3/18/2010 04:29:00 pm
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