20 मार्च 2010

शैतान को मारेंगे कंकरी

दुनियाभर के हजयात्रियों की हज के महत्वपूर्ण पाँच दिनों की शुरुआत हो चुकी है। 27 नवंबर को शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदा की जाएगी। सभी हजयात्री पवित्र मक्का शरीफ में सुरक्षित हैं। सफर-ए-हज के 42 दिनों में से अहम 5 दिनों के अरकान पूर्ण करने के लिए सभी हजयात्री मीना जाते हैं। हज का पहला दिन 8 जिलहज्ज होगा। हज के पाँच दिनों में मीना पूरी दुनिया की सबसे बड़ी खेमों की वादी होती है।

हजयात्री दलों में रहकर पाँच नमाजे अदा करेंगे। हज के दूसरे दिन मीना से 8 किमी दूर अराफात के मैदान में हज का खुदबा मस्जिद-ए-नमरा में दिया जाएगा। इस दिन हजयात्री पूरे दिन मैदान में रहकर जोहर व असर की नमाज पढ़ेंगे। इस दिन अराफात दिवस के मौके पर पूरी दुनिया के हजयात्री हज की अहम रस्मों को पूरा

नमाज पढ़ने के बाद खड़े होकर वूकुफे अराफात की रस्म पूरी कर सूरज ढलने के बाद मुजदलफा के मैदान की ओर प्रस्थान करेंगे। अराफात में मगरीब की नमाज अदा नहीं की जाएगी। सभी हाजी गुरुवार को मुजदलफा के मैदान में पूरी रात खुले आसमान के नीचे इबादत में गुजारेंगे। मुजदलफा पहुँचने पर हजयात्री मगरीब व ईशा की नमाज अदा करेंगे। यह रात शबे कद्र की रात से अफजल होती है। पूरी रात इबादत करने के बाद हजयात्री 27 नवंबर को वापस मीना आएँगे। यह दिन 10 जिलहिज्ज हज का तीसरा दिन होगा। इस दिन हजयात्री सबसे पहले बड़े शैतान को 7 कंकरी मारकर कुर्बानी की रस्म अदा करेंगे।

कुर्बानी देने के बाद अहराम की पाबंदी खत्म होगी। तवाफे जियारत के लिए मीना से मक्का शरीफ आएँगे। इसके बाद हजयात्री खान-ए-काबा का तवाफ व सई की रस्म अदा कर रात को मीना आएँगे। 29 नवंबर को हज का चौथा दिन 11 जिनहिज्ज होगा। इस दिन सभी हजयात्री जवाल के बाद तीन शैतानों को 7-7 कंकरी मारेंगे व दिन-रात इबादत में गुजारेंगे। 29 नवंबर को भी तीन शैतानों को 7-7 कंकरी मारने के बाद नमाजे असर मीना से मक्के के लिए रवाना होंगे।

इसके लिए सऊदी सरकार ने मीना, अराफात व मुजदलफा में चाक-चौबंद व्यवस्था की है। मीना में शैतान को पत्थर मारने की रस्म के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। हजयात्रियों को शैतान को कंकरी मारने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। कंकरी मारने के लिए अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग तिथियाँ निर्धारित की गई है।