विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आए दिन नई-नई शाखाएँ जुड़ रही हैं। नैनो टेक्नोलॉजी इसी क्रम में एक नया नाम है। नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से पदार्थ की संरचना को नैनो स्केल पर परिवर्तित करना संभव होता है। भविष्य में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं होगा जो नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करेगा। इस प्रकार कहा जा सकता है कि नैनो टेक्नोलॉजी 21वीं सदी को बदलकर रख देगी। नैनो टेक्नोलॉजी के फायदों को देखते हुए पूरे विश्व में इसे एक विषय के रूप में अपनाया जा रहा है। नैनो टेक्नोलॉजी के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम देश में उपलब्ध हैं।
एम. टेक और एम.एससी कोर्स में प्रवेश के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान, बायोलॉजी, बायोइंफॉर्मेटिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन आदि विषयों से स्नातक कर चुके छात्र इस हेतु आवेदन कर सकते हैं। एडमिशन प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है।
नैनो टेक्नोलॉजी तकनीकी, रक्षा, सैन्य सामग्री निर्माण, फोरेंसिक साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, ऊर्जा, चिकित्सा, कृषि, टेक्सटाइल आदि क्षेत्रों में रोजगार के अच्छे अवसर प्रदान करती है। नैनो टेक्नोलॉजी का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान हैं : जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च बेंगलुरू/ सॉलिड स्टेट फिजिक्स लैबोरेटरी, तिमारपुर, दिल्ली/ नेशनल केमिकल लेबोरेटरी, पुणे/ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू/ आईआईटी दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर/ बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी।
18 मार्च 2010
करियर विकल्प - नैनो टेक्नोलॉजी का बड़ा-सा संसार
Posted by Udit bhargava at 3/18/2010 03:34:00 pm
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