मोटापा
· यदि आप मोटापे से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू को काटकर उसका रस निचोड़ कर पीने के बाद 12 औंस गाजर व 4 औंस पालक का रस पीएं। इससे मोटापे की परेशानी दूर हो जाती है।
· शरीर का वजन तथा मोटापा घटाने के लिए सात दिन में एक बार केवल रस पर उपवास करने से मोटापा घीरे-धीरे कम हो जाती है।
· नींबू निचोड़कर पालक के रस में मिलाकर पीने से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगती है।
· बिना नमक के भोजन करने से मोटापा धीरे-धीरे कम हो जाती तथा फल, सब्जी व सलाद का अधिक सेवन करने से शरीर सुन्दर और सुडौल बन जाता है।
केश झड़ना:-
· नीम की पत्तियां पानी में उबालें और अगर बाल आपके झड़ रहे हो तो ठंडा कर सिर धोएं। एक सप्ताह बाद बाल झड़ने बंद हो जायेंगे। साथ ही बाल मजबूत और काले होंगे।
· यदि बाल निरंतर झड़ रहे हो तो खीरे के रस में नींबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में मालिश करें। घंटा-डेढ़ घंटा लगा रहने के बाद बिना साबुन के स्नान करें। यह क्रि या एक हफ्ते तक नियमित दोहराएँ।
· बाल झड़ना तथा गंजेपन की शिकायत में चुकंदर की कोमल एवं मुलायम पत्तियों को गलने तक पानी में खूब उबालें। अब इन पत्तियों को निचोड़कर उसी पानी का प्रयोग करते हुए पीसकर पतला पेस्ट बनाकर मेहँदी की पत्तियों के साथ पीस लें। अब इसमें वही थोड़ा पानी डालकर उबालकर गाढ़ा पेस्ट बनाएँ। ठंडा होने पर सिर पर लेप करें और खूब सूखने तक सिर पर लगा रहने दें। अब हलके गरम पानी में कुछ बूँदें नीबू के रस की डालकर सिर धो लें। यह प्रक्रिया एक माह तक अपनाएँ। इससे बाल चमकीले तथा घुँघराले बन जाते हैं। इसको सिरके में मिलाकर लगाने से रूसी दूर होती है।
सामान्य ज्वर
· जिन लोगों को खाँसी और बुखार की शिकायत हो, उन्हें पाँच काली मिर्च, पाँच तुलसी के पत्ते, एक लौंग, जरा-सी अदरक, एक इलायची-सबको चाय के साथ उबाल कर नित्य तीन बार पिलाने से खांसी, कफ तथा बुखार की शिकायत दूर हो जाती है।
· 25 दाना काली मिर्च तथा 25 नीम के पत्ते इन दोनों को मलमल के कपड़े में पोटली बांध कर 500 ग्राम पानी में तबतक उबालें जब चौथाई पानी रह जाए उसे ठण्डा होने पर सुबह-शाम पिलाने से पुराना से पुराना बुखार ठीक हो जाता है।
· यदि तेज बुखार आ रहा हो तो ठण्डे पानी में तौलिया भिगोकर सिर पर बार-बार रखें तथा सारा शरीर गीले कपड़े से पोंछें। ऐसा करने बुखार उतर जाएगा। शरीर को हवा न लगने दें।
· बुखार में नीम की पत्तियों का चूर्ण बनाकर दो या तीन ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार लेने से बुखार जल्दी उतर जाता है।
घाव
· गाजर को उबाल कर उसकी लुगदी घाव पर लगाने से घाव ठीक हो जाते हैं। गाजर का जूस पीने से भी लाभ होता है।
· घाव पर तुलसी के पत्तों के महीन चूर्ण को बुरकने या पीसकर लेप करने से घाव ठीक हो जाता हैं।
· सरसों के तेल में हल्दी डालकर गरम करने के जब घाव पर रखने लायक हो जाए तो घाव पर लगाने से घाव ठीक हो जाता हैं।
· अनार के छिलके को उबाल कर उस पानी से घावों को धोने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
दमा
· थोड़ी सी देशी अजवाइन में पच्चीस ग्राम आक की कोपलें और पचास ग्राम गुड़ में कूट-पीस क र दो-दो ग्राम की गोलियां बना लें। सुबह-शाम एक-एक गोली गर्म पानी से लेने से दमा रोग ठीक हो जाता है।
· प्रात: धतूरे का एक बीज आठ दिन तक पानी के साथ निगल लें। दूसरे सप्ताह दो-दो बीज लें। इसी प्रकार प्रति सप्ताह एक-एक बीज बढ़ाते हुए पांचवे सप्ताह पांच बीज लें। उससे पुराना से पुराना दमा ठीक हो जाता है।
गले की सूजन
· यदि आप टांसिल से परेशान हैं तो गर्म पानी में फिटकरी घोल कर गरारे करने के बाद फिर शहतूत का रस पीने से टांसिल सामान्य अवस्था में हो जाता है।
· टांसिल बढ़ गया हो तो बड़ के पत्तों पर तेल लगाकर सेंक करने से तथा सोंठ डालकर बांधने से टांसिल ठीक हो जाता हैं।
फोड़े-फुंसियां
· यदि शरीर के किसी अंग पर फोड़ा हो गया हो और वह पकने में न आ रहा हो और भयानक टीस मार रहा हो तो पान के पत्ते पर हल्का घी गर्म करके चुपड़कर उसे फोड़े पर रात को बांध कर सो जाएं, सुबह तक फोड़ा फूटकर सारी मवाद बाहर निकल जाती है और दर्द से राहत महसूस होती है।
· जौ और मेथी समान मात्रा में लेकर, पीसकर लेप बना लें। दिन में तीन बार लेप करें। मेथी की गर्मी से फोड़ा या गांठ घुल कर बाहर निकल जाएगी। लेकिन जौ के कारण त्वचा झुलसेगी नहीं।
· यदि फोड़ा पक न रहा हो तो पके हुए शरीफे का गूदा निकालकर उसमें चुटकी भर नमक मिलाकर फोड़े पर लेप दीजिए। फोड़ा जल्दी ही पक कर फूट जाता है और मवाद सारा निकल जाता है।
· यदि फोड़ा बह नहीं रहा हो तो 50 ग्राम गाय के घी में 125 ग्राम केले के हरे पत्ते का रस मिलाकर चार खुराक देने से रुका हुआ खराब रक्त बाहर निकल जाता है।
खाज-खुजली
· जीरे को गर्म पानी में पीसकर लगाने से त्वचा में जलन, खुजली व फुंसियां ठीक हो जाती हैं।
· खाज-खुजली से राहत पाने के लिए चने के पौधे की जड़ को धोकर पीस लें। इस पीसे हुए भाग को सरसों के तेल में मिलाकर धीरे-धीरे शरीर में सुबह-शाम मालिश करें। एक सप्ताह तक मालिश करने से त्वचा मुलायम होने के साथ ही खुजली से भी राहत मिलती है।
· खुजली वाले स्थान पर संतरे के ताजे छिलके को पानी के साथ पीसकार लगाने के बाद साबुन से हाथ अच्छी तरह धो लें। संतरे की फ ाकें चबाते-चबाते चूसें। जब संतरों का रस सूख जाये तो बिना साबुन लगायें, त्वचा को मल-मल के धो लें। स्नान करने के बाद सरसों का तेल लगा लें। सन्तरे की जगह नींबू के रस से भी लाभ होता है।
· खाज-खुजली से जल्द छुटकारा पाना है तो 150 ग्राम सरसोें तेल में 25 ग्राम फूली फिटकरी मिलाकर कर गर्म करने के बाद जब ठंडा हो जाए तो उसे शीशी में भर कर दो-तीन टिकिया कपूर डालकर शीशी बन्द कर दें। धूप में बैठकर उसे लगाने के दस मिनट बाद बिना साबुन के स्नान करें। गाजर तथा मूली का जूस पीने से भी लाभ होता है। ऐसा करने से खुजली दो-तीन दिन के अंदर ठीक हो जाती है, लेकिन मिर्च, मसाले, अचार, खट्टे पदार्थो के सेवन से परहेज करना आवश्यक है।
गैस
· दालचीनी गैस से हुए पेट दर्द को ठीक करती है तथा पाचन शक्ति बढ़ाती है। लेकिन याद रहे, अधिक मात्रा में दालचीनी प्रयोग करना नुकसानदायक होता है।
· खांड और घी को आंवले के रस में मिलाकर उपयोग करने से वायु विकार नष्ट होते हैं।
· पेट में गैस भर जाने पर या उदर दर्द में तिलों को पीस कर उनमें कपूर, अजवायन, इलायची और काला नमक-सब चुटकी भर मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लेने से आराम मिलता है।
· सोंठ व जायफल का चूर्ण बनाकर लेते रहने से गैस की शिकायत से राहत मिलती है।
चर्म रोग
· जिस जगह पर चर्म रोग हो, उस जगह को बार-बार फिटकरी से धोने से लाभ होता है।
· हरड़ चर्म रोगों में बहुत ही लाभप्रद साबित होती है। इसके 1 महीने तक सेवन करने से चर्म रोग ठीक हो जाता है। हरड़ के चूर्ण की पाँच ग्राम की मात्रा भोजन के बाद पन्द्रह मिनट के अन्दर लेते रहने से चर्म रोग में विशेष लाभ होता है।
· सर्दियों के दिनों में पानी को गरम कर नमक मिलाकर स्नान करने से विशेष लाभ होता है।
· नीम के पत्ते पानी में उबाल कर नित्य स्नान करें। बीस पत्ते एक कप में उबाल कर पानी में छान लें, इसे नित्य प्रात: भूखे पेट तीन सप्ताह पीने से चर्म रोग में राहत मिलती है।
19 मार्च 2010
घरेलु उपचार 7
Posted by Udit bhargava at 3/19/2010 09:23:00 am
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
एक टिप्पणी भेजें