भारत है सबसे लोकप्रिय आउटसोर्सिंग डेस्टिनेशन
भारत में मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन एक तेजी से बढ़ती आईटी एनेबल्ड सर्विस है। अमेरिका के चिकित्सक इतने व्यस्त होते हैं कि उनके पास अपने रोगियों के मेडिकल रिकार्ड भरने तक का समय नहीं होता है।
यह मेडिकल रिकार्ड उनके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसी के आधार पर बीमा कम्पनियों द्वारा रोगियों के चिकित्सा दावे स्वीकार किए जाते हैं। इसलिए अमेरिकी चिकित्सक अपने निष्कर्ष को वाइस रिकोग्निशन टेक्नोलॉजी द्वारा कम्प्यूटरों में डाल देते हैं। इन वाइस सिग्नलों को बाद में सैटेलाइट लिंक्स के द्वारा अमेरिका के बाहर भेज दिया जाता है।
मेडिकल ट्रांसक्रि्रप्शन में संलग्न कंपनियाँ अपने यहाँ कई मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्टों को नियुक्त करती हैं जो इन रिकार्ड्स को सुनते हैं और वाइस डाटा को इलेक्ट्रॉनिकली वर्ड प्रोसेसर की मदद से वर्ड डाटा में बदल देते हैं।
समय के अंतर से मिला लाभ
इस प्रक्रिया को भारत में इसलिए सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली है क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच समय का जो अंतर है उससे अमेरिकी चिकित्सकों को यह लाभ मिला है कि दिन के समय वे जो डिक्टेशन देते हैं वह उन्हें अगली सुबह ट्रांसक्रिप्ड होकर वापस मिल जाता है।
इसके अलावा भारत के ज्यादातर लोगों को अँगरेजी का ज्ञान होने के साथ-साथ यहाँ काम करने का पारिश्रमिक विदेशों की तुलना में इतना कम है कि विदेशियों के लिए भारत मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन का सबसे लोकप्रिय आउटसोर्सिंग डेस्टिनेशन बन गया है।
कार्य की प्रकृति
मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन बनने के लिए निम्नलिखित विशेषताएँ होनी आवश्यक हैं -
-अँगरेजी भाषा पर अच्छा नियंत्रण।
-सुनने की अच्छी क्षमता।
-अमेरिकन उच्चारणों को समझने का कौशल।
-चिकित्सीय शब्दावली तथा ग्रामर का ज्ञान।
-कम्प्यूटर का ज्ञान तथा टायपिंग की अच्छी स्पीड।
व्यक्तित्व
मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन एक ऐसा पेशा है जिसमें दिमाग, कानों, आँखों तथा हाथों के बीच बहुत अच्छा समन्वय या तालमेल होना चाहिए। इसमें शब्दों को सही रूप में पहचानने की क्षमता भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
अमेरिकी भाषा को अच्छी तरह समझना तथा उसे सही रूप में दू्रत गति से टाइप कर रिपोर्ट तैयार करना अपेक्षित माना गया है। इसके लिए शरीर के अंगों, बीमारियों के नाम, प्रकृति तथा उपचार तकनीकों तथा दवाइयों के नाम से अभ्यस्त होना चाहिए। यह काम उतना आसान नहीं है जितना कि दिखाई देता है इसके लिए कठिन परिश्रम, समर्पण भावना तथा अनियमित समयावधि में कार्य करने की प्रतिबद्धता होना आवश्यक है।
प्रोफेशनल कोर्स
ऐसे कई संस्थान हैं जो मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन में टे्रनिंग कार्यक्रम संचालित करते हैं। महानगरों में ऐसी कई कंपनियाँ हैं, जिन्होंने मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन के लिए विदेशों से अनुबंध कर रखा है। ये कंपनियाँ बायोलाजी पृष्ठभूमि वाले युवक-युवतियों को मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार दे रही हैं। चूँकि इस कार्य में अनुभव की आवश्यकता होती है, ये कंपनियाँ अपने यहाँ कार्यानुभव प्रदान कर युवाओं को भारतीय मुद्रा में पारिश्रमिक देकर डॉलर बना रही हैं।
18 मार्च 2010
करियर विकल्प - मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन
Posted by Udit bhargava at 3/18/2010 03:44:00 pm
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