परदेश गए व्यक्ति की वापसी हेतु : प्रातः स्नान करने के बाद परदेश गए व्यक्ति का नाम कागज पर लिखकर रख लें। फिर आटे का एक दीपक बनाकर उसमें सरसों का तेल डालकर उसे जलाएं। फिर जमीन पर नमक रखें और उस पर दीपक रखकर उस व्यक्ति का ध्यान कर ग्यारह बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह क्रिया 43 दिनों तक नियमित रूप से करें, व्यक्ति वापस आ जाएगा।
दिए गए धन की वापसी हेतु : ऊपर वर्णित विधि की तरह आटे का दीपक जलाएं तथा जिसे पैसे दिए हों, उस व्यक्ति का ध्यान कर ग्यारह बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह क्रिया 43 दिन तक लगातार नियमित रूप से करते रहें, दिए हुए पैसे वापस मिल जाएंगे।
कार्य के शीघ्र संपादन के लिए : गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी का दायीं ओर मुड़ी हुई सूंड़ वाला चित्र घर या दुकान पर लगाकर उनकी आराधना करें। उनके आगे लौंग तथा सुपारी रखें और जहां कार्य कराने जाना हो, वहां लौंग और सुपारी जेब में रखकर ÷जै गणेश काटो कलेश' कहते हुए जाएं, कार्य शीघ्र पूरा होगा।
व्यापार में उन्नति के लिए : शनिवार को पीपल के एक पत्ते को गंगाजल से धोकर दुकान में या कार्यस्थल पर जहां बैठते हों, वहां गद्दी के नीचे रख लें। फिर अगले शनिवार को एक पत्ता और लाएं और फिर वही क्रिया करें। यह क्रिया सात शनिवार करें और फिर सातों पत्तों पर जय हनुमान लिखकर उन्हें नदी या नहर में प्रवाहित कर दें, व्यापार में आशातीत उन्नति होगी।
बाधाओं से मुक्ति के लिए : शनिवार को छोड़कर किसी भी दिन पीपल का एक पत्ता लेकर उसे गंगाजल से धो लें। फिर उस पर तीन बार ÷नमो भगवते वासु देवाय' लिखकर अपने पूजा स्थल पर रख लें और नियमित रूप से उसकी आराधना करते रहें। इसी तरह धूप दीप से ईश्वर की आराधना भी करते रहें, बाधाओं से मुक्ति मिलेगी।
शनिवार को कच्ची घानी का सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें। फिर उस तेल में गुड़ के गुलगुले तलकर किसी भिखारी या किसी गरीब को खिलाएं, घर की सब बाधाएं दूर हो जाएंगी।
व्यापार में फंसे हुए धन की वापसी के लिए : व्यापार में धन अन्य लोगों के पास फंस गया हो और वे देने में आनाकानी करते हों, तो यह उपाय करें।
शुक्ल पक्ष की किसी भी अष्टमी को रुई धुनने वाले से थोड़ी सी रुई लेकर उसकी चार बत्तियां बनाकर मंदिर में रख लें। रात को एक चारमुखी दीपक में सरसों का तेल डालकर उसमें चारों बत्तियां लगा दें और जलाकर किसी चौराहे पर रख दें। वापस आने से पहले किसी नुकीली चीज से अपनी उंगली का थोड़ा सा खून निकाल कर दीपक में डाल दें। ऐसा करते समय जिस व्यक्ति से पैसे लेने हों, उसका नाम तीन बार लें। फिर घर वापस आ जाएं। ध्यान रहे, वापस आते समय रास्ते में रुकें नहीं। घर आकर एक रोटी में गुड़ रखकर गाय को खिला दें, रुका हुआ धन मिल जाएगा।
दिए गए धन की वापसी हेतु : ऊपर वर्णित विधि की तरह आटे का दीपक जलाएं तथा जिसे पैसे दिए हों, उस व्यक्ति का ध्यान कर ग्यारह बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह क्रिया 43 दिन तक लगातार नियमित रूप से करते रहें, दिए हुए पैसे वापस मिल जाएंगे।
कार्य के शीघ्र संपादन के लिए : गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी का दायीं ओर मुड़ी हुई सूंड़ वाला चित्र घर या दुकान पर लगाकर उनकी आराधना करें। उनके आगे लौंग तथा सुपारी रखें और जहां कार्य कराने जाना हो, वहां लौंग और सुपारी जेब में रखकर ÷जै गणेश काटो कलेश' कहते हुए जाएं, कार्य शीघ्र पूरा होगा।
व्यापार में उन्नति के लिए : शनिवार को पीपल के एक पत्ते को गंगाजल से धोकर दुकान में या कार्यस्थल पर जहां बैठते हों, वहां गद्दी के नीचे रख लें। फिर अगले शनिवार को एक पत्ता और लाएं और फिर वही क्रिया करें। यह क्रिया सात शनिवार करें और फिर सातों पत्तों पर जय हनुमान लिखकर उन्हें नदी या नहर में प्रवाहित कर दें, व्यापार में आशातीत उन्नति होगी।
बाधाओं से मुक्ति के लिए : शनिवार को छोड़कर किसी भी दिन पीपल का एक पत्ता लेकर उसे गंगाजल से धो लें। फिर उस पर तीन बार ÷नमो भगवते वासु देवाय' लिखकर अपने पूजा स्थल पर रख लें और नियमित रूप से उसकी आराधना करते रहें। इसी तरह धूप दीप से ईश्वर की आराधना भी करते रहें, बाधाओं से मुक्ति मिलेगी।
शनिवार को कच्ची घानी का सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें। फिर उस तेल में गुड़ के गुलगुले तलकर किसी भिखारी या किसी गरीब को खिलाएं, घर की सब बाधाएं दूर हो जाएंगी।
व्यापार में फंसे हुए धन की वापसी के लिए : व्यापार में धन अन्य लोगों के पास फंस गया हो और वे देने में आनाकानी करते हों, तो यह उपाय करें।
शुक्ल पक्ष की किसी भी अष्टमी को रुई धुनने वाले से थोड़ी सी रुई लेकर उसकी चार बत्तियां बनाकर मंदिर में रख लें। रात को एक चारमुखी दीपक में सरसों का तेल डालकर उसमें चारों बत्तियां लगा दें और जलाकर किसी चौराहे पर रख दें। वापस आने से पहले किसी नुकीली चीज से अपनी उंगली का थोड़ा सा खून निकाल कर दीपक में डाल दें। ऐसा करते समय जिस व्यक्ति से पैसे लेने हों, उसका नाम तीन बार लें। फिर घर वापस आ जाएं। ध्यान रहे, वापस आते समय रास्ते में रुकें नहीं। घर आकर एक रोटी में गुड़ रखकर गाय को खिला दें, रुका हुआ धन मिल जाएगा।
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