अतूल अबभी वह छोटे छोटे लोहेके टूकडोंसे बनी बंदूक हाथमें लेकर उलट पुलटकर देखते हूए विवेक के इर्द गिर्द चल रहा था. उसने विवेककी तरफ अर्थपुर्ण ढंगसे मुस्कुराते हूए एक कटाक्ष टाकला. उसका हंसना ' अब कैसे आया उट पहाड के निचे' इस तरह का था. विवेक चुपचाप अपने जगह खडा था. उसके इर्द गिर्द चलते चलते उसने अपने कलाईपर बंधे घडीमें देखा ,
'' अबभी एक मिनट बाकी है ''
अतूल अब बोनेटके पास गया और उसने वहा रखा हुवा शुरु मोबाईल उठाकर अपने कानको लगाया. उधरसे अबभी, '' हॅलो... अतूल... हॅलो... पासवर्ड क्या है ... जल्दी बोलो ... टाईम खत्म होनेको आया है ...'' ऐसा सुनाई दे रहा था.
'' इन्स्पेक्टर ... इतनीभी जल्दी क्या है ... बताता हूं ना पासवर्ड '' अतूलने कहा और उसने अपने हाथमें पकडी बंदूक विवेकपर तानी.
इधर अंजली, इन्स्पेक्टर, भाटीयाजी इन्स्पेक्टरके हाथमें पकडे मोबाईलपर चल रहा संभाषण कान लगाकर सुन रहे थे, और साथही सामने मॉनिटरकी तरफ देख रहे थे. कमसे कम मोबाईलपर आ रहे अतूलके बोलनेके आवाजसे तो लग रहा था की विवेक मुष्कीलमें फंसा हुवा है. और सामने मॉनीटरपर -' All the server data and computer Data has been deleted. To recover enter the password' और मॉनिटरपर उलटी गिनती चल रहा टाईम बॉम्ब जैसी घडी बता रही थी - 0 hrs... 2mins... 10secs. और उपरसे अतूल अबभी पासवर्ड बतानेके लिए तैयार नही था. हर एकको अलग अलग चिंता सता रही थी. अंजलीको विवेककी. भाटीयाजींको कंपनीकी और इन्स्पेक्टरको विवेक और कंपनीकी. आखिर मॉनिटरपर चल रही घडी बता रही थी - 0 hrs... 0mins... 50secs.
'' टाईम खत्म होनेको आया है ... जल्दी पासवर्ड बताओ'' इन्स्पेक्टर लगभग चिल्लाए.
'' बताता हूम इन्स्पेक्टर... धिरज रखो ''
hrs... 0mins... 40secs.
'' अब क्या डाटा डिलीट होनेके बाद बताओगे ? '' इन्स्पेक्टर चिढकर बोला.
भाटीयाजींने उनके पिठपर हाथ रखकर उन्हे शांत रहनेका इशारा किया. नही तो अतूल अगर चिढ गया तो वह पासवर्ड बतानेके लिए इन्कार कर सकता है.
hrs... 0mins... 30secs.
'' प्लीज ... जल्द से जल्द बता दो '' इन्स्पेक्टर मानो अब गिडगिडाने लगे थे.
'' उसे पहले विवेकको छोड देनेके लिए बोलीए '' अंजली अपने आपको ना रोक पाकर चिल्लाई.
'' और तुम्हे पहले विवेकको छोडना पडेगा '' इन्स्पेक्टर.
hrs... 0mins... 20secs.
'' पहले उसे छोडना है या पासवर्ड बताना है ? '' अतूलभी मौकेका फायदा लेते हूए बोला.
'' पहले विवेकको छोड दो '' अंजलीने कहा.
उधरसे अतूलके ठहाकेकी आवाज आ गई.
hrs... 0mins... 10secs.
'' नही इन्स्पेक्टर पहले मै पासवर्ड बतानेवाला हूं ...क्यो ठिक है ना ?''
'' बोलो जल्दी ...'' इन्स्पेक्टर
'' हं यह लो - इलव्ह... ऑल स्मॉल... नो स्पेस इन बिट्विन..''
hrs... 0mins... 3 secs.
सामने कॉम्प्यूटरपर बैठे एक कर्मचारीने तुरंत पासवर्ड टाईप किया.
hrs... 0mins... 1 secs.
और एंटर दबाया.
मॉनिटरवर चल रहा काऊंटर रुक गया और मेसेज आ गया, '' password correct... recovery started''
सब लोगोंने अपने इर्द गिर्द देखा. सभी कॉम्प्यूटरके मॉनिटरपर वही मेसेज आया था - '' password correct... recovery started''
हॉलमें उपस्थित सब लोग, सिर्फ एक अंजलीको छोडकर इतने खुश हो गए की वे तालियां बजाने लगे. मानो कोई यान आसमानमें किसी ग्रह पर सही सलामत उतरनेमें कामयाब हुवा हो. लेकिन अचानक इन्स्पेक्टरके हाथमें पकडे हूए शुरु मोबाईलसे आए बंदूकके आवाजने, सब लोगोंकी तालियां एकदम बंद हो गई और हॉलमें श्मशानवत सन्नाटा छा गया. अंजली तो इतनी देरसे उस पर पड रहा तनाव सह नही पाकर और बंदूकका आवाज सुनकर विवेकका क्या हो गया होगा इसके कल्पनामात्रसे बेहोश होकर निचे गिर गई.
एक तरफ अतूल मोबाईलपर बोल रहा था और दुसरे हाथमें उसने विवेकपर बंदूक तानी हूई थी. आखिर उसने लगभग 5 सेकंद बचे होगे तब इन्स्पेक्टरको पासवर्ड बताया था - '' हं यह लो पासवर्ड - इलव्ह... ऑल स्मॉल... नो स्पेस इन बिट्विन..''
अतूलने अब शुरु मोबाईल फिरसे गाडीके बोनेटपर रख दिया. और वह उस विवेककी तरफ ताने हूए बंदूकका ट्रीगर दबाने लगा.
'' रुको ... तुम बहुत बडी भूल कर रहे हो ...'' विवेक किसी तरह बोला.
'' भूल ... इसके बाद तुम्हारी वजहसे ... सिर्फ तुम्हारे हठकी वजहसे ... मुझे जिस अंडरवर्डमें जाना पड रहा है ... उसके लिए मुझे एक योग्यता हासील करनी पडेगी ... पुछो कौनसी ? ... कम से कम एक खुन... और वह योग्यता अब मै हासिल करनेवाला हूं '' अतूलने कहा और उसने झटसे बंदूकका ट्रीगर दबाया.
एक बडीसी आवाज हो गई और बगलमें खडे गाडीके खिडकीके कांचपर खुनकी बडी बडी छिंटे उड गई थी.
22 मार्च 2010
Hindi Novels - ELove : Ch -50 पासवर्ड
Posted by Udit bhargava at 3/22/2010 04:06:00 pm
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