21 मार्च 2010

Hindi Novel - उपन्यास - ELove - CH 26 प्रथम पुरस्कार

अनघा जैसेही स्टेजसे निचे उतरकर अपने जगहपर वापस आगई ऍन्करने फिरसे माईकपर कब्जा कर लिया था ,

'' अब आखिरमें हम जिस पलकी इतनी बेसब्रीसे राह देख रहे है वह पल एकदम नजदिक आ पहूंचा है ... पहला पुरस्कार ऐलान करनेका पल ... इन फॅक्ट मै अपने आपको बडा भाग्यशाली समझता हूं की पहला पुरस्कार किसको जानेवाला है यह ऐलान करनेका सौभाग्य मुझे मिल रहा है ... क्योंकी वह प्रतिस्पर्धी सारे भारतमें एक अव्वल प्रतिस्पर्धी रहनेवाला है ... तो पहले देखते है की वह प्रथम पुरस्कार क्या है ... प्रथम पुरस्कार है 3 लाख रुपए कॅश, मोमेंटो ऍन्ड अ जॉब ऑफर इन नेट सेक्यूरा... ''

सब लोग शांत होकर सुन रहे थे. मानो उस पलके लिए उन्होने अपनी सांसे रोककर रखी थी. बहुत लोग अपनी गर्दन उंची कर सामने देखने की कोशीश कर रहे थे. हॉलमें सब तरफ पिनड्रॉप सायलेन्स था ....

'' फर्स्ट प्राईज गोज टू ... द वन ऍन्ड ओन्ली वन... मि. अतूल बिश्वास फ्रॉम चेन्नई ...''

दुसरी कतार विचलित हूई दिखी, क्योंकी दुसरी कतारसे कोई उठा था. सब लोगों के सर उस दिशामें मुड गए. इसबार हॉलमें सबसे बडा और सबसे दिर्घ तालियोंका आवाज हुवा. सचमुछ उसका यश उसके नामके अनुरुप 'अतूल' यानी की अतूलनिय था. वह उठकर लगभग दौडते हूए ही स्टेजपर चला गया, इससे उसका अपूर्व उत्साह और आत्मविश्वास दिख रहा था. गोरा, उंचा, स्मार्ट, कसा हूवा शरीर ऐसा वह सशक्त यूवक था. अंजलीने अपनी दिशामें आते उस पहले पुरस्कारके हकदारकी तरफ देखा. उसके चेहरेपर एक तेज चमक रहा था. आंखे निली और चमकीली थी. उसकी आखोंमे देखकर पलभरके लिए अंजलीको विवेककी याद आ गई. लेकिन अपने विचारोंको दिमागसे झटककर वह आगे गई. वह अंजलीके सामने आकर खडा होगया और उसने लोगोंकी तरफ मुडकर उनको अभिवादन किया. पहलेका तालियोंका आवाज जो अब भी बरकरार था वह और बढ गया. लोगों को अभिवादन कर उसने अंजलीकी तरफ देखा और उसकी नजर अंजलीपर से हटनेका नाम नही ले रही थी, मानो वह उसके मदहोश करनेवाली आंखोमें अटकसा गया था. तालियोंकी गुंज अब भी चल रही थी. लेकिन अचानक एक अजिब घटना घटी, अंजलीने जितने जोरसे हो सकता है उतनी जोरसे उसके गालपर एक चाटा जड दिया था. तब कहा वो होशमें आगया. हॉलमें चल रहा तालियोंका आवाज एकदमसे बंद होगया, मानो किसीने स्विच ऑफ किया हो. उसने और वहां उपस्थित किसीनेभी सोचा नही होगा वैसी अजिब वह घटना थी. हां अंजलीने उसके गालपर एक जोरका चाटा जमा दिया था. उसका ही क्यों सारे उपस्थित लोगोंका इस बातपर यकिन नही हो रहा था. हॉलमें एकदम श्मशानवत चुप्पी फैल गई.. एकदम पिनड्रॉप सायलेन्स.

'' यस आय स्लॅप्ड हिम... ऍन्ड ही डीजर्व इट... क्योंकी वह एक क्रॅकर है ... सिर्फ क्रॅकरही नही तो ही इज आल्सो अ ब्लॅकमेलर...'' हॉलमें चुप्पीका भंग हुवा वह अंजलीके इन शब्दोनें .

अंजली लगातार बोल रही थी. उसकी आंखोमें आग थी. गुस्सेसे अंजलीका पुरा शरीर कांप रहा था. तभी इन्स्पेक्टर कंवलजीत, जो पहलेसे ही तैयार थे, वे डायसपर दो कॉन्स्टेबलके साथ आ गए. उन्होने प्रथम अतूलकी कॉलर पकडकर दो तिन तमाचे उसके कानके निचे जड दिए.

'' इन्स्पेक्टर '' अतूल गुर्राया.

उसके मासूम, स्मार्ट चेहरेने अब उग्र रुप धारण किया था. उसे जडाए हुए तमाचोंकी वजहसे लाल हुवा उसका चेहरा औरही भयानक लग रहा था. इन्स्पेक्टरने जादा वक्त ना दौडाते हूए उसे हथकडीयां पहनाकर अरेस्ट किया और वे गुस्सेसे चिल्लाए, '' टेक दिस बास्टर्ड अवे...''

कॉन्स्टेबल उसे लेकर, लगभग खिंचते हूएही वहांसे चले गए. उसका मद और नशा अबभी उतरा हुवा नही दिखाई दे रहा था. वह वहांसे जाते हूए कभी गुस्सेसे इन्स्पेक्टरकी तरफ तो कभी अंजलीकी तरफ देख रहा था.

'' याद रखो मुझे अरेस्ट करना तुम्हे बहुत महंगा पडनेवाला है '' जाते जाते वह चिल्लाया.