21 मार्च 2010

कष्ट निवारण - उपाय 1

धनागमन हेतु
किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को कारोबारी समस्याओं के निवारण के लिए इस उपाय को करके देखें। यह उपाय नियमित 43 दिनों तक करें। उत्तर दिशा में एक सुंदर चौकी बिछा दें। 11 मुट्ठी चने की दाल की ढेरी बनाएं और ढेरी के ऊपर श्रद्धापूर्वक श्रीयंत्र स्थापित करें। धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प और अक्षत अर्पित करें। तत्पश्चात स्वच्छ और पवित्र पलेट में तीन अलग-अलग केसर से स्वस्तिक बनाएं। प्रत्येक स्वस्तिक पर चौमुखा घी का दीपक रखें। और इस मंत्र की पांच माला नियमित जाप करें। इस प्रयोग से धन आगमन होने लगेगा।

कारोबारी समस्याओं के निवारण हेतु
किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को कारोबारी समस्याओं के निवारण के लिए इस उपाय को करके देखें। यह उपाय नियमित 43 दिनों तक क रें। उत्तर दिशा में एक सुंदर चौकी बिछा दें। 11 मुट्ठी चने की दाल की ढेरी बनाएं और ढेरी के ऊपर श्रद्धापूर्वक श्रीयंत्र स्थापित करें। धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प और अक्षत अर्पित करें। तत्पश्चात स्वच्छ और पवित्र पलेट में तीन अलग-अगल केसर से स्वास्तिक बनाएं। प्रत्येक स्वास्तिक पर चौमुखा घी का दीपक रखें। और इस मंत्र की पांच माला नियमित जाप करें। इस प्रयोग से धन आगमन होने लगेगा।

बरकत हेतु
परिश्रम के उपरांत भी धन का संचय नहीं हो पा रहा हो तो अमावस्या के दिन यह उपाय प्रारंभ करें। नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत अपने तिजोरी में लाल वस्त्र बिछाये और उसमें पांच गुलाब के फूल रखें। ऐसा हर रोज करें। पहले वाले फूल का बहते पानी में प्रवाह कर दें। और नये फूल रख दें वही कपडे पर रखें। पुन: अमावस्या पर कपड़ा सहित फूल का प्रवाह कर दें और नया कपड़ा बिछा दें। और पूजन जारी रखें। ऐसा नियमित क रने से धन की प्राप्ति होगी। धन में बरकत होगी।

व्यवसायिक समस्याओं के निवारण हेतु
यदि व्यवसाय में अप्रत्याशित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो, कारोबार में घाटा हो रहा हो या किसी साझेदार की वजह से परेशानी आ रही हो तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें। प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत अपने पूजा स्थान में संपूर्ण श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र की स्थापना करें। श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करने के उपरांत एक स्वच्छ पीले वस्त्र में नागकेसर, 11 दाने साबुत हल्दी, 11 साबुत सुपारी, 11 गोमती चक्र, 11 छेद वाले तांबे के सिक्के और 11 मुट्ठी हल्दी से रंगे हुए पीले अक्षत रखकर पोटली बना लें। पोटली को अपने पूजा स्थान में यंत्र के सामने रख दें। कुंकुम, केसर और हल्दी घोलकर 21 बिंदी लगाएं। तत्पश्चात घी का दीपक जलाएं और मां महालक्ष्मी के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें। हर रोज बिंदी लगाकर 108 बार जाप करें। ऐसा 40 दिन नियमित रूप से करें। पूजा समाप्ति के बाद चांदी का सिक्का अपनी तिजोरी में रख दें बाकी समस्त सामग्री बहते पानी में प्रवाह कर दें। कारोबारी समस्त समस्याओं का निवारण होगा।

नए कारोबार की शुरुआत के लिए
नया कारोबार, नई दुकान या कोई भी नया कार्य करने से पूर्व मिट्टी के पांच पात्र लें जिसमें सवाकिलो सामान आ जाएं। प्रत्येक पात्र में सवा किलो सफेद तिल, सवा किलो पीली सरसों, सवा किलो उड़द, सवा किलो जौ, सवा किलो साबुत मूंग भर दें। मिट्टी के ढक्कन से ढंक कर सभी पात्र को लाल कपड़े से मुंह बांध दें और अपने व्यावसायकि स्थल पर इन पांचों कलश को रख दें। वर्ष भर यह कलश अपनी दुकान में रखें। ग्राहकों का आगमन बड़ी सरलता से बढ़ेगा और कारोबारी समस्या का निवारण भी होगा। एक वर्ष के बाद इन संपूर्ण पात्रों को अपने ऊपर से 11 बार उसार कर बहते पानी में प्रवाह कर दें। और नये पात्र भरकर रख दें।

कोर्ट-कचेहरी के मामलों का निपटारा
यदि परिवार मे अप्रत्याशित दुघर्टनाओं की वजह से या कोर्ट-कचहरी की वजह से अप्रत्याशित रूप से धन का खर्च बढ़ रहा हो तो हर मंगलवार को स्वच्छ लाल वस्त्र में सवा किलो लाल मसूर बांधकर पारिवारिक सदस्यों के ऊपर से 11 बार उसार कर कपड़े सहित बहते पानी में प्रवाह कर दें। परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा।

धन-धान्य में वृद्धि हेतु
किसी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें। अपने घर के पूजा स्थान में नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत एक चौकी रखें। चौक ी पर एक सुंदर पीला वस्त्र बिछा दें। तत्पश्चात उसके ऊपर हल्दी से रंगे हुए पीले चावल की ढेरी बना दें। उसके ऊपर 9 गांठ हल्दी केसर में रंगकर उस पर रख दें। साथ में 9 नारियल के गोले, 9 सुपारी और 1 हल्दी से रंगा हुआ तांबे का छेद वाला सिक्का भी रख दें। श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करें। एक पाठ गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का और एक माला लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप करें। जाप के उपरांत यह समस्त सामग्री पारिवारिक सदस्यों के ऊपर से 11 बार उसार करके किसी तालाब या बहते पानी में प्रवाह कर दें। ऐसा नियमित 40 दिन करने से धन धान्य में वृद्धि होगी। पूजा सामग्री हमेशा स्वच्छ और नयी प्रयोग में लाएं।

मनोकामना पूर्ति हेतु
संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी सोचा हुआ काम पूरा नहीं होता हो तो मंगलवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें। और लगातार 21 मंगलवार तक करते रहें। हर मंगलवार को नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत जटा वाले नारियल के ऊपर सवा मीटर लाल कपड़ा लपेटकर 21 बार कलावा लपेट लें। तत्पश्चात लाल कपड़े के ऊपर 21 कुंकुम की बिंदी लगा लें। नारियल को अपने ऊपर से 21 बार उसार कर के अपने पूजा स्थान में रख दें। वहीं बैठकर एक पाठ सुंदरकांड का पाठ करें। तपश्चात अपनी मनोकामना का ध्यान करते हुए इस नारियल को बहते पानी व तालाब में प्रवाह कर दें।

व्यवसायिक क्षेत्र की समस्या हेतु
यदि आपका व्यवसाय तकनीकी क्षेत्र का है और आपके व्यवसाय में हमेशा कोई न कोई मशीन बहुत जल्दी खराब होती हो तो यह उपाय बहुत ही लाभदायक रहेगा। किसी भी माह के प्रथम गुरुवार के दिन हल्दी, कुंकुम और केसर की स्याही बनाकर नौ इंच सफेद कच्चे धागे को रंग लें। तत्पश्चात उसमें नौ गांठ लगा दें। मशीन के ऊपर उसी स्याही से स्वास्तिक बनाकर उस धागे को बांध दें। मशीन खराब नहीं होगी और कर्मचारी मन लगाकर काम करेंगे।

लक्ष्मी कृपा प्राप्ति हेतु
यह उपाय किसी महीने की अमावस्या को प्रारंभ करके पूरे वर्ष तक करें। अपने पूजा स्थान में नियमित गुग्गल धूप जलाकर सुबह-शाम लाल ऊन के आसन पर बैठकर 11 माला लक्ष्मी गायत्री ॐ महालक्ष्म्यै च विदमहे विष्णु पत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् की जाप करें। घर में सुख-शांति और महा लक्ष्मी की प्राप्ति बहुत की सुलभ हो जाएगी।