हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी होती चली जा रही है, जो थकान का अनुभव करने लगे हैं। शहरों विशेषकर महानगरों के 50 प्रतिशत वयस्क लोग इस वक्त तीव्र मानसिक तनावों से ग्रस्त होने की वजह से ज्यादा थकान से पीड़ित दिखाई देते हैं। थकान के मामले में कोलकाता सबसे आगे है। यहाँ 38.1 प्रतिशत लोग थकान के शिकार हैं। बेंगलुरू में 32 प्रतिशत वयस्क पुरुष और महिलाएँ थकान से ग्रसित हैं।
दिल्ली इस मामले में तीसरे स्थान पर हैं। यहाँ के 30 प्रतिशत स्त्री पुरुष थकान से खुद को पीड़ित कहते हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में थकने की प्रवृत्ति कुछ ज्यादा ही होती है। थकने की यह प्रवृत्ति लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी बहुत ज्यादा प्रभावित करती है।
विभिन्न शोधों से यह बात स्पष्ट रूप से खुलकर सामने आई है कि जो लोग जंक फूड का सेवन ज्यादा करते हैं उनमें थकान जल्दी दृष्टिगोचर होने लगती है। थकान की प्रारंभिक स्थिति में व्यक्ति की 9 से 10 प्रतिशत तक कार्य क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
वैसे आज की भागदौड़ भरी, तनाव भरी जिंदगी में किसी व्यक्ति का थक जाना अस्वाभाविक कतई नहीं माना जा सकता। पर कभी-कभी यह थकान कई घातक रोगों को आमंत्रण दे डालती है। ऐसे घातक रोगों में डिप्रेशन, माइग्रेन, हार्ट अटैक व सिरदर्द की समस्या प्रमुख है।
कई बार तो थकान की वजह से व्यक्ति के पेट का अल्सर, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, खून की कमी, डायबिटीज व गुर्दों की बीमारियों से भी दो-चार होना पड़ जाता है। ऐसे में स्थिति थोड़ा खराब हो सकती है।
अगर थकान कोई शारीरिक श्रम करने के पश्चात् महसूस हो तो यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया मानी जायेगी पर आजकल तो लोग कोई भी मानसिक या शारीरिक श्रम किए बिना ही थकान का अनुभव करने लगते हैं।
इस तरह की बेवजह थकान गलत जीवन शैली की वजह से लोग महसूस करते हैं क्योंकि इसमें व्यक्ति न तो कोई संतुलित आहार ही ले रहा है और न ही कोई शारीरिक श्रम ही कर रहा है। आज लोग सारा-सारा दिन कम्प्यूटर के सामने बैठे रहते हैं या स्थायी रूप से एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं। ऐसे लोग भी थकान का जल्द ही शिकार हो जाया करते हैं।
थकावट चाहें शारीरिक हो या मानसिक उसका अहसास करने वाला केन्द्र हमारे मस्तिष्क में ही होता है। नींद की कमी,बीमारी, शोर गलत वातावरण कार्य करने की सीमा आदि का थकान से सीधा-सीधा संबंध है।
थकान महसूस करना कोई हानिकारक प्रक्रिया नहीं है, पर जब थकावट महसूस करने के बाद भी व्यक्ति आराम नहीं करता है और लगातार काम में ही लगा रहता है। तब गंभीर स्थिति उत्पन्न होकर किसी गंभीर अवस्था को अवश्य जन्म दे सकती है। इसलिए थकावट का अनुभव करते ही रिलैक्स होने के लिये थोड़ा आराम अवश्य करना चाहिए।
लक्षण :
*जब कोई व्यक्ति थकान महसूस करता है तो उसे जम्हाई आने लगती है।
*व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
*व्यक्ति की आवाज भारी हो जाती है।
*व्यक्ति को अपने हाथ-पैरों में सूजन का अहसास होता है।
*कब्ज की शिकायत हो जाती है।
*थकान का अनुभव करने पर व्यक्ति यही सोचता है कि कोई भी उससे बोले नहीं और वह दो घड़ी चैन से आराम कर लें।
*थकान से पीड़ित व्यक्ति के सिर के
*बाल झड़ने लगते हैं।
*थकान से पीड़ित व्यक्ति कुंठा का शिकार हो जाता है।
कारण :
थकान के कारण अनेक हो सकते हैं।
शारीरिक कारण :-
*मोटापे की वजह से भी व्यक्ति थकान का शिकार हो जाता है।
*अगर व्यक्ति के कद के अनुसार व्यक्ति का वजन कम है तब भी ऐसा व्यक्ति जरा सा कार्य करने पर ही थकान का अनुभव करने लगता है।
*बुखार या वायरल से ग्रसित होना भी थकान का कारण हो सकता है।
*कई लोग बीमारी की वजह से भी थकान का अनुभव करते हैं।
*गर्भवती स्त्री या स्तनपान कराने वाली स्त्री भी अक्सर थकान का अनुभव करती है।
*नींद पूरी न होना भी थकान का कारण हो सकता है।
*थायरॉयड हार्मोन की अधिकता या कमी भी थकान का कारण हो सकती है।
*कभी-कभी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाया करता है। यह अवस्था की थकान का कारण बन सकती है।
*रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से भी थकान का अनुभव होने लगता है।
*गुर्दे की बीमारी होने पर भी थकान अनुभव होती है।
*आस्टियोपोरोसिस अर्थात हड्डियों के कमजोर होते जाने की बीमारी की वजह भी थकान का कारण हो सकती है।
*स्त्रियों को मेनोपॉज की अवस्था में भी थकान का अनुभव होता है।
मानसिक कारण :
*मानसिक कारण भी थकान का कारण बन सकते हैं।
*परेशानियों और तनाव से घिरने पर भी व्यक्ति थकान का अनुभव करने लगता है।
*अनिद्रा से ग्रस्त रोगी को भी थकान का अहसास होता है।
*अवसाद भी थकान का कारण हो सकता है।
अन्य कारण :
*अनियमित जीवन शैली भी थकान का कारण बन सकती है।
*जब व्यक्ति अपनी इच्छानुसार कार्य को मूर्त रूप देने में असफल रहता है तब उसके अंदर नकारात्मक सोच निराशा को पैदा कर देती है। यह कारण भी थकान का कारण हो सकता है।
निवारण :
*अपनी दिनचर्या को नियमित रखें। समय पर सोएँ और समय पर ही जागें।
*रात में अच्छी तरह से सोने की आदत डालें। सोते वक्त तनावों को अपने से परे धकेल कर सोएँ।
*आपका बेडरूम और बिस्तर दोनों भी साफ व स्वच्छ होने चाहिए।
*पानी पीते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वह स्वच्छ व साफ हो।
*सुबह-शाम टहलने की आदत डालें।
*अपने वजन को नियंत्राण में रखें।
*व्यायाम करने की आदत डालें।
*थकान का अनुभव होते ही या घबराहट का अनुभव होते ही कुछ देर गहरी सांस लेकर एक गिलास पानी पीएँ पिफर काम में लगें।
*हर कार्य सोच-समझकर करने की आदत डालें ताकि बाद में पछताना न पड़े।
*सोने से पूर्व एक गिलास दूध पीने की आदत डालें। इससे नींद अच्छी आएगी।
*शारीरिक श्रम का कार्य करने के बाद आराम जरूर करें।
*सकारात्मक एवं रचनात्मक विचारों को अपनाएँ।
*थकान दूर करने के लिये गर्म पानी से नहाएँ।
*संगीत के द्वारा भी थकान दूर की जा सकती है।
*ब्लड प्रेशर को बढ़ने न दें। बढ़ा हुआ ब्लडप्रेशर तनाव व थकावट का अहसास कराता है।
*हमेशा खुश रहने की आदत डालें। इससे थकान पास नहीं पफटकती है
*अगर काम करते समय थकान का अनुभव करें तो कुछ पल के लिए आँखों पर हथेलियाँ रखें। उससे आँखों को आराम मिलेगा।
*बदलते मौसम के अनुसार पेय पदार्थों का सेवन करते रहने से भी थकान का अनुभव नहीं होता है।
*अगर थकान ज्यादा महसूस कर रहे हों तो ऐसे में हाथ-पाँवों को ढीला छोड़कर आँखें बंद करके बेड पर लेट जाना चाहिए। ऐसा करने से मांसपेशियों का तनाव दूर होने से थकान मिटती है।
*अगर ज्यादा देर तक खड़े रहने से एड़ियाँ थक गई हैं तो गर्म पानी में नमक डालकर उसमें पाँव रखें। ऐसा करने से एड़ियाँ को आराम भी मिलेगा और थकान भी मिटेगी।
*दफतर में कुछ देर सीट छोड़कर इधर-उधर एक दो चक्कर लगाएँ। ऐसा करने से थकान का अनुभव नहीं होता है।
*सुबह का नाश्ता अवश्य करें।
*अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा सा समय मनोरंजन के लिये भी निकालें।
*प्रतिदिन एक्सरसाइज के लिये थोड़ा वक्त अवश्य निकालें। ऐसा करने से आपकी कार्य क्षमता में तो बढ़ोतरी होगी ही आप खुद को थकान सहित महसूस करके खुद को तरोताजा महसूस करेंगे।
*तैराकी की आदत डालें। साइकिल चलाने की आदत भी डाल सकते हैं।
आहार (पथ्य)
*भोजन में दूध, पफलों का रस, साबुत दालें ले सकते हैं। भोजन में दही को जरूर
शामिल करें। दही के सेवन से आंतों को सही-सलामत रखा जा सकता है।
*ताजे पफल और हरी सब्जियों का सेवन करें।
*दूध हर उम्र में पफायदा पहुँचाता है इसलिए इसका सेवन जरूर करें।
*अंकुरित अनाज का सेवन करें।
*नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।
(अपथ्य)
*ज्यादा कैलोरी वाला भोजन के पचने में ज्यादा वक्त लगता है जिससे शरीर में सुस्ती आती है।
*चाय, कॉपफी, धूम्रपान, शराब आदि का सेवन न करें।
*तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
*पफास्ट पफूड और जंक पफूड का परित्याग करें।
*मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
*नूडल्स, पिज्जा, बर्गर हमें पौष्टिक तत्व तो नहीं देते। हाँ मोटापा जरूर देते हैं।
मोटापा थकान का अहसास कराता है। इसलिये उपरोक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
योग को अपनाएँ योग को अपनाकर आप निसंदेह थकान को अलविदा कह सकते हैं। योग में बहुत ज्यादा ताकत है। सूर्यनमस्कार सर्वांगासन, शवासन और बालासन के द्वारा थकान को दूर किया जा सकता है। ये सभी आसन शरीर और मन दोनों की थकान को दूर करते हैं।
21 मार्च 2010
योग से रहें थकान मुक्त
Posted by Udit bhargava at 3/21/2010 03:54:00 pm
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