सुबहका वक्त था. एक कमरेमें अतूल कॉम्प्यूरपर बैठा था और अलेक्स उसके बगलमें बैठा हुवा था, '' अब देखो ... हमारा मजदूरीका काम अब खत्म हुवा है '' अतूलने अलेक्ससे कहा और उसने कॉम्प्यूटरपर विवेकके मेलबॉक्सका ब्रेक किया हुवा पासवर्ड देकर विवेकका मेलबॉक्स खोला.
'' अब असली काम शुरु हो गया है ...'' अतूल कॉम्प्यूटर ऑपरेट करते हूए बोला.
अलेक्स चूपचाप गौरसे वह क्या कर रहा है यह देख रहा था.
अतूल अब विवेकके मेलबॉक्समें मेल टाईप करने लगा -
"" मिस अंजली... हाय... वुई हॅड अ नाईस टाईम ... आय रिअली ऍन्जॉइड इट.. खुशीसे लथपथ और आपके प्यारसे भीगे हूए वह क्षण मैने अपने हृदय और कॅमेरेमें कैद कर रखे है ...''
अतूलने टाईप करते हूए एक बार अलेक्सकी तरफ देखा. दोनों एक दुसरेकी तरफ देखकर अजीब तरहसे मुस्कुराए. फिर अतूल आगे टाईप करने लगा -
'' मै तुम्हारी क्षमा मांगता हूं की वे पल मैने तुम्हारे इजाजतके बिना कॅमेरेमें कैद किए ... वे पल थे ही ऐसे की मै अपने आपको रोक ना सका ... तुम्हे झूठ लगता है? ... तो देखो ... उन पलोंमेसे एक पलका फोटो मै इस मेलके साथ भेज रहा हूं ... ऐसे काफी पल मैने मेरे कॅमेरेमें और मेरे दिलमें कैद करके रखे है ... सोच रहा हूं की उन पलोंको .. उन फोटोग्राफ्सको इंटरनेटपर पब्लीश करुं ... क्यों कैसी झकास आयडिया है ? नही? ... लेकिन वह तुम्हे पसंद नही आएगा ... नही तुम्हारी अगर वैसी इच्छा ना हो तो उन पलोंको मै हमेशाके लिए मेरे हृदयमें दफन कर सकता हूं ... लेकिन उसके लिए तुम्हे एक मामुली किमत अदा करनी होगी ... क्या करें हर चिजकी एक तय किमत होती है ... नही?...''
फिरसे अतूल टाईप करते हूए रुका, वह अलेक्सकी तरफ मुडकर बोला,
'' अलेक्स बोलो तुम्हे कितनी किंमत चाहिए ?''
'' मांगो 20-25 लाख'' अलेक्सने कहा.
'' बस 25 लाखही ... ऐसा करते है 25 तुम्हारे और 25 मेरे ... 50 कैसा रहेगा '' अतूलने कहा.
'' 50 !'' अलेक्स आश्चर्यभरी आंखोसे अतूलकी तरफ देखते हूए बोला.
अतूल फिरसे बची हूई मेल टाईप करने लगा -
'' कुछ नही बस सिर्फ 50 लाख रुपए... तुम्हारे लिए एकदम मामुली रकम है ... और हां ... पैसोंका बंदोबस्त जल्दसे जल्द करो ... पैसे कहां और कैसे पहूंचाने है ... यह सब बादकी मेलमें बताऊंगा ...
मै इस मेलके लिए तुम्हारी तहे दिलसे माफी चाहता हूं ... लेकिन क्या करे कुछ पानेके लिए कुछ खोना पडता है ... अगले मेलकी प्रतिक्षा करना... और हां ... मुझे पुलिससे बहुत डर लगता है ... और जब मुझे डर लगता है तब मै कुछभी कर सकता हूं .... किसीका खुनभी ...
--- तुम्हारा ... सिर्फ तुम्हारा ... विवेक ''
अतूलने पुरी मेल टाईप की. फिर एक दो बार पढकर देखी ताकी कोई गलती ना छुटे. फिर कोई गलती नही है इसकी तसल्ली होते ही 'सेंड' बटनपर क्लीक कर अंजलीको भेजभी दी.
जब स्क्रिनपर 'मेल सेंट' मेसेज आया. दोनोंने एक दुसरेका हाथ टकराकर ताली बजाई.
उधर अंजलीने जब मेलबॉक्स खोलकर वह मेल पढी, उसे अपने पैरोंके निचेसे मानो जमिन खिसक गई हो ऐसा लगा. उसने झटसे अपने सामने रखे इंटरकॉमपर दो डीजीट दबाए ,
'' मोना... सेन्ड शरवरी इन ... इमिडीयटली''
21 मार्च 2010
Hindi Novel : ELove - CH-33 सेन्ड शरवरी इन ... इमिडीयटली
Posted by Udit bhargava at 3/21/2010 08:17:00 pm
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