1. परमात्मा में सही विश्वास का अर्थ है - निर्भयता।
2. मनोविकारो पर विजय प्राप्त करना ही आत्मा दी सच्ची स्वतंत्रता है।
3. दो सबसे माहान चिकित्सक है - परमात्मा और समय।
4. शांति व सहनशीलता वातानुकूलित कक्ष जैसी शीतलता प्रदान करती है।
5. चिंताग्रस्त व्यक्ति जीवन में कई बार मरता है।
6. भय को दूर भागने के लिए ज्ञान व विवेक की प्राप्ति ही एकमात्र उपाय है।
7. गुरु के पाने के बाद कुछ और पाने की आवश्यकता नहीं रह जाती।
8. यदि आपको अपने ही अन्दर शांति नहीं मिल पाती तो भला इस विश्व मे कही और कैसे पा सकते हो।
9. अविश्वासी व्यक्ति कभी शांत नहीं रह सकता, मन की शांति के बिना क्या ख़ुशी संभव है।
10. आप अनुमान लगाने का जितना अधिक प्रयत्न करेगे उतना ही अधिक परेशांन होगे।
11. क्रोधी व्यक्ति वास्तव मे स्वयम के साथ क्रोधित होता है।
12. यदि आप प्रेमयुक्त होने के साथ साथ नियमयुक्त होकर नहीं रह सकते तो आपमे अवश्य किसी शक्ति की कमी है।
23 अप्रैल 2010
परमात्मा में विश्वास
Labels: ज्ञान- धारा
Posted by Udit bhargava at 4/23/2010 12:23:00 am
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