23 अप्रैल 2010

कष्ट निवारण - उपाय - 6

रुके धन की वापसी हेतु
किसी भी गणेश जी के मंदिर में हर रोज नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत पान के पत्ते पर 5 लड्डू रखकर इस मंत्र की ॐगणेश लक्ष्मी वागदेवी मम् वाक्यं सिद्धं कुरु कुरु स्वाहा 5 माला जाप श्रद्धापूर्वक जाप करने से रुका हुआ धन प्राप्त होगा। जाप के उपरांत लड्डू गाय को अपने हाथ से खिला दें।

धन और समृद्धि प्राप्ति हेतु
किसी भी रवि पुष्य नक्षत्र के दिन नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत प्रात:काल शुभ मूहर्त में अपने पूजा स्थान में संपूर्ण श्री यंत्र स्थापित करें। और हर रोज सुबह-शाम श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करने के उपरांत मिट्टी के दीपक में घी भरकर खड़ी ज्योत लगाकर प्रज्वलित करें। तत्पश्चात तीन-तीन पाठ लक्ष्मी सूक्त, एक माला ॐ श्री विष्णवे नम: और एक माला ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौ गं गणपतये वरदये सर्वजन वश मानय ठ:ठ: ॐ मंत्र की जाप करें। ऐसा नियमित 40 दिन करने से कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा धन की प्राप्ति होगी।

संपूर्ण कष्टों से छुटकारे हेतु
किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत कांसे की थाली मे कुंकुंम केसर ढेरी बनाए चावल की ढेरी के ऊपर कनक धारा यंत्र को स्थापित करें। स्वच्छ जल में गंगाजल मिलाकर छींटा दें। कुंकुम से तिलक करें। धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प और अक्षत अर्पित कर श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करें। तत्पश्चात शुद्ध देसी घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें। कंबल का शुद्ध आसन बिछाकर एक माला इस ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी आगच्छ आगच्छ मम गृह तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा मंत्र की जाप करें। साथ ही इस 'ॐ वं श्री वं एं ह्रीं क्लीं कनकधारायै स्वाहा।' मंत्र की पांच माला जाप करें। ऐसा नियमित सुबह-शाम पूजन करके लगातार 40 दिन जाप करें। संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा।

आर्थिक संकट निवारण प्रयोग
नवरात्र के दूसरे दिन थोड़ी सी चाँदी खरीद कर लाएं। उस चाँदी का अपने सामने सुनहार से अपनी कनिष्टा उंगली के नाप का बिना जोड़ का छल्ला बनाएं। और रात्रि 10 से 12 बजे के बीच में पूजा करें। पूजा के समय लाल चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर 250 ग्राम शहद आए इतना बड़ा मिट्टी का पात्र और उसमें शहद भर दें। इस पात्र को चौकी के ऊपर रख दें। धूप-दीप, नेवैद्य पुष्प अक्षत अर्पित करने के बाद केसर से पात्र को तिलक करें। तत्पश्चात वह छल्ला उस पात्र में डूबों दें। और वहीं शुध्द कम्बल के आसन पर बैठ कर सफेद हकीक की माला पर सात माला ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ माँ ब्रह्मचारिणी देव्यै नम: की करें एवं सात माला कमलगट्टे की माला पर ॐ र्श्री श्रिययै नम: की जाप करें। तत्पश्चात पात्र पर मिट्टी का ढक्कन लगाकर लाल कपड़े से बांध दें। अपने ऊपर से 11 बार वार कर अपने पूजा स्थान में रख दें। प्रात: काल ब्रह्ममर्ुहूत्त में पात्र खोलकर अंगूठी को बाहर निकाल लें। पंचामृत से शुध्द कर लें। धूप-दीप जला करके एक माला पुन: ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ माँ ब्रह्मचारिणी देव्यै नम: की और एक माला ॐ र्श्री श्रिययै नम: की मानस जाप करें। सूर्योदय से पहले इस मिट्टी के पात्र को किसी शिव मंदिर में बिना किसी से बोले रख आएं। आर्थिक सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा।

बचत और बरकत के लिए अद्भुत प्रयोग
सम्पूर्ण प्रयास के बावजूद भी परेशानियां आपका साथ नहीं छोड़ रही है और दरिद्रता जोंक की तरह आपसे चिपकी हुई है। कठिन परिश्रम की कमाई एक पल में कहां छू मंतर हो जाती है पता ही नहीं चलता। घर में बरकत नजर ही नहीं आ रही है। अद्भुत उपाय जो मैं बताने जा रहा हूँ। नवरात्रे के दूसरे दिन यह उपाय शुरु करना बहुत ही अनुकूल माना गया है। और यह उपाय रात्रि 8 से 12 बजे के बीच में किया जाए तो बहुत ही अच्छा रहता है। एक चौकी ले लें उस पर लाल कपड़ा बिछा कर 21 मुट्ठी हल्दी से रंगे हुए चावल की ढेरी लगाएं। उसके ऊपर 11 गोमती चक्र, एक लघु दक्षिणावर्ती शंख। 11 तांबे के छेद वाले सिक्के ढेरी के ऊपर रख दें। साथ ही सर्वबाधा मुक्ति निवारण यंत्र एवं अष्टमहालक्ष्मी यंत्र और दुर्गा यंत्र भी स्थापित कर दें तो सोने में सुहागा रहेगा। कुमकुम से तिलक कर लें। धूप-दीप, अक्षत, पुष्प अर्पित कर माँ भगवती से प्रार्थना करें। शुध्द कम्बल का आसन बिछा कर मूंगे की माला पर पांच माला ॐ गं गणपतये नम:॥, दो माला ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ माँ ब्रह्मचारिणी देव्यै नम: और एक माला लक्ष्मी बीज मंत्र ॐ ह्रीं पद्मे स्वाहा। की मानस जाप करें। तत्पश्चात समस्त सामग्री अपने ऊपर से 11 बार उसार कर घर के किसी मंदिर या शुध्द कोने में रख दें। प्रात: काल ब्रह्ममर्ुहूत्त में यह समस्त सामग्री जल में प्रवाहित कर दें।

सम्पूर्ण कष्ट निवारण प्रयोग
यदि आपको आपके व्यापारिक कार्यों में अप्रत्याशितबाधाएं आ रहीं हैं तो आज के दिन यह उपाय शुरु करें। घी का दीपक जला दें। एक माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ चंद्रघंटा देव्यै नम:, एक पाठ श्री गणेश स्तोत्र प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से करें। पूजा करने के उपरांत हर रोज गाय को हरी घास खिलाएं। हरा चारा डालें। ऐसा 43 दिन, 86 दिन या 172 दिन करें।

बाधा निवारण और बाधा विनाशक प्रयोग
यदि किसी के भी साथ अप्रत्याशित, बार-बार बिना किसी कारण परेशानी आ रही हो, मन बेचेन रहता हो, अनहोनी दुर्घटनाएं घट रही हों और एक्सीडेंट होता हो तो 800 ग्राम चावल दूध से धो कर पवित्र पात्र में अपने सामने रख लें और एक माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ चंद्रघंटा देव्यै नम: और एक माला मंगलकारी शनि मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात इस सामग्री को अपने ऊपर से 11 बार उसार करके किसी तालाब अथवा बहते पानी में प्रवाह करें और दूध किसी कुत्ते को पिला दें। यह उपाय लगातार 43 दिनों तक करें। इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

आयु, यश, बल व ऐश्वर्य प्रदान करने वाला अद्भुत प्रयोग
सम्पूर्ण परिश्रम, प्रयास और कठिन मेहनत के बावजूद बदनामी का सामना करना पड़ रहा हो, समाज में जग हंसाई हो रही हो, व्यापार वृध्दि के लिए किए गए सम्पूर्ण प्रयास विफल हो रहे हो, तो आज का दिन उन लोगों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। चार कुम्हड़े (काशीफल या कद्दू), चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर इन सबको उस पर रख दें। धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प अर्पित करने के बाद पांच माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ कूष्माण्डा देव्यै नम:, एक माला ॐ शं शनैश्चराय नम: का जाप करें। तत्पश्चात इनको अपने ऊपर से 11 बार उसार लें, उसारने के बाद छोटे-छोटे टुकड़े करके किसी तालाब में डाल दें। सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

चर्म रोगों से छुटकारा के लिए अद्भुत प्रयोग
जिन्हें बार-बार, शरीर में फोड़ा-फुंसी होती हो या कोई न कोई चर्म रोग हमेशा रहता हो उन्हें आज के दिन यह उपाय प्रारम्भ करना लाभदाय रहेगा। एक चाँदी की कटोरी ले लें उसमें स्वच्छ जल भर कर 18 पत्ते तुलसी के, 9 पत्ते नीम के और 3 पत्ते बेलपत्र के डाल लें। अपने सामने स्वच्छ आसन पर रख दें। तत्पश्चात घी का दीपक और चंदन का धूप जला कर एक माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामूण्डाय विच्चे ॐ कूष्माण्डा देव्यै नम: और शनि पत्नी नाम स्तुति की एक माला करने से लाभ होगा।

डूबा हुआ पैसा प्राप्ति का सरल उपाय
यदि आपका पैसा कहीं फंस गया हो, या जिसको भी आप पैसा देते हैं वह पैसा वापस नहीं देता हो, तो 11 गोमती चक्र को हरे कपड़े में बांध कर पवित्र थाली में अपने सामने रख दें, घी का दीपक जलाएं, एक माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामूण्डाय विच्चे ॐ कूष्माण्डा देव्यै नम: और एक माला ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: का जाप करें। तत्पश्चात इस सामग्री को किसी सुनसान जगह में उस व्यक्ति का ध्यान करते हुए गढ्डा खोद कर दबा दें। इस उपाय से आपका धन आपको वापस अवश्य मिलेगा। उपाय आज के दिन दोपहर 12 बजे से शुरू करें और लगातार 43 दिन तक नियमित करें।