23 अप्रैल 2010

कष्ट निवारण - उपाय 2

बरकत के लिए
पूरे वर्ष सुख-शांति व आनंद से बिताने के लिए धन तेरस से लेकर दीपावली तक लगातार तीन दिन सुबह-शाम अपने पूजा स्थान में भगवान गणपति की तस्वीर के सामने चौमुखा घी का दीपक जलाकर गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र के 108 पाठ करें। पाठ के उपरांत गाय को अपने हाथ से पालक खिलाएं। इस प्रयोग से संपूर्ण कार्य बाधा समाप्त हो जाएगी।

रोजगार बाधा निवारण
जिस जातक की जन्मकुंडली में बृहस्पति की स्थिति अनुकूल नहीं हो ऐसी अवस्था में उसे कारोबार व रोजगार में समस्या आती है। इसके उपाय के लिए किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार के दिन 11 दाने सफेद गुंजा, 11 छेद वाले तांबे के सिक्के लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर घर के किसी कोने में रख दें और गाय को हर रोज गुड़ व चना खिलायें। कारोबार में लाभ होने लगेगा। ऐसा 40 दिन करें। 40 दिन के बाद समस्त सामग्री को अपने ऊपर 11 बार उसारकर के बहते पानी में प्रवाह कर दें।

धन आगमन हेतु
संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी सोचा हुआ काम पूरा नहीं होता हो तो मंगलवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें। और लगातार 21 मंगलवार तक करते रहें। हर मंगलवार को नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत जटा वाले नारियल के ऊपर सवा मीटर लाल कपड़ा लपेटकर 21 बार कलावा लपेट लें। तत्पश्चात लाल कपड़े के ऊपर 21 कुंकुम की बिंदी लगा लें। नारियल को अपने ऊपर से 21 बार उसार कर के अपने पूजा स्थान में रख दें। वहीं बैठकर एक पाठ सुंदरकांड का पाठ करें। तपश्चात अपनी मनोकामना का ध्यान करते हुए इस नारियल को बहते पानी व तालाब में प्रवाह कर दें।

मनोनुकूल कार्य-सफलता
मनोनुकूल कार्य-सफलता प्राप्त करने के लिए गुरुवार के दिन अपने पूजा स्थान में पूर्व दिशा में मुंह करके बैठ जाएं। स्वच्छ पात्र में 7 लौंग फूल सहित, 7 कपूर की डली रख दें। मां गायत्री का ध्यान करते हुए कपूर और लौंग को जला लें। जब तक कपूर और लौंग जले गायत्री मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। जलने के बाद बनी भस्म को प्रतिदिन तीन बार गायत्री मंत्र का जाप करने के बाद तिलक लगा लें। सफलता मिलेगी।

मनोकामना पूर्ति हेतु
हर रोज नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत 108 बिल्वपत्र के ऊपर सफेद चंदन से ॐ नम: शिवाय चंदन की लकड़ी से लिखें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए उसे शिवलिंग पर चढ़ा दें। इससे संपूर्ण मनोकामना पूर्ण होगी।

व्यापारिक समस्याओं के समाधान हेतु
किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत पीले कपड़े में हल्दी से रंगे हुए सात मुट्ठी पीले चावल, सात गोमती चक्र, सात कौड़ी रखकर उसको पोटली बना दें। पोटली के ऊपर हल्दी, कुंकुम और केसर से सात स्वस्तिक बनाएं। तत्पश्चात इस पोटली को लेकर संपूर्ण घर की परिक्रमा करते हुए घर से बाहर निकल जाएं और किसी बहते पानी में या सरोवर या तालाब में प्रवाह कर दें। इससे व्यापारिक समस्याओं का निवारण हो जाएगा।

बच्चे का भय दूर करने के लिए
एक लोहे के तवे के ऊपर 21 कुंकुम की बिंदी लगाएं। उस तवे को बच्चे के ऊपर से 11 बार उसार कर बच्चे की चारपाई के नीचे उलटा रखने से बच्चा भय से मुक्त हो जाता है और रोता भी नहीं।

धन लाभ हेतु
किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार के दिन यह उपाय आरंभ करें और लगातार 7 शुक्रवार को करें। हर शुक्रवार के दिन सायंकाल मां भगवती के मंदिर में जाकर नौ वर्ष से छोटी उम्र की सात कन्याओं को श्रद्धानुसार भोजन कराएं। भोजन में खीर और मिश्री का प्रसाद अवश्य होना चाहिए। भोजन के उपरांत कन्याओं का पूजन करें और वस्त्र और दक्षिणा समर्पित करें। इससे धन लाभ होगा।

बाधा निवारण हेतु
संपूर्ण प्रयासों के बावजूद कार्यों में अप्रत्याशित बाधा आ रही हो तो मंगलवार के दिन स्नानोपरांत किसी स्वच्छ मिट्टी के पात्र में श्रद्धानुसार मशरूम भरकर अपने ऊपर से 11 बार उसार कर किसी एकांत जगह में चुपचाप रखकर आने से सभी प्रकार की कार्य बाधा दूर हो जाएगी।

रोजगार प्राप्ति हेतु
संपूर्ण प्रयास करने के बावजूद आर्थिक संपन्नता नहीं हो रही हो, घर में धन आ ही नहीं रहा हो तो किसी भी महीने के प्रथम बुधवार के दिन प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत ब्रह्म मर्ुहूत्त में तीन मिट्टी के पात्र लें। एक पात्र में हरा कपड़ा बिछाकर सवा किलो साबुत मूंग भर दें। दूसरे पात्र में नीला कपड़ा बिछाकर सवा किलो साबुत उड़द भर दें। तीसरे पात्र में सफेद कपड़ा बिछकार साबुत नमक भर दें। तीनों पात्रों के मुंह उसी रंग के कपडे से ढक दें और इन तीनों पात्रों को घर के ईशान कोण में गङ्ढा खोदकर दबा दें। कारोबार में सफलता अवश्य प्राप्त होगी।