हेल्थ को लेकर भारतीयों की मानसिकता बदल रही है।आजकल जिम में युवाओं के साथ बच्चे, बूढे भी जमकर पसीना बहा रहे हैं और इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं फिटनेस ट्रेनर। आजकल की भागदौड भरी जिंदगी में खुद को फिट रखना बहुत जरूरी है। जाहिर है फिट रहना है, तो कुछ व्यायाम भी करने होंगे और इसके लिए आपको जरूरत पडती है एक इंस्ट्रक्टर की। जिस तरह दिनोंदिन जिमों की डिमांड बढ रही है, फिटनेस ट्रेनर एक करियर के रूप में तेजी से उभर रहा आपको एक्सरसाइज में दिलचस्पी तो आप इसे आप अपना करियर भी बना सकते हैं।
क्या हैं फिटनेस ट्रेनर
जिम ज्वाइन करने के बाद फिटनेस ट्रेनर बॉडी को शेप देने में मदद करता है। फिटनेस ट्रेनर एक्सरसाइज के जरिए शरीर का वजन कम करने और फिजिक को फ्लेक्सिबल रखने में अहम भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं ट्रेनर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के जरिए बॉडी के अनुसार जरूरी एक्सरसाइज भी बताता है और उम्र और सेहत के मुताबिक क्या हो डाइट, इसका ख्याल भी रखता है।
फिटनेस ट्रेनर पूर्ण प्रशिक्षित प्रोफेशनल होता है, जिसे ह्यूमन एनॉटोमी की औपचारिक और व्यावहारिक जानकारी होती है साथ ही वह शारीरिक व्यायाम और बायोमैकेनिक्स में भी विशेषज्ञ होता है। हमारे देश में बहुत कम लोग हैं, जो फिटनेस ट्रेनर को गंभीरता से लेते हैं। पहले एथलीट अपने खेलों में सुधार के लिए ट्रेनर रखते थे, लेकिन अब सेलिब्रिटी से लेकर कॉमन सिटीजन तक खुद को फिट रखने के लिए फिटनेस ट्रेनर रखते हैं।
क्या स्किल्स हैं जरूरी
मल्टीनेशनल जिम चेन गोल्ड जिम इंडिया की ट्रेनिंग ऐंड स्पोर्ट्स न्यूट्रिशियन मैनेजर मुनीरा जावदवाला कवाद के मुताबिक, फिटनेस ट्रेनर वह पहला गढ है, जो मानव शरीर को बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। वह कहती हैं कि आजकल मात्र 0.06 प्रतिशत भारतीय ही एक्सरसाइज के जरिए तंदुरुस्त रहने का नुस्खा सीख रहे हैं।
इससे स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और करियर के लिहाज से यह क्षेत्र काफी आकर्षक है। मुनीरा के मुताबिक फिटनेस की पढाई के अलावा कम्युनिकेशन स्किल्स भी एक ट्रेनर को इस इंडस्ट्री में हिट रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा फिटनेस ट्रेनर को हेल्थ साइंस में हो रहे ताजे बदलावों की जानकारी भी होनी चाहिए।
अनिल अंबानी, करीना कपूर और सैफ अली खान की फिटनेस ट्रेनर रहीं रुजुता दिवेकर कहती हैं कि ईमानदारी, सच्चाई और बेहतर करने की चाहत एक ट्रेनर के लिए बेहद जरूरी है। एक अच्छे फिटनेस ट्रेनर को चाहिए कि वह रोजाना अपने कौशल को निखारने के लिए थोडा वक्तदे। इसके अलावा इंडस्ट्री में आ रहे बदलावों की जानकारी भी जरूरी है। वह कहती हैं कि एक अच्छा ट्रेनर खुद को अपडेट रखने के लिए लगातार पढाई करे, ताकि अपने क्लाइंट को वह सब दे सके, जो वह चाहता है।
बाकी सभी दूसरे प्रोफेशन की तरह शुरुआत में इसमें भी कम पैसे का दबाव होता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। चाहे सेलीब्रिटीज हो या कॉमन क्लाइंट, सभी यह उम्मीद करते हैं कि फिटनेस ट्रेनर अपने काम में मौलिकता के साथ-साथ ईमानदारी से काम करे और उनका कीमती वक्त बर्बाद न करे।
कैसे ले सर्टिफिकेशन
नाइक एरोबिक कोर्स या रीबॉक इंस्ट्रक्टर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के जरिए इस प्रोफेशन में एंट्री ली जा सकती है। बेसिक कोर्स 80 घंटे का होता है, जिसमें 30 घंटे की थ्यौरी और बाकी समय में प्रैक्टिकल की जानकारी दी जाती है। कोर्स के आखिर में लिखित और प्रायोगिक परीक्षा होती है, जिसे पास करने के बाद रीबॉक सर्टिफाइड इंस्ट्रक्टर बना जा सकता है।
इसके अलावा गोल्ड जिम यूनिवर्सिटी फिटनेस मैनेजमेंट, पर्सनल ट्रेनिंग और ग्रुप एक्सरसाइज में सर्टिफिकेशन प्रोग्राम चलाती है। पर्सनल ट्रेनिंग कोर्स की अवधि चार माह की होती है और 22 घंटे का इंडोर साइकिलिंग सर्टिफिकेशन होता है। अमेरिकन कालेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन हेल्थ फिटनेस और क्लीनिकल सर्टिफिकेशन में इंटरनेशनल कोर्स कराते हैं।
कहां मिल सकती है जॉब
जिम, हर बडे होटलों, हेल्थ क्लब्स, फिटनेस सेंटर्स, स्पॉस, टूरिस्ट रिजॉर्ट जैसी जगहों पर फिजिकल ट्रेनर की मांग हमेशा बनी रहती है। अच्छा एक्सपीरियंस होने के बाद अपना फिटनेस सेंटर भी खोला जा सकता है।
इसके अलावा कई कंपनियां भी अपने एंप्लाइज को फिट रखने के लिए फिटनेस ट्रेनर हायर कर रही हैं। वहीं फिटनेस में विशेषज्ञता हासिल करने के बाद डाइटीशियन के क्षेत्र में भी एंट्री ली जा सकती है। डाइटीशियन शैफाली रावत के मुताबिक, हर व्यक्तिकी भोजन की जरूरतें अलग-अलग होती हैं और हम उनकी जरूरत को समझ कर उनकी डाइट को संतुलित कर सकते हैं।
शुरुआती सैलरी
शेफाली रावत के मुताबिक, एक डाइटीशियन को शुरुआत में 5 से 10 हजार रुपये की कमाई आसानी से हो जाती है। लेकिन अच्छे अनुभवी डाइटीशियन घंटों के हिसाब से फीस चार्ज करते हैं। वहीं अगर कोई फिटनेस ट्रेनर खुद का हेल्थ क्लब या फिटनेस ट्रेनिंग सेंटर शुरू करना चाहता है, तो शुरुआत में चार से छह लाख रुपये का इनवेस्टमेंट काफी है।
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