28 अप्रैल 2010

...तो कंसीव करना होगा आसान

आप और आपके पार्टनर अब बेबी चाहते हैं ?
ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

बचें इन चीजों से

प्रोसेस छिपाना
कंसीव न कर पाने पर डॉक्टर्स अक्सर कपल को फर्टिलिटी टेस्ट कराने के लिए रिफर करते हैं। दरअसल , डॉक्टर्स कपल्स को यह कहने से बचते हैं कि कंसीव न कर पाने का कारण हो सकता है कि उनकी इंटरकोर्स प्रोसेस ठीक न हो , वे सही तरीका इस्तेमाल न कर रहे हों या बहुत दिनों बाद संबंध बना रहे हों। इसलिए कपल्स को इंटरकोर्स से पहले प्रॉपर सेक्स एजुकेशन के साथ इमोशनल और फिजिकल बारीकियों की जानकारी होना बेहद जरूरी है।

उम्र ज्यादा होना
उम्र बढ़ने के साथ कंसीव करने की क्षमता भी कम होती जाती है। इसकी शुरुआत 32 साल के बाद होने लगती है। दरअसल , हर महिला में लिमिटेड एग्स होते हैं , जिनकी क्वॉलिटी उम्र बढ़ने के साथ घटने लगती है। वहीं पुरुषों में भी उम्र आगे बढ़ने के साथ सीमन की क्वॉलिटी कम होने लगती है।

तुरंत उठना
पार्टनर के साथ फिजिकल रिलेशनशिप बनाने के बाद तुरंत उठकर वॉशरूम न जाएं। थोड़ी देर रुकें। इससे मैक्सिमम सीमन वजाइना में जाएगा। लीकेज से बचने के लिए इंटरकोर्स के दौरान हिप्स के नीचे पिलो रखना भी फायदेमंद रहेगा।

लुब्रिकेंट का इस्तेमाल
हर दिन एक जैसी सेक्स प्रोसेस करने से सेक्स के प्रति रुचि कम होती जाती है और वजाइना में ड्राईनेस आने लगती है। ऐसे में सेक्स को आसान बनाने के लिए कपल्स आर्टिफिशल चीजों मसलन , वैसलीन या किसी क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इन चीजों का पीएच लेवल स्पर्म्स को नुकसान पहुंचा सकता है। यानी इनके इस्तेमाल से आपकी सारी मेहनत खराब चली जाती है। इनकी जगह फोरप्ले के ऑप्शन पर जाना बेहतर रहेगा।

गैप करना
अगर लंबे समय तक फिजिकल रिलेशनशिप न बनाया जाए , तो भी कंसीव करने के चांस कम हो जाते हैं। दरअसल , यह स्पर्म्स बनने की क्षमता पर असर डालता है। अगर आप हर एक दिन छोड़कर फिजिकल रिलेशनशिप बनाते हैं , तो स्पर्म्स बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और ऐसे में प्रेग्नंट होने के चांस ज्यादा रहते हैं।

अपनाएंगे , तो रहेंगे फायदे में

बॉडी साइकल को समझें
महिलाओं के ऑव्युलेशन पीरियड के दौरान फिजिकल रिलेशनशिप बनाना ज्यादा फायदेमंद रहता है। पीरियड्स शुरू होने के दिन से 12 वें से 18 वां दिन कंसीव करने के लिए बेहतर माने जाते हैं। जो कपल्स काम के सिलसिले में अक्सर ट्रिप पर रहते हैं , वे इस शेड्यूल के मुताबिक अपने अपॉइंटमंट तय कर सकते हैं। 12 वें से 18 वें दिन के दौरान एक दिन छोड़कर सेक्स करने से कंसीव करने के चांस बढ़ जाते हैं।

सीमन अनैलिसिस करवाएं
कंसीव न कर पाने की स्थिति में सीमन भी चेक करवाएं। पुरुष की ' पोटेंसी ' और ' फर्टिलिटी ' दो अलग - अलग बातें हैं। यह टेस्ट तीन दिन तक सेक्स न करने के बाद करवाया जाना चाहिए। वैसे , सीमन को बॉडी से बाहर आने के 10 मिनट के अंदर ही लैब में पहुंचाया जाना चाहिए , इसलिए देर से बचने के लिए लैब में ही सैंपल देना सही रहता है।

स्मोकिंग से बचें
इस दौरान महिलाएं सिगरेट अवॉइड करें। निकोटिन आपको कम उम्र में ही उम्रदराज तो दिखाता ही है , साथ ही बच्चा पैदा करने की क्षमता में भी कमी लाता है। सिगरेट पीने से मिसकैरिज और प्रेमचर डिलिवरी के चांसेज़ भी बढ़ जाते हैं। वहीं स्मोकिंग करने से पुरुषों में स्पर्म्स बनने की मात्रा में कमी आती है , इसलिए अपने आने वाले बेबी के लिए ऐसा कोई रिस्क न लें और सिगरेट पीना तुरंत छोड़ दें।

सेक्स को फन की तरह लें
सेक्स को निपटाने वाला प्रोसेस न मानकर फन की तरह लें। अगर आप इसे एक काम की तरह लेने लगेंगे , तो आपका मूड तो इससे प्रभावित होगा ही साथ ही सेक्स के प्रति रुचि में कमी , वजाइना में ड्राइनेस जैसी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। अगर आप इसे फन की तरह लेंगे , तो यह आपको अच्छी फीलिंग देगा।

इन्फेक्शन्स से बचें
सेक्सुअल ट्रांसमिशन डिज़ीज सेक्स की वजह से एक व्यक्ति से दूसरे में पास होती हैं। इनकी वजह से कंसीव करने का चांस भी कम हो जाता है और ये बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन बीमारियों के खास लक्षण नहीं होते , इसलिए आपको और भी सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे में बच्चे के लिए ट्राई करने से पहले इस बारे में चेकअप जरूर करवाएं।