शरवरी अंजलीके कॅबिनमें कॉम्प्यूटरपर बैठी हूई थी। अंजली उसकी सुबहकी मिटींग निपटाकर उसके कॅबिनमें वापस आ गई. उसने घडी की तरफ देखा. लगभग दोपहरके बारा बज गए थे. कुर्सी पिछे खिंचकर वह अपने कुर्सीपर बैठ गई और कुर्सीपर पिछेकी ओर झुलते हूए अपनी थकावट दूर करनेका प्रयास करने लगी. शरवरीने एक बार अंजलीकी तरफ देखा और वह फिरसे अपने कॉप्म्यूटरके काममें व्यस्त हो गई.
''किसीकी कोई खास मेल ?'' अंजलीने शरवरीकी तरफ ना देखते हूए ही पुछा।
'' नही.....कोई खास नही... लेकिन एक उस 'टॉमबॉय' की मेल थी। '' शरवरीने कहा.
'' टॉमबॉय ... कुछ लोग बहुतही चिपकू होते है ... नही?'' अंजलीने कहा।
'' सही है ...'' शरवरीको अंजलीका इशारा समझ गया था।
क्योंकी अंजलीने पहले एकबार उसे उस टॉमबॉयके बारेमें बताया था।
'' और हां ... एक और किसी विवेककी मेल थी '' शरवरीने आगे कहा।
'' विवेक?... हां वही होगा जो कल चॅटींगपर मिला था.... मै बोलती हूं ना उसने क्या लिखा होगा.... तुम्हारी उम्र क्या है ?... तुम्हारा ऍड्रेस क्या है ?... मेरी उम्र फलां फलां है ... मेरा ऍड्रेस फलां फलां ... और मै फलां फलां काम करता हू... और धीरे धीरे वह अपने असली जातपर आएगा... इन आदमीयोंकी जातही ऐसी होती है ... लंपट ॥बदमाश आणि चिपकू...''
'' तूम बोल रही हो वैसा उसने कुछभी लिखा नही है ...'' शरवरी बिचमेंही उसे टोकते हूए बोली।
'' नही?... तो फिर किसी कंपनीके प्रॉडक्टकी सिफारीश की होगी उसने... मतलब वह प्राडक्ट खरीद हम लेंगे और वह उसका फौकटमें कमिशन खाएगा'' अंजलीने कहा।
'' नही वैसाभी उसने कुछ लिखा नही है ।'' शरवरीने कहा.
'' फिर ?... फिर उसने क्या लिखा है ?'' अंजलीने उत्सुकतावश गर्दन घुमाकर शरवरीके तरफ देखते हूए पुछा।
'' उसने मेलमें कुछभी लिखा नही है ॥ उसने ब्लॅंक मेल भेजी है और निचे सिर्फ उसका नाम 'विवेक' ऐसा लिखा हुवा है '' शरवरीने कहा।
अंजली एकदम उठकर सिधी बैठ गई।
'' देखूं तो ॥'' अंजली शरवरीकी तरफ मुडकर कॉम्प्यूटरकी तरफ देखते हूए बोली।
शरवरीने अंजलीके मेलबॉक्ससे विवेककी मेल क्लीक कर खोली। सचमुछ वह मेल ब्लॅंक थी.
'' अंजली तूम कुछभी कहो ... लडकेमें 'स्टाईल' है ... ऍटलिस्ट इतना पक्का है की वह बाकी लडकोसे जरा हटके है ...'' शरवरी अंजलीके दिलको टटोलनेकी कोशीश करते हूए बोली।
'' तूम जरा चूप बैठोगी ... और क्या लडका ... लडका लगा रखा है ... तुम्हे वह कौन ? कहाका? ॥ उसकी उम्र क्या है ?... कुछ पता भी है ?... वह कोई रंगीन मिजाजवाला, कोई खुसट बुढाभी हो सकता है ... तुम्हे पता हैही आजकल लोग इंटरनेटपर कैसे पर्सनलायझेशन करते है ...''
'' ... हां तुम सही कहती हो ... लेकिन चिंता मत करो ... ये लो मै अभी उसकी सायबर तहकिकात करती हूं'' शरवरी फटाफट कॉम्प्यूटरके किबोर्डकी कुछ बटन्स दबाती हुई बोली।
थोडीही देरमें कॉम्प्यूटरके मॉनीटरपर मानो एक रिपोर्ट आ गया।
'' यहां तो उसका नाम सिर्फ विवेक ऐसा लिखा हुवा है ... सरनेम लिखा नही है ... मुंबईका रहनेवाला है और पिएच डी कर रहा है ... उम्र है ...'' शरवरीने मानो किसी बातका क्लायमॅक्स खोलना हो ऐसा एक पॉज लिया।
अंजलीकीभी अब जिज्ञासा जागृत हुई थी और वह शरवरी उसकी उम्र क्या बताती है इसकी राह देखने लगी।
'' पिएचडी? ... मतलब जरुर कोई बुढ्ढा खुसट होना चाहिए ... मैने कहा था ना?''
'' और उसकी उम्र है 25 साल ...'' शरवरीने मानो क्लायमॅक्स खोला था।
'' तो नूर ए जन्नत मिस अंजली अब क्या किया जाए? शरवरी उसे छेडते हूए बोली।
अंजलीभी प्रयत्नपुर्वक आपना चेहरा भावनाविरहीत रखते हूए बोली, '' तो फिर? ... हमें उसका क्या करना है ?''
'' देने वाले अपना पैगाम देकर चले गए
करने वाले तो अपना इशारा कर चले गए
उधर बडा बुरा हाल है दिलके गलियारोंका
अब उन्हे इंतजार है बस आपके इशारोंका ''
'' वा वा क्या बात है ...'' शरवरी अपनेही शेरकी तारीफ करते हूए बोली, '' अब क्या करना है इस मेलका? ''
'' करना क्या है ... डिलीट कर दो '' अंजलीने कंधे उचकाते हूए बेफिक्र अंदाजमें कहा ... मतलब कमसे कम वैसे जताते हूए कहा।
'' डिलीट... नही इतना बडा सितम मत करो उसपर... एक काम करते है ... कोरे खत का जवाब कोरे खतसेही देते है ...''
शरवरीने फटाफट कॉम्प्यूटरके किबोर्डके कुछ बटन्स दबाए और उस ब्लॅंक मेलको ब्लॅंक रिप्लाय भेज दिया।
04 फ़रवरी 2010
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Posted by Udit bhargava at 2/04/2010 07:52:00 am
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