विवेक कॉम्प्यूटरके सामने बैठकर कुछ पढ रहा था। तभी उसका दोस्त धीरेसे, कोई आवाज ना हो इसका ध्यान रखते हूए, उसके पिछे आकर खडा हो गया. काफी समय तक जॉनी विवेकका क्या चल रहा है यह समझनेकी कोशीश करते रहा.
'' क्या गुरु... कहां तक पहूंच गई है तुम्हारी प्रेम कहानी ? '' जॉनीने एकदमसे उसके कंधे झंझोरते हूए सवाल पुछा।
विवेक तो एकदम चौंक गया और हडबडाहटमें मॉनीटरपर दिख रही विंडोज मिनीमाईझ करने लगा
जोरसे ठहाका लगाते हूए जॉनीने कहा , '' छुपाकर कोई फायदा नही ... मै सबकुछ पढ चूका हूं ''।
विवेक अपने चेहरेपर आए हडबडाहटके भाव छिपानेका प्रयास करते हूए फिरसे मॉनिटरपर सारी विंडोज मॅक्सीमाईज करते हूए बोला, '' देख तो ॥ उसने मेलके साथ क्या अटॅचमेंट भेजी है ''
'' मतलब आग बराबर दोनो तरफ लगी हूई है .... वैसे उस चिडीयाका कुछ नाम तो होगा... जिसने हमारे विवेक का दिल उडाया है'' जॉनीने पुछा।
'' अंजली'' विवेकका चेहरा शर्मके मारे लाल लाल हुवा था।
'' देख देख कितना शर्मा रहा है '' जॉनी उसे छेडते हूए बोला।
'' देखूतो ... क्या भेजा है उसने ?...'' जॉनीने उसे आगे पुछा।
जॉनी बगलमें रखे स्टूलपर बैठकर पढने लगा तो विवेक उसे अंजलीने अटॅच कर भेजे उस सॉफ्टवेअर प्रोग्रॅमके बारेमें जानकारी देने लगा -
'' यह एक जॅपनीज सॉफ्टवेअर इंजीनिअरने लिखा हुवा सॉफ्टवेअर प्रोग्रॅम है ... इस प्रोग्रॅमके लिए रिफ्लेक्शन टेक्नॉलॉजीजका इस्तेमाल किया गया है। जब हम कॉम्प्यूटरके मॉनिटरके सामने बैठे होते है तब जो रोशनी अपने चेहरेपर पडती है वह अलग अलग रंगोमें विभाजीत होकर मॉनिटरपर परावर्तीत होती है. इस सॉफ्टवेअर प्रोग्रॅमद्वारा परावर्तीत हूए रोशनीकी तिव्रता एकत्रीत कर उसे इस टेक्नॉलॉजीद्वारा फोटोग्राफमें परिवर्तीत किया जा सकता है. मतलब अगर आप इस प्रोग्रॅमको रन करोगे तो मॉनिटरपर पडे परिवर्तनके तिव्रताको एकत्रित कर यह प्रोग्रॅम आपका फोटो बना सकता है. लेकिन फोटो निकालते वक्त इतना ध्यान रखना पडता है की आप मॉनिटरके एकदम सामने, समांतर और समानांतर बैठे हूए है. मॉनीटर और आपके चेहरेमें अगर कोई तिरछा कोण होगा तो फोटो ठिकसे नही आएगा.''
'' मतलब यह सॉफ्टवेअर फोटो निकालता है ?'' जॉनीने पुछा।
'' हां ... यह देखो अभी अभी थोडी देर पहले मैने मेरा फोटो निकाला हूवा है '' विवेकने कॉम्प्यूटरपर उसका अपना फोटो खोलकर दिखाया।
'' अरे वा... एकदम बढीया ... अगर ऐसा है तो हमे कॅमेरा खरीदनेकी जरुरतही नही पडेगी। '' जॉनीने खुशीके मारे कहा.
'' वही तो ॥''
'' रुको ... मुझे जरा देखने दो ... मै मेरा फोटो निकालता हूं ॥'' जॉनी मॉनीटरके सामनेसे विवेकको उठाते हूए खुद उस स्टूलपर बैठते हूए बोला।
जॉनीने स्टूलपर बैठकर माऊस कर्सर मॉनीटरपर इधर उधर घुमाते हूए पुछा, '' हां अब क्या करना है। ?''
'' कुछ नही ... सिर्फ वह स्नॅपका बटन दबावो ... लेकिन रुको ॥ पहले सिधे ठिकसे बैठो...'' विवेकने कहा।
जॉनी सिधा बैठकर माऊसका कर्सर 'स्नॅप' बटनके पास ले जाकर बटन दबाने लगा।
'' स्माईल प्लीज '' विवेकने उसे टोका।
जॉनीने अपने चेहरेपर जितनी हो सकती है उतनी हंसी लानेकी कोशीश की।
'' रेडी ... नाऊ प्रेस द बटन'' विवेक
जॉनीने 'स्नॅप' बटनपर माऊस क्लीक किया। मॉनीटरवर एक-दो पलके लिए निला 'प्रोसेसींग' बार आगे बढता हूवा दिखाई दिया और फिर मॉनीटरपर फोटो दिखाई देने लगा. जैसेही मॉनीटरवर फोटो आगया विवेक जोर जोरसे हंसने लगा और जॉनीका चेहरा तो देखने लायक हो गया था. मॉनीटरपर एक हंसते हूए बंदरका फोटो आ गया था.
04 फ़रवरी 2010
Hindi Books - Novel - CH-10 E love स्माईल प्लीज
Posted by Udit bhargava at 2/04/2010 08:19:00 am
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