04 फ़रवरी 2010

Hindi sahitya - Novel Elove : CH-2 चॅटींग

अंजलीने आफिस में आयेबराबर रोजके जो महत्वपुर्ण काम थे वह निपटाए। जैसे महत्वपुर्ण खत, ऑफीशियल मेल्स, प्रोग्रेस रिपोर्ट्स इत्यादी. कुछ महत्वपुर्ण मेल्स थी उन्हे जवाब भेज दिया, कुछ मेल्सके प्रिंट लिए. सब महत्वपुर्ण काम निपटनेके बाद उसने अपने कॉम्प्यूटरका चॅटींग सेशन ओपन किया. कामकी थकान महसूस होनेसे या कुछ खाली वक्त मिलनेपर वह चॅटींग करती थी. यह उसका हर दिन कार्यक्रम रहता था. यूभी इतनी बडी कंपनीकी जिम्मेदारी संभालना कोई मामूली बात नही थी. कामका तणाव, टेन्शन्स इनसे छूटकारा पानेके लिए उसने चॅटींगके रुपमें बहुत अच्छा विकल्प चुना था. तभी फोनकी घंटी बजी. उसने चॅटींग विंडोमें आये मेसेजेस पढते हूए फोन उठाया. हुबहु कॉम्प्यूटरके पॅरेलल प्रोसेसिंग जैसे सारे काम वह एकही वक्त कर सकती थी.

'' यस मोना''

'' मॅडम ॥ नेट सेक्यूराज मॅनेजींग डायरेक्टर ... मि। भाटीया इज ऑन द लाईन...'' उधरसे मोनाका आवाज आया.

'' कनेक्ट प्लीज''

' हाय' तबतक चॅटींगपर किसीका मेसेज आया।

अंजलीने किसका मेसेज है यह चेक किया। 'टॉम बॉय' मेसेज भेजनेवालेने धारण किया हुवा नाम था.

' क्या चिपकू आदमी है ' अंजलीने सोचा।

यही 'टॉम बॉय' हमेशा चॅटींगपर उसे मिलता था। और लगभग हरबार अंजलीने चॅटींग सेशन ओपन किए बराबर उसका मेसेज आया नही ऐसा बहुत कम होता था.

' इसे कुछ काम धंदे है की नाही ... जब देखो तब चॅटींगपर पडा रहता है '

अंजलीने आजभी उसे इग्नोर करनेकी ठान ली। दो तिन ऑफलाईन मेसेजेस थे.

अंजली कान और कंधेके बिच फोनका क्रेडल पकडकर की बोर्डपर सफाईसे अपनी नाजुक उंगलीया चलाते हूए वे ऑफलाईन मेसेजेस चेक करने लगी।

'' गुड मॉर्निंम मि। भाटीया... हाऊ आर यू'' अंजलीने फोन कनेक्ट होतेही मि. भाटीयाका स्वागत किया और वह उधरसे भाटीयाकी बातचीत सुननेके लिए बिचमें रुक गई.

'' देखीए भाटीयाजी... वुई आर द बेस्ट ऍट अवर क्वालीटी ऍन्ड डिलीवरी शेड्यूलस... यू डोन्ट वरी... वुई विल डिलीवर युवर प्रॉडक्ट ऑन टाईम... हमारी डिलीवरी वक्तके अंदर नही हूई ऐसा कभी हुवा है क्या?... नही ना?... देन डोंट वरी... अप एकदम निश्चिंत रहीएगा ... यस... ओके... बाय॥ '' अंजलीने फोन रख दिया और फिरसे दो डीजीट डायल कर फोन उठाया, '' जरा शरवरीको अंदर भेज दो ''

फोनपर चल रहे बातचीतसे अंजलीका कॉम्प्यूटरपर खयाल नही रहा था। क्योंकी उस वक्त काम महत्वपुर्ण था और बाकी बाते बाद में.

तभी कॉम्पूटरपर 'बिप' बजा। चॅटींग विंडोमें अंजलीको किसीका मेसेज आया था. अंजलीने चिढकर मॉनिटरकी तरफ देखा.

' फिरसे उसी टॉम बॉयकाही मेसेज होगा ' उसने सोचा।

लेकिन वह मेसेज टॉम बॉयका नही था। इसलिए वह पढने लगी.

मेसेज था - ' क्या तुम मेरी दोस्त बनना पसंद करोगी ?'