अंजलीने कॉम्प्यूटरपर आया हुवा विवेकका चॅटींग मेसेज खोला तो सही, लेकिन खोलते वक्त उसका दिल जोर जोरसे धडक रहा था। उसे अपने इस बेचैन स्थितीपर खुदही आश्चर्य हो रहा था. उसने झटसे उसने भेजा हुवा मेसेज पढा -
'' हाय गुड मॉर्निंग ... हाऊ आर यू?'' उसके मेसेज विंडोमें लिखा था।
वह कही उसमें फसती तो नही जा रही है - इस बातकी उसने तस्सल्ली करते हूए बडी सावधानीसे जवाब टाईप किया -
'' फाईन...''
और अपने मनकी अधिरता वह भांप ना पाए इसलिए मनही मन सौ तक गिना और फिर काफी समय हो गया है इसकी तसल्ली करते हूए 'सेंड' बटनपर क्लीक किया।
'' कल मै बाहर गया था '' उधरसे तूरंत विवेकका मेसेज आ गया।
' तूम कल चॅटींगपर क्यो नही मिले ?' इस अंजलीके दिमागमें घुम रहे सवालका जवाब देकर उसने मानो उसके दिलका हाल जान लिया था ऐसा उसे लगा।
वह अपने मनको पढ तो नह सकता है? ...
अंजलीके मन मे आया।
'' अच्छा अच्छा '' उसने भी खबरदारी के तौरपर अपनी रुखी रुखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
'' और कुछ पुछोगी नही ?'' उसने पुछा।
वह उसका मेसेज आनेके बाद जवाब देनेमें जानबुझकर देरी लगा रही थी, लेकिन उसके मेसेजेस तुरंत, मानो मेसेज मिलनेके पहलेही टाईप किए हो ऐसे जल्दी जल्दी आ रहे थे।
'' तूमही पुछो '' उसने रिप्लाय भेजा।
उसे लडकी देखनेके लिए लडका आनेके बाद, एक अलग कमरेमें जाकर जैसे बाते करते है, ऐसा लग रहा था।
'' अरे हां उस दिन मैने तुम्हे ब्लॅंक मेल इसलिए भेजी थी की मुझे तुम्हारी कुछभी जानकारी नही... फिर क्या लिखता ?... लेकिन मेल भेजे बिनाभी रहा नही जा रहा था ... इसलिए भेज दी ब्लॅंक मेल॥''
फिर उसनेही पहल करते हूए पुछा, '' अच्छा तुम क्या करती हो? ... मेरा मतलब पढाई या जॉब?''
'' मैने बी। ई. कॉम्प्यूटर किया हूवा है ... और जी. एच. इन्फॉरमॅटीक्स इस खुदके कंपनीकी मै फिलहाल मॅनेजींग डायरेक्टर हूं '' उसने मेसेज भेजा.
उसे पता था की चॅटींगमें पहलेही खुदकी सच जानकारी देना खतरनाक हो सकता है। फिरभी वह खुदको रोक नही सकी, मानो जानकारी टाइप कर रही उंगलीयोंपर उसका कोई कन्ट्रोल नही रहा था.
"" अरे बापरे!॥ '' उधरसे विवेककी प्रतिक्रिया आ गई।
'' तुम्हे तुम्हारे उम्रके बारेमें पुछा तो गुस्सा तो नही आएगा ?... नही ... मतलब मैने कही पढा है की लडकियोंको उनके उम्रके बारेमें पुछना अच्छा नही लगता है। ... '' उसने उसे बडी खबरदारीके साथ सवाल पुछा.
उसने भेजा , '' 23 साल''
'' अरे यह तो मुझे पताही था... मैने तुम्हारे मेल आयडीसे मालूम किया था.... सच कहूं ? तूमने जब बताया की तूम मॅनेजींग डायरेक्टर हो ... तो मेरे सामने एक 45-50 सालके वयस्क औरतकी तस्वीर आ गई थी... '' वह अब खुलकर बाते कर रहा था।
वह उसके खुले और मजाकिया अंदाजपर मनही मन मुस्कुरा रही थी। उसने उसके बारेमेंभी इंटरनेटपर सर्च कर जानकारी इकट्ठा की यह जानकर उसके खयालमें आगया था की वह भी उसके बारेमें उतनाही सिरीयस है.
'' तूमने तुम्हारी उम्र नही बताई ?...'' उसने सवाल किया।
'' मैने मेरे मेल ऍड्रेसकी जानकारीमें ... मेरी असली उम्र डाली हूई है ...'' उसका उधरसे मेसेज आया।
उसके इस जवाबसे उसे अहसास हूवा की वाकई वह बाकी लोगोसे कुछ हटके है।
04 फ़रवरी 2010
Hindi Novels - Novel - E Love : CH- 9 हटके
Posted by Udit bhargava at 2/04/2010 08:14:00 am
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