केस 1- गायिका आकांक्षा जाचक ने अपनी ऑरकुट प्रोफाइल पर अपने रिकॉर्ड, गाने के उद्देश्य, उपलब्धियों सहित कुछ गीत भी डाउनलोड कर रखे हैं। इतना ही नहीं, किसी खास अवसर पर वे अपनी फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को स्क्रेप में भी अपने द्वारा गाया गीत ही भेजती हैं।
केस 2- सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनुराग ने अपनी ऑरकुट प्रोफाइल पर सभी प्रोजेक्ट्स की डिटेल दे रखी है। पुरानी कंपनी में जहाँ वे काम कर चुके हैं, उसके साथ ही वर्तमान कंपनी की डिटेल सहित खुद के पद, जॉब प्रोफाइल आदि के बारे में भी दर्शा रखा है।
केस 3- मीडिया प्रोफेशनल अभिनव ने भी अपनी ऑरकुट प्रोफाइल में अपने कार्यक्षेत्र और बीट्स के बारे में निर्धारित तरीके से बताया है। इसी के साथ उन्होंने अपनी एक्सक्लूसिव स्टोरी फोटो के साथ यहाँ लोड कर रखी है।
एचआर हेड कहते हैं सोशल नेटवर्किंग साइट्स से अच्छे उम्मीदवारों की हाइरिंग करना काफी पुराना फंडा है। यह बात अलग है कि यह लाइमलाइट में अब आया है। वे बताते हैं हेड हंटर्स फेसबुक, ऑरकुट या लिंक्डइन जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स अचानक से विजिट करते हैं।
यहाँ वे प्रोफाइल में दी गई जानकारियों के जरिए जॉब सीकर्स (जॉब लेने वाले) को तलाशते हैं। उनकी प्रोफाइल को आधार बनाकर वे कम्युनिटी के ऑनर से कॉन्टेक्ट करते हैं और निर्धारित व्यक्ति के बारे में जानकारियाँ लेते हैं। उन्होंने कहा, इसलिए कोई फ्रेशर हो या अनुभवी व्यक्ति अपनी प्रोफाइल में जानकारियों को अच्छे से सजाकर जॉब प्रोफाइडर को आकर्षित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए मीडिया संबंधित कोर्स कर चुके फ्रेशर हाल ही में स्वयं द्वारा पूरा किया गया प्रोजेक्ट अपलोड कर सकते हैं। वे अपनी प्रोफाइल पर लिंक भी क्रिएट कर सकते हैं।
एक अन्य एचआर मैनेजर कहती हैं, सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए किसी व्यक्ति की स्कील्स के बारे में पता चलता है और कंपनी की कॉस्ट में कट भी हो जाता है। वे कहती हैं हाँ लेकिन यह ध्यान रखने योग्य बात है कि ऑरकुट जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट से शॉर्टलिस्ट होने के बाद अपने रिज्यूम को अच्छे-से तैयार करें।
जब भी इंटरव्यू के लिए जाएँ, अपने सीवी में किसी भी झूठी बात का समावेश न करें, क्योंकि आपके सीवी को आपकी ऑरकुट प्रोफाइल से वेरीफाई भी किया जा सकता है। इसके अलावा स्क्रेपबुक को चेक करके ब्रेकग्राउंड चेकिंग भी की जा सकती है।इंदौर। इन तीन केसेस के जरिए हम बताना चाह रहे हैं कि सोशल नेटवर्किंग साइट केवल चैटिंग, दोस्तों से कनेक्ट रहने और एंटरटेनमेंट के लिए ही नहीं है, बल्कि इसके जरिए अब कंपनियाँ व जॉब प्रोफाइडर अपने-अपने श्रेत्र के बेहतर कर्मचारियों को भी ढूँढ़ रहे हैं यानी अब क्लासीफाइड्स को भूल जाइए...।
अब अदद उम्मीदवार ढूँढने वाले लोग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सही उम्मीदवार का चयन करने लगे हैं। ऐसे में हो सकता है आपकी ऑरकुट या लिंक्डइन प्रोफाइल इनका अगला डेस्टिनेशन हो।
06 फ़रवरी 2010
यहाँ भी मिल सकती है नौकरी
Labels: मनपसंद करियर
Posted by Udit bhargava at 2/06/2010 07:01:00 am
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