देश के वित्तमंत्री बजट के जरिये आगामी वर्ष के लिये सरकार की आमदनी और खर्च का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करते हैं। साथ ही भविष्य की आर्थिक योजनाओं की भी घोषणा करते हैं। कुल मिलाकर बजट देश की आर्थिक गतिविधि का सूचक होता है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति का भी पता चलता है।
कौन तैयार करता है बजट
बजट को वित्त मंत्री की अगुवाई में सरकार का एक कोर ग्रुप बहुत सावधानी से तैयार करता है। इसमें वित्त मंत्रालय के अधिकारी और योजना आयोग के उपाध्यक्ष शामिल होते हैं। वित्त मंत्रालय की तरफ से वित्त सचिव, राजस्व और व्यय सचिव बजट तैयार करने में अहम् भूमिका निभाते हैं। इसमें वित्त सचिव पूरी बजट प्रक्रिया को संचालित करता है। बजट तैयार करने से पूर्व विभिन्न मंत्रालयों, हित समूहों, राज्य सरकारों व विशेषज्ञों के साथ लंबा विचार-विमर्श किया जाता है।
ऐसे तैयार होता है बजट
रेवेन्यू यानी आमदनी एवं एक्सपेंडिचर यानी खर्च, आम बजट के दो प्रमुख हिस्से हैं। इसके लिये राजस्व और व्यय विभाग होते हैं। राजस्व विभाग विभिन्न करों एवं अन्य स्त्रोतों से होने वाली आय की गणना करता है जबकि व्यय विभाग संभावित खर्च का ब्योरा सरकार को देता है। एफबीआरएम एक्ट के निर्देशों के तहत वित्त मंत्रालय पर वित्तीय घाटा कम करने का भी दबाव होता है। इसलिए वह कमाई के लिये नए कर लगाने या कर का दायरा बढाने पर विचार करता है। इसके लिये प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष कर सरकार के दो महत्वपूर्ण स्त्रोत है।
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