आजकल शहरों में जगह कम भी है और महँगी भी। लेकिन अपने घर में हरियाली किसे नहीं चाहिए। इसलिए टैरेस गार्डन अच्छा विकल्प है। इससे हरियाली, शांति, खुशी, ताजा ऑक्सीजन आदि तो मिलती ही है, साथ ही बागवानी के आपके शौक की भी भरपाई होती है।
गुलाब, फाइकस, रात की रानी का आपके टैरेस गार्डन पर होना अच्छा विचार है। लेकिन यह सब बेतरतीब तरीके से नहीं संभव। इसमें अच्छी प्लानिंग और सौंदर्यबोध की जरूरत भी होती है। दरअसल, प्लानिंग घर के नक्शे के साथ ही शुरू हो जानी चाहिए। घर का फाउंडेशन बनाते समय पर्याप्त बीम और कॉलम बनाने चाहिए ताकि छत के अतिरिक्त बोझ को बर्दाश्त किया जा सके।
लॉन में विशेष रूफ की यानी वाटर प्रूफिंग रूफ की आवश्यकता होती है, क्योंकि घास में जो नमी होती है वह नीचे छत में आ जाती है। इसलिए छत में नॉन पोरस वाटर प्रूफिंग मटेरियल लगाना चाहिए। नॉन पोरस मटेरियल में स्लेट स्टोन, पीवीसी कंपाउंड, फाइबर प्लास कोटिंग या कभी-कभी इपोक्सी रेजिन और रबीयुक्त बिटुमिन कंपाउंड अच्छे विकल्प हैं। उस मटेरियल का चयन करें जिसका वजन छत बर्दाश्त कर सकती हो और जहाँ तक संभव हो वजन को कम से कम रखने का प्रयास करें। छत पर पानी को एकत्र होने से रोकने के लिए ड्रेनेज होल व स्लोप का होना बहुत महत्वपूर्ण है।
विशेषज्ञों के अनुसार ईंटों की चार इंच मोटी लेचर से वाटर ड्रेनेज किया जा सकता है। हालाँकि बाजार में अनेक प्रकार की घास उपलब्ध है, लेकिन लॉन की घास मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। एक, जो गर्म माहौल में उगती है जैसे बरमुदा घास और दूसरी जिसके लिए कुछ ठंडक चाहिए।
अगर लॉन का प्रयोग करना है तो बरमुदा घास या शेड घास को तरजीह दें। लेकिन अगर आपको सिर्फ सजावट के लिए लॉन चाहिए तो मैक्सिकन घास आदर्श रहेगी। अगर देखभाल कम करनी है तो करब घास लगाएँ, जो कल्सटर में आती है और ऐसे ही लगाई जाती है। कोरियन घास भी उपलब्ध है जिसे मौसम और पैसे को ध्यान में रखकर प्रयोग करना चाहिए।
यह ध्यान रहे कि जो पौधा कांक्रीट में भी अपनी जड़ें घुसा सकता है उसे छत पर बिलकुल न लगाएँ। प्लांटेशन के लिए उठा हुआ प्लेटफार्म प्रयोग करें। हालाँकि टेराकोटा प्लांटर की सुंदरता का कोई जवाब नहीं, लेकिन प्लास्टिक के गमले या स्टाइटोफोस बॉक्स भी अच्छे हल हैं, क्योंकि उनमें वजन कम होता है।
जगह की तंगी को आप बोनसाई से दूर कर सकते हैं। बोगनवेलिया, मलबरी, पोमिग्रेनेट्स तथा संतरों आदि को आप बोनसाई के रूप में उगा सकते हैं। तैयार बोनसाई गार्डन शॉपों से भी खरीदे जा सकते हैं। अपने टैरेस गार्डन को और सुंदर बनाने के लिए आप वॉटर बॉडी, शेड, आर्टिफेक्ट्स, कैनीपी या परगोला भी लगा सकते हैं, लेकिन घिच-पिच नहीं करनी चाहिए।
गार्डन का लुक साफ-सुथरा होना चाहिए। लुक को बढ़ाने के लिए लाइटिंग भी अहम है। डिफ्यूज्ड रोशनी देने के लिए टेराकोटा के लैम्प प्रयोग किए जा सकते हैं। टैरेस गार्डन का नुकसान यह है कि उसे मेंटेन करना बहुत मुश्किल है। क्वालिटी वॉटर प्रूफिंग की वजह से यह बहुत महँगा पड़ता है। लेकिन जिन लोगों के टैरेस गार्डन हैं वे कहते हैं कि जमीन के गार्डन को मेंटेन करने में भी कम खर्च नहीं आता है और टैरेस गार्डन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि गर्मियों में भी छत ठंडी रहती है।
13 मार्च 2010
घर में हो एक टैरेस गार्डन
Posted by Udit bhargava at 3/13/2010 08:16:00 am
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