पब्लिक रिलेशन अधिकारी के लिए कॉरपोरेट जगत में बहुत सी संभावनाएँ मौजूद हैं। चूँकि आज हर छोटी बड़ी कंपनी अपनी इमेज को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित रहती है। मार्केट में कंपनी की इमेज और विश्वसनीयता ही उसके बिजनेस का मूल आधार है।
पीआरओ के लिए व्यावसायिक जगत, सरकारी व प्राइवेट कंपनियों, विज्ञापन कंपनियों, टूरिस्ट रिजॉर्ट, होटल, बैंक व वित्तीय संस्थान, गैर सरकारी संस्थाओं, प्राइवेट कंसलटेंसी फर्म, मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज में भी रोजगार के ढेरों अवसर मौजूद हैं। इनकी माँग केवल भारतीय कंपनियों में ही दिखाई नहीं देती है बल्कि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भी पब्लिक रिलेशन अधिकारी की सेवाएँ भी खूब ले रही हैं। वैश्विकरण और बढ़ते उद्योगीकरण के कारण आने वाले समय में भी पीआरओ की माँग बनी रहेगी।
क्या कहती है रिपोर्ट:
ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में करियर बहुत उज्ज्वल है। 2016 तक इस क्षेत्र में 16।7 प्रतिशत नौकरियों की संभावनाएँ बढ़ने के आसार हैं। मतलब 2016 तक तकरीबन 50 लाख लोगों की माँग बढ़ेगी। वहीं ओ-नेट ऑनलाइन की रिपोर्ट कहती है कि पीआर के क्षेत्र में 2016 तक देश में तकरीबन 20 प्रतिशत माँग बढ़ेगी तथा 2,43000 नौकरीपेशा लोगों के अतिरिक्त 61000 लोगों की आवश्यकता पड़ेगी।
वेतन:
शुरुआती दौर में आपको पाँच से सात हजार रुपए प्रतिमाह आसानी से मिल जाते हैं। बाद में से 40000 रुपए प्रतिमाह आसानी से कमाए जा सकते हैं। इस क्षेत्र में वेतन काफी हद तक आपके काम पर भी निर्भर करता है।
प्रमुख संस्थान:
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
साउथ दिल्ली पॉलीटेक्निक फॉर वुमेन नई दिल्ली
नलंदा ओपन यूनिवर्सिटी, पटना
भारती विद्या भवन, नई दिल्ली
मुंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई
अमेटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
बीआर अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म, भोपाल
pls tell why it is "Public Relations" not "Public relation" .. why S is added in relation .
जवाब देंहटाएंAmit Kapoor
ami.kapoo@gmail.com