Too much planning is Bad
बिजनेस में एक अच्छी प्लानिंग की जरूरत होती है. परन्तु कई मैनेजमेंट विशेषज्ञों का यह मानना है कि 'You Can not Overestimate the need to plan and prepair. You can not overprepare in Business.' अर्थात पहले से प्लानिंग एवं तैयारी की जरूरत को बिजनेस में बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर बताने की आवश्यकता नहीं है. बिजनेस को बहुत ज्यादा Overprepare (जरूरत से अधिक एडवांस प्लानिंग) करके नहीं चलाया जा सकता है.'
बिजनेस करना एक तेज गेम खेलने के समान है, जिसमें आपको अपने उद्देश्य और प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों की रणनीति के अनुसार अपना खेल खेलना पड़ता है. एक मंझे हुए खिलाड़ी को On the Spot कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ते है, जिनकी कोई एडवांस प्लानिंग नहीं की जा सकती है. इसका यह मतलब नहीं है कि एडवांस प्लानिंग और तैयारियों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए. इनकी अपनी एक महत्ता है. परन्तु ये इतनी ज्यादा भी नहीं करनी चाहिए कि वर्तमान परिस्थितियों का आकलन ही ख़त्म हो जाए. बिजनेस की यात्रा में हर कदम पर नई से नई कठिनाइयां मुंह फाड़े खडी होती है, और साथ ही नए-नए लाभ के रास्ते भी नजर आने लगते हैं. इन सबका पहले से पूर्वानुमान लगाना सम्भव हैं. तीव्र सोच एवं समय रहते निर्णयों से एक कंपनी उन क्षेत्रों में तरक्की कर सकती है जिनके बारे में पहले कभी सोचा भी नहीं था.
उदहारण के लिये जापान की मित्शुबिशी कंपनी को ले सकते हैं. इसका प्रारम्भ 1870 में यातारो श्वासाकी द्वारा एक शिपिंग कंपनी के रूप में किया गया. मित्सुबिशी दो शब्दों से बना हुआ है. 'मित्सू' जिसका अर्थ है 'तीन' और 'बिशी' जिसका अर्थ है 'वाटर चैस्टनट (एक पानी का पौधा) इसने 1881 में परिस्थितियों को देखते हुए कोल माइनिंग के व्यापार में कदम रखा, इससे इनके शिपिंग व्यापार को भी काफी मदद मिली. थोड़े ही समय में मित्शुबिशी को इस कदर सफलता मिली कि इसने Banking, Insurance, Warehousing, Trade aur Technology Products आदि में सफल व्यापार स्थापित किये. इनके द्वारा बनाए गए 'जीरो' हवाई जहाज़ों ने द्वितीय विश्वयुद्ध में अमरीका के पर्ल हार्बर पर जबरदस्त तबाही मचाई. द्वितीय विश्वयुद्ध में हार के बाद मित्सुबिशी पर प्रतिबन्ध लगा दिए गए और उनकी विकास यात्रा में जबरदस्त रूकावट पैदा हुई. परन्तु इन्होने हार नहीं मानी. नए रूल्स और रेगुलेशन के अंतर्गत मित्सुबिशी ने अपने आपको कई स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित कर लिया. जिनके अपने बिजनेस माँडल थे, परन्तु सभी अपने प्रांडक्ट्स के लिये मित्सुबिशी ब्रांड नेम उपयोग करती रही. इनमें से कुछ कंपनियों पर ये आरोप भी लगे कि ये अच्छी काँर्पोरेट प्रैक्टिस का पालन नहीं करती. उदहारण के लिये इनके पूर्व असंतुष्ट एग्जीक्यूटिव कमल सिन्हा ने एक वेबसाईट 'मित्सुबिशी वाच' के नाम से आरम्भ कर रखी है, जिसमें इस तरह की प्रैक्टिस पर ध्यान आकर्षित किया जाता है.
इन सारी कठिनाइयों के बावजूद मित्सुबिशी द्वारा समय रहते किये हुए निर्णयों के कारण अपनी लोकप्रियता कायम रखी.
मंत्र: एडवांस प्लानिंग से हर वक्त काम नहीं बनता. मौके पर ले मूल्यवान निर्णय.
बिजनेस में एक अच्छी प्लानिंग की जरूरत होती है. परन्तु कई मैनेजमेंट विशेषज्ञों का यह मानना है कि 'You Can not Overestimate the need to plan and prepair. You can not overprepare in Business.' अर्थात पहले से प्लानिंग एवं तैयारी की जरूरत को बिजनेस में बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर बताने की आवश्यकता नहीं है. बिजनेस को बहुत ज्यादा Overprepare (जरूरत से अधिक एडवांस प्लानिंग) करके नहीं चलाया जा सकता है.'
बिजनेस करना एक तेज गेम खेलने के समान है, जिसमें आपको अपने उद्देश्य और प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों की रणनीति के अनुसार अपना खेल खेलना पड़ता है. एक मंझे हुए खिलाड़ी को On the Spot कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ते है, जिनकी कोई एडवांस प्लानिंग नहीं की जा सकती है. इसका यह मतलब नहीं है कि एडवांस प्लानिंग और तैयारियों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए. इनकी अपनी एक महत्ता है. परन्तु ये इतनी ज्यादा भी नहीं करनी चाहिए कि वर्तमान परिस्थितियों का आकलन ही ख़त्म हो जाए. बिजनेस की यात्रा में हर कदम पर नई से नई कठिनाइयां मुंह फाड़े खडी होती है, और साथ ही नए-नए लाभ के रास्ते भी नजर आने लगते हैं. इन सबका पहले से पूर्वानुमान लगाना सम्भव हैं. तीव्र सोच एवं समय रहते निर्णयों से एक कंपनी उन क्षेत्रों में तरक्की कर सकती है जिनके बारे में पहले कभी सोचा भी नहीं था.
उदहारण के लिये जापान की मित्शुबिशी कंपनी को ले सकते हैं. इसका प्रारम्भ 1870 में यातारो श्वासाकी द्वारा एक शिपिंग कंपनी के रूप में किया गया. मित्सुबिशी दो शब्दों से बना हुआ है. 'मित्सू' जिसका अर्थ है 'तीन' और 'बिशी' जिसका अर्थ है 'वाटर चैस्टनट (एक पानी का पौधा) इसने 1881 में परिस्थितियों को देखते हुए कोल माइनिंग के व्यापार में कदम रखा, इससे इनके शिपिंग व्यापार को भी काफी मदद मिली. थोड़े ही समय में मित्शुबिशी को इस कदर सफलता मिली कि इसने Banking, Insurance, Warehousing, Trade aur Technology Products आदि में सफल व्यापार स्थापित किये. इनके द्वारा बनाए गए 'जीरो' हवाई जहाज़ों ने द्वितीय विश्वयुद्ध में अमरीका के पर्ल हार्बर पर जबरदस्त तबाही मचाई. द्वितीय विश्वयुद्ध में हार के बाद मित्सुबिशी पर प्रतिबन्ध लगा दिए गए और उनकी विकास यात्रा में जबरदस्त रूकावट पैदा हुई. परन्तु इन्होने हार नहीं मानी. नए रूल्स और रेगुलेशन के अंतर्गत मित्सुबिशी ने अपने आपको कई स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित कर लिया. जिनके अपने बिजनेस माँडल थे, परन्तु सभी अपने प्रांडक्ट्स के लिये मित्सुबिशी ब्रांड नेम उपयोग करती रही. इनमें से कुछ कंपनियों पर ये आरोप भी लगे कि ये अच्छी काँर्पोरेट प्रैक्टिस का पालन नहीं करती. उदहारण के लिये इनके पूर्व असंतुष्ट एग्जीक्यूटिव कमल सिन्हा ने एक वेबसाईट 'मित्सुबिशी वाच' के नाम से आरम्भ कर रखी है, जिसमें इस तरह की प्रैक्टिस पर ध्यान आकर्षित किया जाता है.
इन सारी कठिनाइयों के बावजूद मित्सुबिशी द्वारा समय रहते किये हुए निर्णयों के कारण अपनी लोकप्रियता कायम रखी.
मंत्र: एडवांस प्लानिंग से हर वक्त काम नहीं बनता. मौके पर ले मूल्यवान निर्णय.
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