फोर्ड मस्टांग कार के चीफ प्रजेक्ट अधिकारी और अमरीका की क्राइसलर कार कंपनी के पूर्व C.E.O श्री ली आयाकोका के अनुसार 'Even a correct decision is wrong when it was taken too late.' अर्थात बहुत देरी से लिया गया सही निर्णय भी कई बार गलत साबित हो सकता है. यदि यह सही निर्णय पूर्ण रूप से गलत नहीं होते तो उनके सुखद परिणाम नहीं मिलते जो सही वक्त पर निर्णय लेते वक्त मिल जाते. उदहारण के लिये वर्तमान में यदि दुनिया के देशों के बीच यदि Armed Conflicts में कमी आई है तो साथ की इनके बीच व्यापारिक युद्ध बहुत बढ़ गए हैं. अब इस बात की बहुत प्रतिस्पर्धा हो गई है कि किस देश की आर्थिक प्रगति की दर अधिक है और किस देश ने विश्व बाजार के निर्यात पर अपना कब्जा बढाया है. अक्सर लोग भारत की तुलना चीन से करते हैं जिसमें वह बार-बार कहा जाता है कि भारत सरकार द्वारा नहीं लिये जाने वाले सही निर्णयों के कारण चीन से पिछड़ रहा है. पिछले दिनों जयपुर में इनफ़ोसिस कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ती ने यही बात बार-बार दोहराई.
उन्हों कहा की भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 26 प्रतिशत कृषि पर आधारित है. उसकी तुलना में भारत तकरीबन 60 प्रतिशत लोग अपना रोजगार कृषि से प्राप्त करते हैं. इतनी बड़ी मात्रा में लोग यदि कृषि पर निर्भर रहेंगे, तो उनकी उत्पादकता बहुत कम होती. मूर्ती ने चीन का उद्धरण देते हुए कहा कि वहां सरकार ने Policy निर्णय लेते हुए वहां की काफी बड़ी कृषि पर आधारित जनसंख्या को लाँटेक (सरल टेक्नोलांजी पर आधारित) उद्योग धंधो पर हस्तान्तरित कर दिया. इससे चीन के लोगों की इनकम बढी और वहां के एक्सपर्ट में भी इजाफा हुआ और चीन एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर कर आया. भारत को भी इसी चीज की जरूरत है. उन्होंने जोर देकर कहा, भारत के Policy Maker समय पर निर्णय नहीं ले पाते और यदि देर से निर्णय लेते भी हैं तो उसका पालन तुरंत नहीं कर पाते. उन्होंने कई लोगों की इस बात को गलत कहा कि भारत एक प्रजातंत्र है, अतः यहाँ निर्णय देर से ही होते हैं. उन्होंने कहा कि यूरोप के कई देशों में भी प्रजातंत्र है, परन्तु वहां पर निर्णय बहुत फास्ट लिये जाते हैं. अपने दिए गए भाषण में उन्होंने यह मंत्र बार-बार दोहराया कि तुरंत निर्णय कीजिये, अन्यथा देरी से लिये गए सही निर्णय भी आपको विश्व प्रतिस्पर्धा में अधिक हैल्प नहीं कर पायेंगे.
मंत्र: निर्णय तुरंत कीजिये, देरी से लिये गए निर्णय के कारण आप प्रतिस्पर्धा में पीछे हो सकते हैं.
उन्हों कहा की भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 26 प्रतिशत कृषि पर आधारित है. उसकी तुलना में भारत तकरीबन 60 प्रतिशत लोग अपना रोजगार कृषि से प्राप्त करते हैं. इतनी बड़ी मात्रा में लोग यदि कृषि पर निर्भर रहेंगे, तो उनकी उत्पादकता बहुत कम होती. मूर्ती ने चीन का उद्धरण देते हुए कहा कि वहां सरकार ने Policy निर्णय लेते हुए वहां की काफी बड़ी कृषि पर आधारित जनसंख्या को लाँटेक (सरल टेक्नोलांजी पर आधारित) उद्योग धंधो पर हस्तान्तरित कर दिया. इससे चीन के लोगों की इनकम बढी और वहां के एक्सपर्ट में भी इजाफा हुआ और चीन एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर कर आया. भारत को भी इसी चीज की जरूरत है. उन्होंने जोर देकर कहा, भारत के Policy Maker समय पर निर्णय नहीं ले पाते और यदि देर से निर्णय लेते भी हैं तो उसका पालन तुरंत नहीं कर पाते. उन्होंने कई लोगों की इस बात को गलत कहा कि भारत एक प्रजातंत्र है, अतः यहाँ निर्णय देर से ही होते हैं. उन्होंने कहा कि यूरोप के कई देशों में भी प्रजातंत्र है, परन्तु वहां पर निर्णय बहुत फास्ट लिये जाते हैं. अपने दिए गए भाषण में उन्होंने यह मंत्र बार-बार दोहराया कि तुरंत निर्णय कीजिये, अन्यथा देरी से लिये गए सही निर्णय भी आपको विश्व प्रतिस्पर्धा में अधिक हैल्प नहीं कर पायेंगे.
मंत्र: निर्णय तुरंत कीजिये, देरी से लिये गए निर्णय के कारण आप प्रतिस्पर्धा में पीछे हो सकते हैं.
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