आस्था या अंधविश्वास में अब तक हम आपके समक्ष जितनी भी घटनाएँ लाए उन सबसे यह घटना कुछ अनोखी है। मनुष्य का पशु प्रेम किसी से छुपा नहीं है। लाखों सालों से मनुष्य और पशु एक दूसरे के साथ रहते आए हैं। परंतु यह लगाव कभी-कभी अपनी चरम सीमा तक पह़ँच जाता है और मनुष्य का पशु प्रेम आडंबर लगने लगता है।सामान्य तौर पर देखा जाता है कि बिल्ली को दिखते ही कुत्ता उसकी जान के पीछे लग जाता है। परंतु 'बिल्लू' नाम की एक कुतिया ने 'नेन्सी' बिल्ली को अपने बच्चे की तरह पाला। इन्दौर के परिवार ने करीब चार सालों से बिल्लू को पाल रखा है। तभी उन्हें अपने पड़ोस में एक नन्ही लावारिस बिल्ली पड़ी मिली जो शक्ल-सूरत में बिल्लू की तरह ही दिखती थी। उसे वे अपने घर तो ले आए पर उन्हें डर था कि बिल्ली को कुतिया से कैसे बचाकर पालें।परंतु उनका यह डर उनकी कुतिया ने दूर कर दिया। थोड़े ही दिनों में वो नेन्सी बिल्ली को अपने बच्चे की तरह प्यार देने लगी। यहाँ तक की उसके खुद के बच्चे न होने के बावजूद नेन्सी के लिए उमड़े ममत्व की वजह से वह उसे स्तनपान करवाने लगी। डोलेकर परिवार ने जब यह अनूठी घटना पशु चिकित्सक को बताई तो उन्होंने इसे सॉयकोलॉजी प्रभाव बताया।परंतु यह प्रेम कहानी अधिक समय तक चल न सकी और 10 महिनों के भीतर ही बिल्ली का देहांत हो गया। सब कुछ एक आम घटना की तरह था। परंतु यही से शुरुआत हुई आडंबर की, परिवार के लोगों ने बिल्ली को घर के सदस्य की तरह अंतिम यात्रा निकालकर उसका अंतिम संस्कार किया और वे सारे संस्कार किए जो किसी पारिवारिक सदस्य के देहांत पर किए जाते हैं। कहा तो यह भी गया कि बिल्ली की मौत पर बिल्लू कुतिया ने भी खूब आँसू बहाए।पशु के प्रति दया और प्रेम रखना वाकई एक सराहनीय काम है परंतु प्रेम का यह अजीबोगरीब तरीके का दिखावा करना कहाँ तक जायज है। आप अपनी राय से मुझे जरूर अवगत कराएँ।
01 जनवरी 2010
कुतिया ने बनाया बिल्ली को बेटी
Labels: आस्था या अन्धविश्वास
Posted by Udit bhargava at 1/01/2010 07:21:00 am
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