अभी तक हमने आपको ऐसे कई लोगों के बारे में बताया जिन पर भूत, प्रेत, जिन्न का प्रकोप रहा हो, परंतु आज हम आपको एक ऐसी जगह ले जा रहे हैं, जहाँ एक-दो व्यक्तियों पर नहीं, वरन पूरे गाँव पर भूत का प्रकोप होने का दावा किया जा रहा है।मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के गायबैड़ा ग्राम के पाँच ग्रामवासी अचानक किसी अज्ञात बीमारी का शिकार होकर मौत के मुँह में चले गए। जब ग्रामीणों को मौत का कुछ कारण समझ में नहीं आया तो वे घबराकर वहीं पास के एक तांत्रिक के पास पहुँचे। तांत्रिक ने मौत का कारण गाँव पर एक भूत का साया होना बताया। यह भी बताया कि वह भूत और लोगों को भी मार सकता है। ग्रामीणों के आग्रह पर तांत्रिक ने भूत को भगाने की एक योजना बनाई।तांत्रिक के कहने पर घोषणा की गई कि गाँव के बाहर से आए लोग तुरंत गाँव छोड़कर चले जाएँ और केवल यहाँ के रहवासी ही गाँव में ठहरें और अनिवार्य रूप से पूजा-पाठ और हवन कर्म में हिस्सा लें, तभी गाँव भूतों के साए से मुक्त हो पाएगा। इस आदेश का शब्दश: पालन किया गया और भजन, हवन आदि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर भूत को शांत किया गया।इस दौरान भूत का साया होने का दावा करने वाला तांत्रिक भी बनावटी वेशभूषा कर भूत भगाने का प्रयत्न करता रहा और अंत में जाकर पूरे गाँव की सीमा को दूध की धार गिराते हुए बाँध दिया गया। इसके पश्चात उसने गाँववालों को यकीन दिलाया कि पूजन-हवन के बाद अब गाँव भूत के साए से मुक्त हो चुका है।आमतौर यह देखा गया है कि इनसान जिस चीज को समझ नहीं पाता है उसे या तो वह देवता मान लेता है या फिर भूत-प्रेत का नाम दे देता है और इसी अज्ञानता का फायदा कुछ लोग उठाते हैं और लोगों की भावनाओं के खिलवाड़ कर पैसा कमाने की राह खोजते हैं। आज के इस कथित शिक्षित समाज में भी भूत-प्रेत का साया पड़ने जैसी बातों पर विश्वास करना किस हद तक उचित है? आप इस बारे में क्या सोचते हैं? हमें अवश्य बताइए।
01 जनवरी 2010
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