कई बार व्यक्ति जिस स्थान पर जन्म लेता है वहाँ उसकी प्रोग्रेस नहीं हो पाती मगर उस प्लेस से दूर जाते ही उसकी प्रोग्रेस होने लगती है, असेट्स भी बनने लगते हैं। इसे जानने के लिए हॉरोस्कोप देखना जरूरी है। यदि धन का आगमन देखना हो तो 'इलेवन्थ हाउस' में जो राशि होती है, उसके अनुसार लाभ व प्रोग्रेस की दिशा तय की जाती है। यदि प्रोग्रेस, जॉब आदि के लिए माइग्रेट करना हो तो नवम-दशम हाउस देखे जाते हैं।
* राशियों के अनुसार देखें तो मेष, सिंह, धनु पूर्व दिशा को दर्शाते हैं।
* वृषभ, कन्या, मकर ये दक्षिण दिशा को दिखाते हैं।
* मिथुन, तुला, कुंभ पश्चिम को दिखाते हैं।
* कर्क, वृश्चिक, मीन की दिशा उत्तर होती है।
ग्रहों की दिशाएँ :-
* ग्रहों में सूर्य ईस्ट का, चंद्र नॉर्थ-वेस्ट (वायव्य) का, मंगल साउथ का, बुध नॉर्थ का, गुरु नॉर्थ-ईस्ट का, शुक्र साउथ ईस्ट का, शनि वेस्ट का, राहु-केतु साउथ-वेस्ट का स्वामी है। हॉरोस्कोप में रूलिंग प्लेनेट की (मनुष्य ग्रह) की दिशा के अनुसार भी भाग्योदय या धनलाभ की दिशा को जाना जा सकता है।
17 अप्रैल 2010
किस दिशा में भाग्य चमकेगा ( In which way fortune shine )
Posted by Udit bhargava at 4/17/2010 10:46:00 pm
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