एक जगह कुछ लोग इकट्ठे बैठे थे। शेखचिल्ली भी वहीं बैठा था। कस्बे के कुछ समझदार लोग और हकीम जी दुर्घटनाओं से बचने के उपाय पर विचार-विमर्श कर रहे थे। किस दुर्घटना पर कौन-सी प्राथमिक चिकित्सा होनी चाहिए, इस पर भी विचार किया जा रहा था।
थोड़ी देर में हकीम जी ने वहां बैठे सभी लोगों से पूछा, “किसी के डूब जाने पर पेट में पानी भर जाए और सांस रुक जाए तो तुम क्या करोगे?” सब चुप थे।
हकीम जी के अन्य साथी बोले, “तुम बोलो शेखचिल्ली, किसी के डूबने पर उसकी सांस रुक जाए तो सबसे पहले तुम क्या करोगे?”
“उसके लिए सबसे पहले कफन लाऊंगा। फिर कब्र खोदने वाले को बुलाऊंगा”, शेखचिल्ली ने जवाब दिया।
11 अप्रैल 2010
शेखचिल्ली का कफन
Posted by Udit bhargava at 4/11/2010 11:21:00 am
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