सूर्य इस चराचर जगत के एकमात्र प्रत्यक्ष देव हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार हैं। अगर हम आज के वैज्ञानिक युग में सात घोड़ों की अवधारणा की व्याख्या करें तो पाएंगे कि सूर्य की किरणों पर सात रंगों का प्रभाव है। बरसात के मौसम में बनने वाला इंद्रधनुष भी इन्हीं सात रंगों को सामने लाने का काम करता है। इंद्रधनुष में बाहर से अंदर की ओर लाल से बैंगनी रंग समाहित हैं। ये सात रंग ही सात प्रत्यक्ष ग्रह हैं - सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि।
हमारे जीवन पर रंगों का गहरा प्रभाव पड़ता है। अलग-अलग रंग जीवन के अलग-अलग भावों को दर्शाते हैं। मसलन सफेद रंग शांति का, हरा खुशहाली का तो लाल रंग शक्ति का आभास कराता है। रंग जीवन में प्रेम और मिठास भी घोलते हैं। बगैर रंगों के जीवन नीरस हो जाता है। होली भी रंगों का त्योहार है। मकर संक्रांति पर उत्तरायण में सूर्य के आगमन के साथ ही हिंदुओं का पहला बड़ा त्योहार होली आता है। इस समय वसंत ऋतु अपने पूर्ण यौवन पर होती है। प्रकृति में उल्लास और उमंग का वातावरण होता है। सभी पेड़-पौधों पर विभिन्न रंगों के पुष्प खिले होते हैं।
वैसे भी जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए हमें सकारात्मक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। रंगों के माध्यम से हमें यह ऊर्जा प्राप्त होती है। उदाहरण के लिए जीवन में अग्नि तत्व की भरपाई लाल और नारंगी रंग से, जल तत्व की भरपाई नीले रंग से, पृथ्वी तत्व की भरपाई हरे रंग से और आकाश तत्व की भरपाई पीले रंग से होती है। वैसे भी होली प्रेम, उत्साह और उमंग का त्योहार है, जो हमें भाई-चारे की सीख देता है। फिर भी किस राशि के जातक को कौन से रंग से होली खेलना अधिक लाभदायी साबित होगा, इसकी विवेचना ज्योतिषीय परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत है।
मेष
इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। ऐसे में इस राशि वालों को लाल रंग से होली खेलनी चाहिए, परंतु जो लोग उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित हैं, उन्हें लाल रंग का त्याग करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए विकल्प स्वरूप हल्के रंगों से होली खेलना ज्यादा लाभदायक रहेगा।
वृष
इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। इस राशि वालों को गुलाबी रंग से होली खेलनी चाहिए। गुलाबी रंग से होली खेलने से इस राशि के जातकों को मानसिक स्थिरता और शांति प्राप्त होगी। इसके साथ ही इस राशि के जातकों को अपनों से बिछुड़ने से होने वाले संताप से भी राहत मिलेगी।
मिथुन
इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है। इस राशि वालों को पीले रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग उत्साह और ताजगी प्रदान करने में सहायक होगा। इससे आपकी बुद्धिमता और दूसरों को प्रोत्साहन देने वाली शक्तियों का भी विकास होगा। यह मानसिक दुर्बलता को भी दूर करने में सहायक सिद्ध होगा।
कर्क
इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। इस राशि वालों को सफेद, सिल्वर और हल्के रंगों से होली खेलनी चाहिए। इससे वैचारिक द्वंद्व से उबर मानसिक स्थिरता और शांति प्राप्त होगी। सिल्वर रंग से होली खेलने से आपको तरक्की में सहायक सिद्ध होने वाले अवसरों का भी लाभ मिलेगा।
सिंह
इस राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस राशि वालों को नारंगी रंग से होली खेलनी चाहिए। यह समृद्धि और खुशमिजाजी प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। इस राशि के जातकों को यह रंग भावनात्मक पीड़ाओं से मुक्ति दिलाने में भी मददगार सिद्ध होगा।
कन्या
इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है। इस राशि वालों को भूरे हरे अथवा नीले रंग से होली खेलनी चाहिए। इस राशि के जातकों को ये रंग मानसिक भय कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे।
वैसे भी जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए हमें सकारात्मक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। रंगों के माध्यम से हमें यह ऊर्जा प्राप्त होती है। उदाहरण के लिए जीवन में अग्नि तत्व की भरपाई लाल और नारंगी रंग से, जल तत्व की भरपाई नीले रंग से, पृथ्वी तत्व की भरपाई हरे रंग से और आकाश तत्व की भरपाई पीले रंग से होती है। वैसे भी होली प्रेम, उत्साह और उमंग का त्योहार है, जो हमें भाई-चारे की सीख देता है। फिर भी किस राशि के जातक को कौन से रंग से होली खेलना अधिक लाभदायी साबित होगा, इसकी विवेचना ज्योतिषीय परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत है।
मेष
इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। ऐसे में इस राशि वालों को लाल रंग से होली खेलनी चाहिए, परंतु जो लोग उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित हैं, उन्हें लाल रंग का त्याग करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए विकल्प स्वरूप हल्के रंगों से होली खेलना ज्यादा लाभदायक रहेगा।
वृष
इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। इस राशि वालों को गुलाबी रंग से होली खेलनी चाहिए। गुलाबी रंग से होली खेलने से इस राशि के जातकों को मानसिक स्थिरता और शांति प्राप्त होगी। इसके साथ ही इस राशि के जातकों को अपनों से बिछुड़ने से होने वाले संताप से भी राहत मिलेगी।
मिथुन
इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है। इस राशि वालों को पीले रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग उत्साह और ताजगी प्रदान करने में सहायक होगा। इससे आपकी बुद्धिमता और दूसरों को प्रोत्साहन देने वाली शक्तियों का भी विकास होगा। यह मानसिक दुर्बलता को भी दूर करने में सहायक सिद्ध होगा।
कर्क
इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। इस राशि वालों को सफेद, सिल्वर और हल्के रंगों से होली खेलनी चाहिए। इससे वैचारिक द्वंद्व से उबर मानसिक स्थिरता और शांति प्राप्त होगी। सिल्वर रंग से होली खेलने से आपको तरक्की में सहायक सिद्ध होने वाले अवसरों का भी लाभ मिलेगा।
सिंह
इस राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस राशि वालों को नारंगी रंग से होली खेलनी चाहिए। यह समृद्धि और खुशमिजाजी प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। इस राशि के जातकों को यह रंग भावनात्मक पीड़ाओं से मुक्ति दिलाने में भी मददगार सिद्ध होगा।
कन्या
इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है। इस राशि वालों को भूरे हरे अथवा नीले रंग से होली खेलनी चाहिए। इस राशि के जातकों को ये रंग मानसिक भय कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे।
तुला
इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। इस राशि वालों को हल्के नीले या हल्के हरे रंग से होली खेलनी चाहिए। इससे आपको मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक क्षेत्र में लाभ देने वाली सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी। ये रंग मानसिक तनाव को कम करने में भी मदद देंगे।
वृश्चिक
इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। इस राशि वालों को मरून रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग वैचारिक शक्ति बढ़ाता है। इसके साथ ही इसकी मदद से सामाजिक व्यवहारकुशलता का गुण अर्जित करने में भी भारी सफलता प्राप्त होती है।
धनु
इस राशि का स्वामी ग्रह गुरु है। इस राशि वालों को बैंगनी और गहरे नीले रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग गुस्सैल और अवसाद ग्रस्त लोगों के लिए आत्मविश्वास प्रदान करने में भी सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ ही यह रंग आध्यात्मिकता और सृजनशीलता भी बढ़ाता है।
मकर
इस राशि का स्वामी ग्रह शनि है। इस राशि वालों को गहरे स्लेटी और चटख रंगों से होली खेलनी चाहिए। पुलिस और सेना जैसे क्षेत्र से जुड़े इस राशि के जातकों के लिए यह रंग वैचारिक बंधनों को तोड़ अपनी सृजनात्मक सीमाओं को विस्तार देने में मददगार साबित होगा।
कुंभ
इस राशि का स्वामी ग्रह भी शनि है। इस राशि वालों को फिरोजी रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग उत्तम स्वास्थ्य और रिश्तों की मजबूती में भी सहायक सिद्ध होगा। इस राशि के जातकों को यह रंग मानसिक अवसाद से निजात दिलाने में मददगार होगा।
मीन
इस राशि का स्वामी ग्रह गुरु है। इस राशि वालों को हरे और आसमानी रंग से होली खेलनी चाहिए। यह आध्यात्मिक उन्नति और उत्साहवर्धन करने में सहायक सिद्ध होगा। इस राशि के जातकों को इन रंगों से होली खेलने से पूर्वाभास के क्षेत्र में उत्तम लाभ प्राप्त होगा।
वृश्चिक
इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। इस राशि वालों को मरून रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग वैचारिक शक्ति बढ़ाता है। इसके साथ ही इसकी मदद से सामाजिक व्यवहारकुशलता का गुण अर्जित करने में भी भारी सफलता प्राप्त होती है।
धनु
इस राशि का स्वामी ग्रह गुरु है। इस राशि वालों को बैंगनी और गहरे नीले रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग गुस्सैल और अवसाद ग्रस्त लोगों के लिए आत्मविश्वास प्रदान करने में भी सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ ही यह रंग आध्यात्मिकता और सृजनशीलता भी बढ़ाता है।
मकर
इस राशि का स्वामी ग्रह शनि है। इस राशि वालों को गहरे स्लेटी और चटख रंगों से होली खेलनी चाहिए। पुलिस और सेना जैसे क्षेत्र से जुड़े इस राशि के जातकों के लिए यह रंग वैचारिक बंधनों को तोड़ अपनी सृजनात्मक सीमाओं को विस्तार देने में मददगार साबित होगा।
कुंभ
इस राशि का स्वामी ग्रह भी शनि है। इस राशि वालों को फिरोजी रंग से होली खेलनी चाहिए। यह रंग उत्तम स्वास्थ्य और रिश्तों की मजबूती में भी सहायक सिद्ध होगा। इस राशि के जातकों को यह रंग मानसिक अवसाद से निजात दिलाने में मददगार होगा।
मीन
इस राशि का स्वामी ग्रह गुरु है। इस राशि वालों को हरे और आसमानी रंग से होली खेलनी चाहिए। यह आध्यात्मिक उन्नति और उत्साहवर्धन करने में सहायक सिद्ध होगा। इस राशि के जातकों को इन रंगों से होली खेलने से पूर्वाभास के क्षेत्र में उत्तम लाभ प्राप्त होगा।
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