वर्तमान समय में सोशल स्किल्स आपके पर्सनैलिटी को निखारने के लिये आवश्यक हो गए हैं। आज यह आपके प्रोफेशनल और बिज़नस मैनर्स का एक भाग बन गए हैं। साथ ही करियर को बुलंदी पर पहुंचाने के लिये आज यह काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
दूसरों के साथ आपका व्यवहार कैसा है, यह आपकी उन्नती का एक कारण बन सकता है, इसलिए आवश्यक है कि आप अपने व्यवहार को इस तरह का बनाएं कि सभी के साथ आपके अच्छे सम्बन्ध बने रहें, ताकि आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के टारगेट्स निर्बाध पूरे हो सकें। यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति में यह सोशल स्किल्स स्वभावतः ही हों। थोड़े अभ्यास से इस गुण को अपने अन्दर विकसित कर सकते हैं। इससे आपको करियर में आगे बढ़ने में काफी लाभ भी मिलेगा। सोशल स्किल्स को विकसित करने के लिये आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा। अधिकांशतः हम दूसरों की बात को सुनने से पहले ही सोच लेते हैं कि वह क्या कहेगा, ऐसा एटीट्यूड ठीक नहीं है। अक्सर ऐसा तब भी होता है, जब हमारे उच्चाधिकारी हमें कुछ निर्देश देते हैं और हम उसे समझ नहीं पाते है। परिणामस्वरूप गलतियाँ होना स्वाभाविक ही होता है, पर देखने में ऐसा लगता है कि निर्देशों का उचित पालन नहीं हुआ। इस सभी से बचने के लिये आपको अपने में कुछ परिवर्तन लाकर निम्न बातों को अपनाना चाहिए।
आपसे जो भी बात कही जा रही है, उसे ध्यानपूर्वक सुनें और समझें, ताके उसका सही अनुपालन हो सके। अपनी बात को स्पस्ट रूप से और प्रभावी ढंग से कहने की आदत डालें। आपसे जो कुछ कहा जा रहा है, उसे अच्छी तरह से समझकर ही करें, जिससे आप अपेक्षित परिणाम दे सकें। यदि आपको किसी की बात एक बार में समझ में न आए, तो दूसरी बार पूछने में झिझकें नहीं, क्योंकि गलती करके सीखने से अच्छा है कि बिना किसी हिचकिचाहट के बात को स्पस्ट तरीके से समझकर उसके ही अनुरूप काम किया जाए।
साथ ही कुछ साफ्ट स्किल्स भी प्रयास कर सीखने की कोशिश करें, जैसे कि कम्युनिकेशन स्किल्स और बॉडी लैंग्वेज की समझ। इससे अतिशय तनाव के क्षणों में आप अपने को ज्यादा शांत रख सकेंगे। उदहारण के लिये अगर कोई समस्या आपको परेशान कर रही है, तो उसे अपने सुपरवाइजर या बाँस से से डिस्कस करने में संकोच न करें। अपनी बात को उन्हें पूर्ण रूप से समझाएं, लेकिन याद रखें आप अपनी समस्या को उनके पास 'एक्सप्लेन' करने गए हैं, न कि 'कंप्लेन' करने। अपनी समस्या बताते समय अपनी आवाज और भाषा-शैली पर पूर्ण नियंत्रण रखें। यहीं पर आपके कम्युनिकेशन स्किल्स की भूमिका शुरू होती है। आपको पता होना चाहिए कि कौन से शब्दों से आपकी बात शिकायत कम, घटना का ब्यौरा ज्यादा लगेगी। बाँस से बात करते समय अपनी बाँडी लैंग्वेज पर कण्ट्रोल करना भी आपके फेवर में जायेगा।
इन बातों का ध्यान रखकर आप अपने व्यवहार और व्यक्तित्व में सुधार के साथ-साथ अपनी सोशल इमेज भी इम्प्रूव कर सकते हैं।
20 जून 2010
बढाएं सोशल स्किल्स ( Increase Social Skills )
Posted by Udit bhargava at 6/20/2010 09:03:00 am
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Good one
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