06 फ़रवरी 2009

श्री नर्मदा जी क़ी आरती

आरती

आरती श्री नर्मदा जी क़ी
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी ।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरिशंकर रुद्री पालन्ती । ॐ जय ॥ क॥
देवी नारद शारद तुम, वरदायक अभिनव पद्चंदी ।
सुरनर मुनि जन सेवत, सुरनर मुनि शारद पदवन्ती । ॐ जय ॥ खा॥
देवी धूमक वाहन, राजत वीणा वादयन्ती ।
झूम्कत झूम्कत झूम्कत, झनननझननन रम्तीराराजन्ती । ॐ जय ॥ फ॥
देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर्मंडल रमती ।
तोडीतान तोडीतान तोडीतान, तुरडड रमति सुख्वन्ति । ॐ जय ॥ ब॥
देवी सकल भुवन पर, आप विराजत निशदिन
गावत गंगाशंकर सेवत, रेवाशंकर तुम भव मेटन्ती । ॐ जय ॥ भ॥
मैया जी को कंचन थार, विराजत अगर कपूर बाती
अमम कण्ठ में विराजत, घाटनघाट कोटी रतन जोती । ॐ जय ॥ फ॥
मैया जी की आरती जो निशदिन पढ गावें,
कहत शिवनन्द स्वामी, मनवांछित फ़ल । ॐ जय ॥ म॥