आरती
आरती श्री यमुनाजी क़ी
ॐ जय यमुना माता, हरी ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे ये है सुख दाता। ॐ ...
पावन श्री यमुनाजल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण में आता कर देती निस्तारा। ॐ ...
जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान धरे। ॐ ...
कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही। ॐ ...
आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो । ॐ ...
नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन बेचैन रहत है तुम बिन वैतरणी । ॐ ...
06 फ़रवरी 2009
श्री यमुनाजी क़ी आरती
Posted by Udit bhargava at 2/06/2009 09:10:00 pm
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