06 फ़रवरी 2009

चिन्तपूर्णी देवी जी की आरती

आरती

आरती श्री चिन्तपूर्णी देवी जी की
चिन्तपूर्णी चिंता दूर करनी,
जन को तारो भोली मां ।
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा,
सिंह अपर भाई असवार भोली मां ॥
एक हाथ खडग दूजे में खंडा,
तीजे त्रिशूल संभाले, भोली मां ॥
चौथे हाथ चक्कर, गदा पांचवें,

छठे मुंडों दी माल भोली मां ॥
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाए भोली मां ॥
हरी हर ब्रह्मा तेरे भवन विराजे,
लाला चंदोया बैठी तान, भोली मां ॥

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया, भोली मां ॥
सुमार चारण ध्यानू जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ, भोली मां ॥