ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे
खाटू धाम विराजत , अनुपम रुप धरे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....
रत्न जड़ित सिंहासन , सिर पर चंवर ढुले
तन केशरिया बागों , कुण्डल श्रवण पडे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... गल पुष्पों की माला , सिर पर मुकुट धरे
खेवत धूप अग्नि पर , दिपक ज्योती जले ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....
मोदक खीर चुरमा , सुवरण थाल भरें
सेवक भोग लगावत , सेवा नित्य करें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....
झांझ कटोरा और घसियावल , शंख मृंदग धरे
भक्त आरती गावे , जय जयकार करें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....
जो ध्यावे फल पावे , सब दुःख से उबरे
सेवक जन निज मुख से , श्री श्याम श्याम उचरें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....
श्री श्याम बिहारी जी की आरती जो कोई नर गावे
कहत मनोहर स्वामी मनवांछित फल पावें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....
ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे
निज भक्तों के तुम ने पूर्ण काज करें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....
ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे
खाटू धाम विराजत , अनुपम रुप धरे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....
06 फ़रवरी 2009
श्री श्यामबाबा की आरती
Posted by Udit bhargava at 2/06/2009 09:14:00 am
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