सूखी खाँसी : बबूल के गोंद का छोटा सा टुकड़ा मुँह में रखकर चूसने से खाँसी में आराम होता है।
ज्यादा पसीना : शरीर से बहुत पसीना आता हो तो बबूल की पत्तियाँ पीसकर शरीर पर मसलें। इसके बाद छोटी हरड़ का महीन पिसा हुआ चूर्ण भभूति की तरह पूरे शरीर पर लगाकर मसलें और फिर स्नान कर लें। थोड़े दिन यह प्रयोग करने पर पसीना आना बन्द हो जाता है।
रक्त प्रदर : बबूल का गोंद घी में तल कर फूले निकाल लें और पीस लें। इसके बराबर वजन में असली सोना गेरू पीसकर मिला कर तीन बार छान कर शीशी में भर लें। मासिक ऋतु स्राव के दिनों में सुबह शाम 1-1 बड़ा चम्मच चूर्ण ताजे पानी के साथ लेने से रक्त प्रदर यानी अधिक मात्रा में स्राव होना बन्द हो जाता है।
11 फ़रवरी 2010
बबूल के गुणकारी नुस्खे
Posted by Udit bhargava at 2/11/2010 06:57:00 am
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
एक टिप्पणी भेजें