23 जुलाई 2010

अगर सिरदर्द हो रूममेट ( If the headache Roommate )

हरप्रीत कौर सियान उत्तर प्रदेश के एक छोटे शहर की हैं और पिछले 2 सालों से दिल्ली में रह कर चार्टर्ड एकाउंटेंट का कोर्स कर रही हैं। वह दिल्ली के लक्ष्मी नगर के एक प्राइवेट गर्ल्स होस्टल में रहती हैं? हरप्रीत अकेली नहीं, वह अपनी ही हमउम्र मेघा के साथ रूम शेयर करतीं हैं। यह पूछे जाने की रूममेट के साथ रहते हुए किस तरह के अनुभव होते हैं। हरप्रीत कहती हैं, "रूममेट के साथ रहते हुए हमें पता होता है की हमने कुछ दिन अपने-अपने मकसद के लिये साथ रहना है।

इसलिए अगर आपस में हमारे किन्हीं बातों को लेकर मतभेद होते हैं तो व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए उन मतभेदों की अनदेखी करणी पड़ती है। इसलिए कह सकते हैं की रूममेट के साथ रहना है तो वह अगर दोस्त न भी हो तो भी दोस्त की तरह ही उस के साथ रहना होता है। आखिरकार इस के पीछे पढाई, कैरियर या ऐसा ही कोई मकसद होता है।"

वास्तव में रूममेट भले ही जीवन के किसी मोड़ का बहुत थोड़े दिनों का ही साथी क्यों न हो, फिर भी वह इतना अस्थायी भी नहीं होता जितना की साथ में सफ़र करने वाला कोई यात्री।

रूममेट्स कैसे भी हो सकते हैं। शोर मचाने वाले, हमेशा चुप रहने वाले, कमरे को अस्तव्यस्त रखने वाले, चिपकू या दूसरों पर निर्भर रहने वाले, और भी न जाने कितनी अलग तरह की आदतों वाले रूममेट्स से यंग जनरेशन को सामना करना पड़ता है। कई स्टुडेंट्स का तो रूममेट्स के साथ रहने का अनुभव इतना कड़वा होता है की वे बड़ी मुशिकल से अपना समय गुजारते हैं। कई रूममेट्स की खराब आदतों के कारण दूसरे रूममेट्स को एडजस्ट करने में काफी परेशानी होती है।

आइए जाने, रूममेट्स के साथ किस-किस तरह की समस्याएँ हो सकती हैं और उन समस्याओं पर काबू पाने के लिए हमें क्या-क्या उपाय करने चाहिए:-
जो स्टुडेंट्स होस्टल में आवास की असुविधा पाने में असफल रहते हैं, उन्हें मजबूरन कालेज के आसपास ही अलग घर ले कर रहना पडा है। दिल्ली जैसे शहर मेंम जहाँ एक कमरे का किराया एक स्टुडेंट्स को देना भारी होता है, उसे अपने साथ दूसरे स्टुडेंट्स को देना भारी होता है, उसे अपने साथ एक स्टुडेंट्स को रखना मजबूरी होती है। यदि किसी का सामना ऐसे रूममेट्स से हो जाए, जो हर समय कमरे को अस्तव्यस्त रखते हों तो ऐसा रूममेट हर समय एक समाया बने रहते हैं, क्योंकि ऐसे लोग पूरे कमरे में खाना खाने के बात जूठे बर्तनों को फैला देते हैं। उन्हें गंदे कपडे के ढेर लगा कर लम्बे समय तक रखने की भी आदत होती है। इस में यदि दूसरा रूममेट भी ऐसा ही हो तो परेशानी नहीं होती। लेकिन व्यवस्थित व अनुशाषित ढंग से रहने वाले रूममेट को ऐसे रूममेट्स के साथ काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस तरह के रूममेट्स से निबटने के लिये थोड़ा कडा रूख अख्तियार करना होगा, क्योंकि ऐसे लोग थोड़ी सख्ती से ही सही रह सकते हैं।

पर्सनल चीजों का इसेमाल 
घर से बाहर रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद अपना बिल न अदा करना, अपने हिस्से के किराए तमाम दूसरे खर्चों को देने में आनाकानी करने वाले रूममेट्स सिरदर्द होते हैं, ऐसे रूममेट्स से निबटने के लिये उन्हें पहले प्यार से समझाने का प्रयास करें की उन का अपने हिस्से का पैसा न देना, उन के दूसरे रूममेट्स के लिये कितनी बड़ी समस्या है। यदि वे अपनी आदत को नहीं सुधारते हों तो उन से किनारा कर लेने में ही भलाई है।

प्राइवेसी
एक रूममेट की अनुपस्थिति में दूसरे रूममेट का अपनी गर्लफ्रैंड/ बाँयफ्रैंड को रूम में आमंत्रित करना और स्वयं को सेक्स की गतिविधियों में संलग्न करना कई बार दूसरे रूममेट के लिये काफी परेशानी का विषय बन जाता है। इस विषय में भी दोनों रूममेट्स को समझदारी से काम लेना चाहिए।
बहरहाल, अगर आप स्टुडेंट्स हैं और स्कूल, कालेज या यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह रहे हैं या फिर कैरियर बनाने के लिये किसी छोटे शहर से आए हैं और किराया शेयर करने के लिए साथी तालाश रहे हैं तो भी इस बात में झिझक की जरूरत नहीं है। अपनी गर्लफ्रैंड/ बाँयफ्रैंड को कमरे में आमंत्रित करने वाले रूममेट से साफ़ कह दें की वह उस की अनुपस्थिति में कमरे में इस तरह की गलत चीजों को करने से अपने आप को रोके, क्योंकि इस से मकान मालिक को भी आपत्ति हो सकती है और दोनों को वहां से बाहर किया जा सकता है।

1 टिप्पणी: