17 जनवरी 2010

सुखी, सफल जीवन के सूत्र

*जिम्मेदारी एक शक्ति है, न कि बोझ।
* जीवन में सिर्फ इच्छाएँ नहीं पालिए, लक्ष्य बनाइए।
*सोचिए जो भी मेरे पास है, मेरे लिए खास है।
*हमारी तीन महत्वपूर्ण संपत्तियाँ हैं- शरीर, समय एवं मनोवृत्ति।
*सफलता के तीन नियम हैं- मेहनत, आत्मविश्वास एवं आत्मविकास।
*कोई भी काम सिर्फ काम चलाने के लिए नहीं, परंतु आगे बढ़ने के लिए करें।
*यदि आप पूरी जिंदगी के लिए खुशी चाहते हैं तो अपने काम से प्यार करना सीखें।
*असफलता वह अवसर है, जब आप अधिक समझदारी से दोबारा शुरुआत कर सकते हैं।
*खुश रहना भी एक आदत है। लगन से मेहनत करना भी एक आदत है।
*कोल्हू का बैल सारा दिन घूमता रहता है, लेकिन रहता वहीं का वहीं है।
*पढ़े-लिखे होने से अच्छा है, पढ़ते-लिखते रहना।
*दलदल में रहोगे, तो तैरना नहीं सीखोगे।
*ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश करें ताकि भविष्य में खेद नहीं रहे कि कोशिश नहीं की थी।
*सीधी बातचीत मित्रता बनाए रखने का श्रेष्ठ तरीका है।
*हर दिन की शुरुआत सुखद, संतुष्ट व सुखी नजरिए से कीजिए। आप पाएँगे कि आपका दिन सुखद व सफल गुजरेगा।