अर्थात संसार में ऐसा कोई नहीं जिसने बिना unique selling proposition के सफलता पाई। आखिर यह unique selling proposition क्या है?
इसका मतलब है कि किसी चीज या व्यक्ति में सफल होने के लिये एक ऐसी विशेषता होनी चाहिए। जो न केवल उसको दूसरों से अलग करे और साथ ही दूसरे व्यक्तियों को उस विशेषता से अच्छा लाभ होता हुआ भी लगे।
उदहारण के लिये एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ने भारत के ग्रामीण इलाकों के लिये एक ऐसा रेडियो चालू। इसी तरह से एक शेविंग क्रीम निर्माता ने क्वालिटी को बिना गिराए ऐसी क्रीम मार्केट में उतारी, जो बेहद सस्ती थी। इसका सबसे बड़ा फायदा बार्बर शाँप [नई की दुकानों] हो हुआ। यही कारण है कि देश के अधिकाँश छोटे एवं माध्यम साइज की नई की दुकानें इसी शेविंग क्रीम का इस्तेमाल ग्राहक की शेव बनाने के लिये करते हैं। ऐसा करने से उनकी बचत अधिक होती है। वे अधिक पैसा कमाते हैं। इसी तरह यदि आप किसी संसथान के लिये कार्य कर रहे हैं तो आपको इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि आप में ऐसी क्या विशेषता है जो आपको दूसरे कर्मचारियों से अलग करती है। आप में हजारों अवगुण हो सकते हैं, जिसके बारे में सारी संस्था gossip करती है, परन्तु एक ऐसा गुण या विशेषता भी होनी जरूरी है, जिससे संस्था को लाभ हो। क्या आप में सोचने की शक्तिक अच्छे है, क्या आप अच्छे रिपोर्ट लिख सकते हैं या आप में भाग-दौड़ करने की क्षमता है या आपका दिमाग बहुत analytical है या आप में networking करने की काबलियत है अर्थात आप दोसरों से अच्छे Relation [संबंध] आसानी से बना सकते हैं इत्यादि। आकार यह देखा जाता है कि कर्मचारी या एग्जीक्यूटिव अपने अवगुणों पर होने वाली Gossip को राजनीति की संज्ञा देकर उससे परशान होते रहते हैं और अपनी energy व्यर्थ ही waste करते हैं। उनको अपना सारा ध्यान अपने उन गुणों का विकास करने में लगा देना चाहिए। जिससे संस्थान को लाभ हो और वह दूसरों से अलग नजर आएं।
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