धरती : यह नाम इसलिए है क्योंकि यह हमें, पूरी सृष्टि को अपने पर धारण करती है, अपने शरीर पर धर लेती है इसकारण इसका नाम धरती है।
पृथ्वी : कथा है सतयुग में इक्ष्वाकु वंश के एक राजा वेन हुए। उन्होंने इतने अत्याचार किए कि धरती बंजर हो गई, नदियां सूख गई, जैसे सारी औषधि, वन, अन्न, जल धरती ने अपने अंदर ही समा लिए। तब इसी वेन के पुत्र राजा पृथु ने इस पृथ्वी का दोहन किया, इसे फिर पहले जैसा किया। ये पृथु भगवान विष्णु के 24 अवतारों में एक माने गए हैं। इन्हीं के नाम पर इसका नाम पृथ्वी पड़ा।
वसुंधरा : हमारे तैतींस कोटि देवताओं में प्रमुख आठ वसु माने जाते हैं। ये पृथ्वी के देवता हैं। इसी सृष्टि में वास करते हैं। इन वसुओं को धारण करने के कारण इसका नाम वसुंधरा भी है।
भूमि : इसके कई अर्थ हैं भूमि का सबसे ठीक अर्थ है उत्पत्ति स्थल। यह समस्त प्राणियों का उत्पत्ति स्थल है इसलिए इसे भूमि कहते है। एक और शब्द है भूमा जिसका अर्थ है ऐश्वर्य। यह धरती सभी ऐश्वर्यो से परिपूर्ण है इसकारण भी इसे भूमि कहा जाता है।
जमीन : यह फारसी शब्द है। एक शब्द होता है जर्रा, यानी कण, यह कण-कण को धारण करती है इसलिए जमीन है।
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